अमरावती : विशाखापत्तनम में एलजी पॉलीमर इकाई में सात मई को स्टाइरिन गैस लीक होने का मुख्य कारण खराब सुरक्षा मानक और आपातकालीन प्रतिक्रिया की प्रक्रिया का पूरी तरह खत्म हो जाना था. इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बीमार पड़ गए थे. आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से गठित उच्चस्तरीय समिति ने अपनी जांच में इन कारणों का पता लगाया है.
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एलजी की तरफ से कई खामियों का हवाला देते हुए समिति ने खराब सुरक्षा मानक, सुरक्षा के प्रति जागरूकता में कमी और खतरा आकलन प्रतिक्रिया के अपर्याप्त होने के कारण स्थिति और गंभीर हो गई.
पर्यावरण एवं वन विभाग के विशेष मुख्य सचिव नीरभ कुमार प्रसाद की अध्यक्षता में समिति ने चार हजार पन्ने की रिपोर्ट सोमवार को यहां मुख्यमंत्री वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी को सौंपी.
उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया, 'एलजी संयंत्र में एम6 टैंक से स्टाइरिन गैस को अनियंत्रित तरीके से छोड़ने के कारण हादसा हुआ.'
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समिति ने रिपोर्ट में कहा, 'टैंक की खराब डिजाइन, अपर्याप्त रेफ्रिजरेशन और खराब शीतलन प्रणाली, संचरण एवं मिश्रण प्रणाली का नहीं होना, सुरक्षा प्रबंधन व्यवस्था खराब होना और आपातकालीन प्रतिक्रिया का पूरी तरह खत्म हो जाना ही इस हादसे का मूल कारण था.'
इसने बताया कि टैंक का तापमान काफी बढ़ गया था और टैंक में छोटे छिद्र थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि अलार्म का इस्तेमाल कर आसपास के लोगों को खतरे के प्रति सचेत किया जा सकता था.
उच्च स्तरीय समिति में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (देहरादून) के निदेशक अंजन रे, डीजीएफएएसएलआई के महानिदेशक आर के इलंगोवान, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पुणे) के क्षेत्रीय निदेशक भारत कुमार शर्मा, आंध्र प्रदेश के विशेष मुख्य सचिव (उद्योग) करिकाल वलवन, आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य- सचिव विवेक यादव और अन्य शामिल थे.