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कालेश्वरम प्रोजेक्टः इंजीनियरिंग का बेमिसाल नमूना, अनूठी परियोजना के बारे में जानें सबकुछ - जगन को केसी राव ने दिया न्योता

आज (शुक्रवार) तेलंगाना में लगभग 80 हजार करोड़ रुपये की परियोजना के लिंक वन का उद्घाटन किया जाएगा. गोदावरी नदी के पानी से बनने वाले कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना की दुनिया भर में चर्चा की जा रही है. जानें क्या है इसकी खासियत

कालेश्वरम सिंचाई परियोजना की प्रतीकात्मक तस्वीर
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Published : Jun 20, 2019, 4:52 PM IST

Updated : Jun 21, 2019, 9:55 AM IST

हैदराबाद: तेलंगाना की कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना दुनिया की सबसे अनूठी और अद्भुत परियोजना है. इसे इंजीनियरिंग का बेमिसाल नमूना माना जा रहा है. इसके तहत गोदावरी नदी के पानी को 618 मीटर ऊपर तक ले जाया जाएगा. सात लिंक में यह योजना पूरी होगी. तेलंगाना गोदावरी नदी से आधा किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है.

परियोजना पूरी हो जाने पर तेलंगाना में पानी की समस्या दूर हो सकेगी. पीने के पानी से लेकर सिंचाई और अलग-अलग उद्योगों को पानी मिल सकेगा. एक अनुमान के मुताबिक राज्य के 13 जिलों की 37 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई संभव हो सकेगी.

कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना

पानी को ऊंचाई तक ले जाने के लिए जमीन से करीब 330 मीटर नीचे बड़ा पंप स्टेशन बनाया गया है. इसकी क्षमता 139 मेगावाट है. यह दुनिया का सबसे बड़ा पंपिंग स्टेशन है. बताया जा रहा है कि यदि इस पंप को दो दिनों तक चलाया जाए, तो यह हैदराबाद के हुसैन सागर झील को भर देगा.

पानी को ऊंचाई पर ले जाकर स्टोर किया जाता है, फिर पाइप के जरिए एक जगह से दूसरे जगह ले जाना होता है. सात लिंकों में यह योजना पूरी होगी. शुक्रवार- 21 जून को लिंक वन का उद्घाटन है. पूरे परियोजना की लागत करीब 80 हजार करोड़ रुपये है.

कितना पानी का हो सकेगा इस्तेमाल

  • योजना पूरी हो जाने पर हैदराबाद और सिंकदराबाद में पीने के पानी की समस्या कम हो जाएगी.
  • तेलंगाना के 13 जिलों में पानी की समस्या दूर हो सकेगी. यहां के गावों को सिंचाई और पीने का पानी मिल सकेगा.
  • जिस इलाके से यह परियोजना गुजरेगी, वहां पर पानी का ग्राउंड लेवल ऊपर उठने की उम्मीद है.
  • पानी को ऊपर ले जाने के लिए 2890 करोड़ की लागत से बिजली का नेटवर्क बनाया गया है.
  • इस साल हर दिन 2 टीएमसी पानी को ऊपर ले जाया जाएगा. अगले साल से तीन टीएमसी पानी को ऊपर ले जाया जाएगा.
  • तेलंगाना और महाराष्ट्र के बीच समझौते के बाद परियोजना आगे बढ़ी है. 8 मार्च 2016 को दोनों राज्यों के बीच समझौता हुआ था.
  • 2 मई 2016 को जयशंकर भुपाली जिले के कान्नेपल्ली में आधारशिला रखी गई थी.
  • मुख्य नहर की लंबाई 1531 किमी है. इसे 12 ब्लॉक में बांटा गया है. 203 किमी सुरंग में पाइप के जरिए पानी ले जाया जाएगा
  • इसे बनाने से पहले अधिकारियों को बैराज के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए ऑस्ट्रिया भेजा गया था. वहां जाकर उन्होंने पंप की क्षमता पर अध्ययन किया.

