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'एंटी नक्सल ऑपरेशन' से बौखलाए नक्सली, रिमोट बम से बना रहे जवानों को निशाना

एंटी नक्सल ऑपरेशन से बौखलाए नक्सली अपने साथियों को बचाने और जवानों को निशाना बनाने के लिए रिमोट बम बना रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : May 22, 2020, 8:16 PM IST

नक्सल
नक्सल

रायपुर : गुरिल्ला युद्ध में माहिर नक्सलियों ने सुरक्षाबलों और पुलिस जवानों को निशाना बनाने के लिए नया नापाक तरीका निकाला है. खबर है कि ऑपरेशन से बौखलाए नक्सली अपने साथियों को बचाने और जवानों को निशाना बनाने के लिए रिमोट बम बना रहे हैं. इस तकनीक से नक्सली जवानों को दूर बैठकर टारगेट कर सकते हैं.

इस बात में दो राय नहीं हैं कि नक्सली तकनीकी रूप से बहुत मजबूत हैं. यह बात पिछले दिनों बारसूर-पल्‍ली रोड से बरामद बम और अन्‍य सामग्रियों से साबित हो रही है. जवानों ने एक पहाड़ी से चार रिमोट कंट्रोल बम बरामद किए थे. इसके साथ ही यहां तीन पेट्रोल बम और अन्‍य सामग्रियों के साथ पेड़ से एंटिना भी बरामद किया.

पहाड़ी में अलग-अलग जगहों पर कुकर में चार विस्‍फोटक रखे मिले. जवानों के मुताबिक डेढ़-डेढ़ वोल्‍ट की 12 और 8 बोल्ट की बैटरियों को आपस में जोड़ कर रखा गया था. सर्किट बाक्‍स में तीन तार निकले हुए थे. एक तार एंटिना, दूसरा बम और तीसरा वायर, संभवत: यह रिमोट कंट्रोलर के लिए था.

रिटायर्ड ब्रिगेडियर प्रदीप यदु की मानें तो अब जवानों को ऐसे हाईटेक बमों को कैसे खोजा जाए और फिर उसे किस तरह से डिफ्यूज किया जाए, इसका प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है. हालांकि बम स्कॉट और हमारे जवान पहले से ही ऐसी परिस्थितियों से निपटने तैयार रहते हैं, लेकिन जैसे-जैसे नक्सली आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करते हैं, वैसे-वैसे जवानों को भी उससे निपटने के लिए नई-नई तरकीब निकालनी पड़ेगी. तभी वह उनसे मोर्चा ले सकते हैं.

जवानों को बड़ा नुकसान पहुंचाने की साजिश

इससे पहले बस्‍तर जिले के बास्‍तानार थाना क्षेत्र में एक मुठभेड़ के बाद नाइट विजन दूरबीन बरामद हुई थी. नक्‍सलियों के हाईटेक होने के प्रमाण के साथ यह भी साबित हो रहा है कि वह फोर्स को बड़ा नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं.

पढ़ें-छत्तीसगढ़ में शहरी नेटवर्क पर पुलिस की कार्रवाई से प्रभावित होगी नक्सल चेन

नक्सली अब तक करते आए हैं इन आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल

  • एके-47 राइफल
  • इंसास राइफल
  • एलएमजी राइफल
  • स्नाइपर गन राइफल
  • एलजीबी राइफल
  • रॉकेट लॉन्चर

इसके अलावा नक्सली पुलिस और सुरक्षाबलों से मुठभेड़ के दौरान लूटे गए कई आधुनिक उपकरण जिनमें सेटेलाइट फोन, वॉकी-टॉकी, नाइट विजन ग्लास, नाइट विजन दूरबीन जैसे साधनों का भी इस्तेमाल कई सालों से करते आ रहे हैं.

बस्तर जैसे दुर्गम इलाकों में सुरक्षाबलों की बड़ी चुनौती नक्सलियों से ज्यादा वहां की भौगोलिक परिस्थितियां हैं. ऐसे में नक्सलियों के देसी जुगाड़ से बनाए गए कई तरह के विस्फोटक भी कारगर साबित हो जाते हैं. कई बार ये देसी हथियार एके-47 से लैस जवानों पर भारी पड़ जाते हैं. ऐसे में जवानों को नक्सलियों का दूसरा तोड़ भी निकलना होगा.

