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निर्भया केस : टल सकती है दोषियों की फांसी, पटियाला हाउस कोर्ट से मिले संकेत

निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों की फांसी टल सकती है, ऐसे संकेत मिले हैं. इससे पहले गुरुवार को दिल्ली सरकार ने निर्भया मामले के एक दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी. इससे पहले बुधवार को 2012 के निर्भया गैंगरेप मामले में ट्रायल कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने गैंगरेप पीड़िता के माता-पिता से भी जवाब मांगा है. बुधवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट कोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. जानें पूरा मामला...

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Published : Jan 15, 2020, 11:55 AM IST

Updated : Jan 16, 2020, 4:54 PM IST

नई दिल्ली : 2012 के निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों की फांसी टल सकती है. चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी हो चुका है. पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों को 22 जनवरी को फांसी दिए जाने का आदेश पारित किया था.

कोर्ट ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दोषियों को निर्धारित फांसी की स्थिति के बारे में 17 जनवरी तक उचित रिपोर्ट दाखिल करें. ये निर्देश उस समय दिया गया, जब जेल अधिकारियों द्वारा दोषियों के पास बचे विकल्पों के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को पत्र लिखा गया.

इससे पहले गुरुवार के ही ताजा घटनाक्रम में दिल्ली सरकार ने मामले के एक दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी. दया याचिका उपराज्यपाल को भेज दी गई थी, जिसे उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया.

2012 के निर्भया गैंगरेप मामले के दोषियों में से एक मुकेश के वकीलों ने ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मुकेश के वकीलों ने एक अर्जी दी थी, जिसमें अदालत ने उसके द्वारा दी गई दया याचिका और निष्पादन की तारीख (22 जनवरी) के स्थगन की मांग की गई है. अदालत ने वकीलों को निर्देश दिया कि आवेदन की प्रति अभियोजन पक्ष को भी दिए जाएं.

ट्रायल कोर्ट ने राज्य को भी नोटिस जारी किया है. इस मामले में आज दोपहर दो बजे सुनवाई होगी. कोर्ट ने 2012 के दिल्ली गैंगरेप पीड़िता के माता-पिता से भी जवाब मांगा है.

इससे पहले 2012 निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को टालने से इनकार कर दिया, जिसमें डेथ वारंट जारी किया गया था. हाईकोर्ट ने मुकेश के वकील को याचिका को सत्र अदालत में चुनौती देने की छूट दी है और लंबित दया याचिका के बारे में कोर्ट को अवगत कराने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि यह फांसी की सजा में देरी की रणनीति लग रही है.

इससे पहले सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अगर डेथ वारंट के खिलाफ लगी याचिका खारिज होती है तो फांसी के लिए 14 दिन का समय दिया जाना आवश्यक है. इसी बात को लेकर निचली अदालत में याचिका लगाई जा सकती है.

बता दें कि निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश ने निचली अदालत द्वारा जारी मृत्यु वारंट को निरस्त कराने के लिए मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.

दोषी मुकेश की याचिका पर न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने सुनवाई की.

वकील वृंदा ग्रोवर के जरिए दायर याचिका में सात जनवरी को निचली अदालत द्वारा जारी किए गए फांसी के वारंट को खारिज करने का आग्रह किया गया था. याचिका में मुकेश ने यह भी कहा था कि उसने मंगलवार को राष्ट्रपति और दिल्ली के उपराज्यपाल के समक्ष दया याचिकाएं भी दायर की हैं.

निर्भया मामला: डेथ वारंट के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा मुकेश, दया याचिका भी लगाई

इस मामले के चारों अभियुक्तों - विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी को फांसी की सजा निर्धारित की गयी है. चारों अभियुक्तों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी क्योंकि दिल्ली की एक अदालत सात जनवरी को उनके मृत्यु वारंट जारी कर चुकी है.

नई दिल्ली : 2012 के निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों की फांसी टल सकती है. चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी हो चुका है. पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों को 22 जनवरी को फांसी दिए जाने का आदेश पारित किया था.

कोर्ट ने तिहाड़ जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दोषियों को निर्धारित फांसी की स्थिति के बारे में 17 जनवरी तक उचित रिपोर्ट दाखिल करें. ये निर्देश उस समय दिया गया, जब जेल अधिकारियों द्वारा दोषियों के पास बचे विकल्पों के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को पत्र लिखा गया.

इससे पहले गुरुवार के ही ताजा घटनाक्रम में दिल्ली सरकार ने मामले के एक दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी. दया याचिका उपराज्यपाल को भेज दी गई थी, जिसे उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया.

2012 के निर्भया गैंगरेप मामले के दोषियों में से एक मुकेश के वकीलों ने ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मुकेश के वकीलों ने एक अर्जी दी थी, जिसमें अदालत ने उसके द्वारा दी गई दया याचिका और निष्पादन की तारीख (22 जनवरी) के स्थगन की मांग की गई है. अदालत ने वकीलों को निर्देश दिया कि आवेदन की प्रति अभियोजन पक्ष को भी दिए जाएं.

ट्रायल कोर्ट ने राज्य को भी नोटिस जारी किया है. इस मामले में आज दोपहर दो बजे सुनवाई होगी. कोर्ट ने 2012 के दिल्ली गैंगरेप पीड़िता के माता-पिता से भी जवाब मांगा है.

इससे पहले 2012 निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को टालने से इनकार कर दिया, जिसमें डेथ वारंट जारी किया गया था. हाईकोर्ट ने मुकेश के वकील को याचिका को सत्र अदालत में चुनौती देने की छूट दी है और लंबित दया याचिका के बारे में कोर्ट को अवगत कराने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि यह फांसी की सजा में देरी की रणनीति लग रही है.

इससे पहले सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अगर डेथ वारंट के खिलाफ लगी याचिका खारिज होती है तो फांसी के लिए 14 दिन का समय दिया जाना आवश्यक है. इसी बात को लेकर निचली अदालत में याचिका लगाई जा सकती है.

बता दें कि निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश ने निचली अदालत द्वारा जारी मृत्यु वारंट को निरस्त कराने के लिए मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.

दोषी मुकेश की याचिका पर न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने सुनवाई की.

वकील वृंदा ग्रोवर के जरिए दायर याचिका में सात जनवरी को निचली अदालत द्वारा जारी किए गए फांसी के वारंट को खारिज करने का आग्रह किया गया था. याचिका में मुकेश ने यह भी कहा था कि उसने मंगलवार को राष्ट्रपति और दिल्ली के उपराज्यपाल के समक्ष दया याचिकाएं भी दायर की हैं.

निर्भया मामला: डेथ वारंट के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा मुकेश, दया याचिका भी लगाई

इस मामले के चारों अभियुक्तों - विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी को फांसी की सजा निर्धारित की गयी है. चारों अभियुक्तों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी क्योंकि दिल्ली की एक अदालत सात जनवरी को उनके मृत्यु वारंट जारी कर चुकी है.

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Last Updated : Jan 16, 2020, 4:54 PM IST
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