प्रोजेक्ट के तहत आने वाले बांध और जलाशय

  1. मेडीगड्डा बैराज
  2. अन्नारम बैराज
  3. सुंडील्ला बैराज
  4. मेडाराम जलाशय
  5. अंतागिरि जलाशय
  6. श्रीरंगान्यका जलाशय
  7. श्रीकुमुरावेल्ली मल्लान्ना सागर जलाशय
  8. कोंडा पोचम्मा सागर
  9. गंधमल्ला जलाशय
  10. बास्वापुर जलाशय
  11. भूमपल्ली जलाशय
  12. कोडेम चेरुवु
  13. टिम्मक्कापल्ली जलाशय
  14. दंतेपल्ली जलाशय
  15. मुड्डीजीवाडी टैंक
  16. काटेवाडी टैंक
  17. मोदे जलाशय

सात लिंक पूरा होने के बाद यह प्रोजेक्ट पूरा होगा.

  • पहले लिंक में मेडीगुड्डा, अन्नाराम, सुंडील्ला पर पानी रखने के लिए स्टोरेज बनाया गया है. 33 टीएमसी पानी की स्टोरेज क्षमता है. इन तीनों स्टोरेज से होकर पानी को श्रीपद येल्लमपल्ली जलाशय तक ले जाया गया है.

लिंक 2

  • इसमें पानी को श्रीपद येल्लमपल्ली से मिड मनायर जलाशय तक पानी ले जाया जाएगा. बीच में मेंडारम टैंक पड़ता है. यहां पानी स्टोर होगा.

लिंक 3

  • इस फेज में पानी को मिड मनायर से अपर मनायर तक पानी ले जाया जाएगा. बीच में यह मलकपेट क्षेत्र के लोगों को पानी मिल सकेगा.

लिंक 4

  • इस फेज में अपर मनायर जलाशय से कोंडा पोचम्मा सागर तक पानी ले जाया जाएगा. इस फेज में अनंतगिरि, श्रीकुमारवेल्ली मलन्ना सागर, श्रीरंगानान्यका सागर में पानी देगा. 5.9 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई हो सकेगी.

लिंक 5

  • श्रीकुमारेल्ली मलन्नासागर से मुल्काल्लापल्ली तक पानी ले जाया जाएगा. गंधमल्ला, बास्वपुर जलाशय तक पानी ले जाया जाएगा.

लिंक 6

  • सिंगुल जलाशय तक पानी ले जाया जाएगा.

लिंक 7

  • 559428 एकड़ जमीन की सिंचाई की जा सकेगी.

बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसी राव ने आंध्र के नवनिर्वाचित सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी को परियोजना के लिंक वन के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने के लिए न्योता दिया है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना की कुल लागत लगभग 80 हजार करोड़ रुपये बताई जा रही है.

हैदराबाद: तेलंगाना की कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना दुनिया की सबसे अनूठी और अद्भुत परियोजना है. इसे इंजीनियरिंग का बेमिसाल नमूना माना जा रहा है. इसके तहत गोदावरी नदी के पानी को 618 मीटर ऊपर तक ले जाया जाएगा. सात लिंक में यह योजना पूरी होगी. तेलंगाना गोदावरी नदी से आधा किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है.

परियोजना पूरी हो जाने पर तेलंगाना में पानी की समस्या दूर हो सकेगी. पीने के पानी से लेकर सिंचाई और अलग-अलग उद्योगों को पानी मिल सकेगा. एक अनुमान के मुताबिक राज्य के 13 जिलों की 37 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई संभव हो सकेगी.

कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना

पानी को ऊंचाई तक ले जाने के लिए जमीन से करीब 330 मीटर नीचे बड़ा पंप स्टेशन बनाया गया है. इसकी क्षमता 139 मेगावाट है. यह दुनिया का सबसे बड़ा पंपिंग स्टेशन है. बताया जा रहा है कि यदि इस पंप को दो दिनों तक चलाया जाए, तो यह हैदराबाद के हुसैन सागर झील को भर देगा.

पानी को ऊंचाई पर ले जाकर स्टोर किया जाता है, फिर पाइप के जरिए एक जगह से दूसरे जगह ले जाना होता है. सात लिंकों में यह योजना पूरी होगी. शुक्रवार- 21 जून को लिंक वन का उद्घाटन है. पूरे परियोजना की लागत करीब 80 हजार करोड़ रुपये है.