रायपुर : गुरिल्ला युद्ध में माहिर नक्सलियों ने सुरक्षाबलों और पुलिस जवानों को निशाना बनाने के लिए नया नापाक तरीका निकाला है. खबर है कि ऑपरेशन से बौखलाए नक्सली अपने साथियों को बचाने और जवानों को निशाना बनाने के लिए रिमोट बम बना रहे हैं. इस तकनीक से नक्सली जवानों को दूर बैठकर टारगेट कर सकते हैं.

इस बात में दो राय नहीं हैं कि नक्सली तकनीकी रूप से बहुत मजबूत हैं. यह बात पिछले दिनों बारसूर-पल्‍ली रोड से बरामद बम और अन्‍य सामग्रियों से साबित हो रही है. जवानों ने एक पहाड़ी से चार रिमोट कंट्रोल बम बरामद किए थे. इसके साथ ही यहां तीन पेट्रोल बम और अन्‍य सामग्रियों के साथ पेड़ से एंटिना भी बरामद किया.

पहाड़ी में अलग-अलग जगहों पर कुकर में चार विस्‍फोटक रखे मिले. जवानों के मुताबिक डेढ़-डेढ़ वोल्‍ट की 12 और 8 बोल्ट की बैटरियों को आपस में जोड़ कर रखा गया था. सर्किट बाक्‍स में तीन तार निकले हुए थे. एक तार एंटिना, दूसरा बम और तीसरा वायर, संभवत: यह रिमोट कंट्रोलर के लिए था.

रिटायर्ड ब्रिगेडियर प्रदीप यदु की मानें तो अब जवानों को ऐसे हाईटेक बमों को कैसे खोजा जाए और फिर उसे किस तरह से डिफ्यूज किया जाए, इसका प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है. हालांकि बम स्कॉट और हमारे जवान पहले से ही ऐसी परिस्थितियों से निपटने तैयार रहते हैं, लेकिन जैसे-जैसे नक्सली आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करते हैं, वैसे-वैसे जवानों को भी उससे निपटने के लिए नई-नई तरकीब निकालनी पड़ेगी. तभी वह उनसे मोर्चा ले सकते हैं.

जवानों को बड़ा नुकसान पहुंचाने की साजिश

इससे पहले बस्‍तर जिले के बास्‍तानार थाना क्षेत्र में एक मुठभेड़ के बाद नाइट विजन दूरबीन बरामद हुई थी. नक्‍सलियों के हाईटेक होने के प्रमाण के साथ यह भी साबित हो रहा है कि वह फोर्स को बड़ा नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं.

पढ़ें-छत्तीसगढ़ में शहरी नेटवर्क पर पुलिस की कार्रवाई से प्रभावित होगी नक्सल चेन

नक्सली अब तक करते आए हैं इन आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल

  • एके-47 राइफल
  • इंसास राइफल
  • एलएमजी राइफल
  • स्नाइपर गन राइफल
  • एलजीबी राइफल
  • रॉकेट लॉन्चर

इसके अलावा नक्सली पुलिस और सुरक्षाबलों से मुठभेड़ के दौरान लूटे गए कई आधुनिक उपकरण जिनमें सेटेलाइट फोन, वॉकी-टॉकी, नाइट विजन ग्लास, नाइट विजन दूरबीन जैसे साधनों का भी इस्तेमाल कई सालों से करते आ रहे हैं.

बस्तर जैसे दुर्गम इलाकों में सुरक्षाबलों की बड़ी चुनौती नक्सलियों से ज्यादा वहां की भौगोलिक परिस्थितियां हैं. ऐसे में नक्सलियों के देसी जुगाड़ से बनाए गए कई तरह के विस्फोटक भी कारगर साबित हो जाते हैं. कई बार ये देसी हथियार एके-47 से लैस जवानों पर भारी पड़ जाते हैं. ऐसे में जवानों को नक्सलियों का दूसरा तोड़ भी निकलना होगा.

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