मुंबई: महाराष्ट्र में लगातार बारिश जारी है. बारिश के कारण राज्य के कई इलाके भारी बाढ़ की चपेट में हैं. भारी बारिश के बाद पुणे में 16 लोगों की जान जा चुकी है. बाढ़ के कारण लगभग एक लाख 32 हजार लोग पलायन कर चुके हैं.
वहीं, कोल्हापुर जिले में लगातार बारिश के कारण कई निचले इलाकों में बाढ़ आ गई. जिसके बाद इलाके से 10 हजार लोगों को निकाला गया. इसके अलावा 85 हजार से अधिक उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति भी निलंबित की गई है.
कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक अभिनव देशमुख ने मीडिया को बताया कि दक्षिण कोल्हापुर और कर्नाटक के बेलगाम के बीच का राष्ट्रीय राजमार्ग इलाके में जल-जमाव के कारण वाहनों के आवागमन के लिए बंद था.
उन्होंने कहा कि सोमवार को, हमने राष्ट्रीय राजमार्ग के एक तरफ को बंद कर दिया. हालांकि, बारिश बढ़ने के साथ, हमें मंगलवार के शुरुआती घंटों में पूरे राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करना पड़ा.
बता दें कि कई दिनों से कोल्हापुर में भारी बारिश हो रही है, जिससे कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.
देशमुख ने कहा, सोमवार को, हमने निचले इलाकों के 4,500 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया, और आज 6,000 से अधिक लोगों को कई गांवों से निकाला गया है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), फायर ब्रिगेड, स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीमों को मदद के लिए लगाया गया है क्योंकि जिले की कुछ नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
उन्होंने कहा,' एक आर्मी कॉलम (जिसमें लगभग 60 कर्मी शामिल हैं) को पुणे से बुलाया गया है। उनके जल्द ही जिले में बचाव अभियान में शामिल होने की संभावना है.'
वहीं, महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि एहतियात के तौर पर लगभग 85,523 उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन ने बचाव अभियान में नौसेना से मदद मांगी है.
कलेक्ट्रेट के एक अधिकारी ने कहा कि यह स्थिति 2005 की तुलना में खराब है जब मुंबई और पश्चिमी महाराष्ट्र के अन्य क्षेत्रों में भारी बारिश हुई.
उन्होंने कहा कि कोल्हापुर के कई इलाकों बाढ़ का पानी कलेक्ट्रेट आफिस में भर आया है.
उन्होंने कहा कोल्हापुर में पंचगंगा नदी का जल स्तर खतरे के निशान को 49 फीट पार कर गया.यह मंगलवार को 52 फीट के स्तर पर बह रहा है.
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सूत्रों ने बताया कि पश्चिमी महाराष्ट्र में लगातार बारिश के कारण पुणे, सतारा, कोल्हापुर और सांगली के जिला प्रशासन ने मंगलवार को स्कूलों और कॉलेजों के लिए छुट्टी घोषित कर दी गई है.
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सतारा और सांगली के कुछ हिस्से भी बह गए थे. क्योंकि भारी बारिश के बाद कृष्णा नदी का जल स्तर बढ़ गया था.
उन्होंने कहा कि कोयना और राधानगरी बांधों से कई हजार क्यूसेक (क्यूबिक फुट प्रति सेकंड) पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे कृष्णा और पंचगंगा नदियों के जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है.
कृष्णा नदी आगे उत्तर कर्नाटक में बहती है जहां पर अलमत्ती बांध बनाया गया है.