कितना पानी का हो सकेगा इस्तेमाल

  • योजना पूरी हो जाने पर हैदराबाद और सिंकदराबाद में पीने के पानी की समस्या कम हो जाएगी.
  • तेलंगाना के 13 जिलों में पानी की समस्या दूर हो सकेगी. यहां के गावों को सिंचाई और पीने का पानी मिल सकेगा.
  • जिस इलाके से यह परियोजना गुजरेगी, वहां पर पानी का ग्राउंड लेवल ऊपर उठने की उम्मीद है.
  • पानी को ऊपर ले जाने के लिए 2890 करोड़ की लागत से बिजली का नेटवर्क बनाया गया है.
  • इस साल हर दिन 2 टीएमसी पानी को ऊपर ले जाया जाएगा. अगले साल से तीन टीएमसी पानी को ऊपर ले जाया जाएगा.
  • तेलंगाना और महाराष्ट्र के बीच समझौते के बाद परियोजना आगे बढ़ी है. 8 मार्च 2016 को दोनों राज्यों के बीच समझौता हुआ था.
  • 2 मई 2016 को जयशंकर भुपाली जिले के कान्नेपल्ली में आधारशिला रखी गई थी.
  • मुख्य नहर की लंबाई 1531 किमी है. इसे 12 ब्लॉक में बांटा गया है. 203 किमी सुरंग में पाइप के जरिए पानी ले जाया जाएगा
  • इसे बनाने से पहले अधिकारियों को बैराज के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए ऑस्ट्रिया भेजा गया था. वहां जाकर उन्होंने पंप की क्षमता पर अध्ययन किया.

प्रोजेक्ट के तहत आने वाले बांध और जलाशय

  1. मेडीगड्डा बैराज
  2. अन्नारम बैराज
  3. सुंडील्ला बैराज
  4. मेडाराम जलाशय
  5. अंतागिरि जलाशय
  6. श्रीरंगान्यका जलाशय
  7. श्रीकुमुरावेल्ली मल्लान्ना सागर जलाशय
  8. कोंडा पोचम्मा सागर
  9. गंधमल्ला जलाशय
  10. बास्वापुर जलाशय
  11. भूमपल्ली जलाशय
  12. कोडेम चेरुवु
  13. टिम्मक्कापल्ली जलाशय
  14. दंतेपल्ली जलाशय
  15. मुड्डीजीवाडी टैंक
  16. काटेवाडी टैंक
  17. मोदे जलाशय

सात लिंक पूरा होने के बाद यह प्रोजेक्ट पूरा होगा.

  • पहले लिंक में मेडीगुड्डा, अन्नाराम, सुंडील्ला पर पानी रखने के लिए स्टोरेज बनाया गया है. 33 टीएमसी पानी की स्टोरेज क्षमता है. इन तीनों स्टोरेज से होकर पानी को श्रीपद येल्लमपल्ली जलाशय तक ले जाया गया है.

लिंक 2

  • इसमें पानी को श्रीपद येल्लमपल्ली से मिड मनायर जलाशय तक पानी ले जाया जाएगा. बीच में मेंडारम टैंक पड़ता है. यहां पानी स्टोर होगा.

लिंक 3

  • इस फेज में पानी को मिड मनायर से अपर मनायर तक पानी ले जाया जाएगा. बीच में यह मलकपेट क्षेत्र के लोगों को पानी मिल सकेगा.

लिंक 4

  • इस फेज में अपर मनायर जलाशय से कोंडा पोचम्मा सागर तक पानी ले जाया जाएगा. इस फेज में अनंतगिरि, श्रीकुमारवेल्ली मलन्ना सागर, श्रीरंगानान्यका सागर में पानी देगा. 5.9 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई हो सकेगी.

लिंक 5

  • श्रीकुमारेल्ली मलन्नासागर से मुल्काल्लापल्ली तक पानी ले जाया जाएगा. गंधमल्ला, बास्वपुर जलाशय तक पानी ले जाया जाएगा.

लिंक 6

  • सिंगुल जलाशय तक पानी ले जाया जाएगा.

लिंक 7

  • 559428 एकड़ जमीन की सिंचाई की जा सकेगी.

बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसी राव ने आंध्र के नवनिर्वाचित सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी को परियोजना के लिंक वन के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने के लिए न्योता दिया है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना की कुल लागत लगभग 80 हजार करोड़ रुपये बताई जा रही है.

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Last Updated : Jun 21, 2019, 9:55 AM IST
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