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गाइडलाइन जारी, जानें परीक्षा केंद्रों पर किन सावधानियों का रखना होगा ख्याल

नीट और जेईई तथा अन्य परीक्षाओं के मद्देजनर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एसओपी जारी किया है. एसओपी के अनुसार निरूद्ध क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों और कर्मचारियों को परीक्षा केन्द्रों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसे छात्रों के लिए अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.

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कोरोना संक्रमण
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Published : Sep 2, 2020, 9:36 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान परीक्षा कराने के संबंध में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार निरूद्ध क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों और कर्मचारियों को परीक्षा केन्द्रों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसे छात्रों के लिए अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.

बुधवार को इस संबंध में जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार ऐसे छात्रों को अन्य तरीकों से परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी अथवा शिक्षण संस्थान बाद में किसी तारीख में उनकी परीक्षा करा सकते हैं.

एसओपी के अनुसार साथ ही परीक्षा केन्द्र के भीतर ऐसे कर्मचारियों और छात्रों को आने की अनुमति दी जाएगी, जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं. इसमें कहा गया कि मास्क लगाना अनिवार्य होगा. अधिकारियों से कहा है कि यदि कोई व्यक्ति बीमार पाया जाता है, तो अतिरिक्त सावधानी बरतें.

इसमें रेखांकित किया गया कि सभी को परीक्षा केन्द्र के अंदर हर वक्त मास्क लगाना होगा या चेहरा ढकना होगा. एसओपी में कहा गया कि संबंधित अधिकारियों को परीक्षा कार्यक्रम की योजना क्रमबद्ध तरीके से बनानी होगी ताकि किसी भी दिन परीक्षा केंद्र पर ज्यादा भीड़भाड़ न होने पाए.

इसमें कहा गया है कि निरूद्ध क्षेत्रों में आने वाले परीक्षा केंद्रों को कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, परीक्षा संचालन अधिकारियों या परीक्षा केन्द्रों को छात्रों और कर्मचारियों के लिए फेस कवर अथवा मास्क, सैनिटाइजर, साबुन, सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल आदि की उचित व्यवस्था मुहैया करानी चाहिए.

दिशानिर्देशों में कहा गया कि परीक्षा केन्द्र में प्रवेश के समय परीक्षा पदाधिकारी और परीक्षार्थियों को अपने स्वास्थ्य के संबंध में स्व घोषणा पत्र भी जमा कराना चाहिए. इस तरह के स्व-घोषणा पत्र को प्रवेश पत्र जारी करने के समय प्रसारित किया जा सकता है.

एसओपी के अनुसार यदि कोई परीक्षा अधिकारी अथवा परीक्षार्थी स्व-घोषणा के मानदंडों को पूरा करने में विफल रहता है तो उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.

कलम और कागज आधारित परीक्षाओं के लिए एसओपी में कहा गया कि इंविजिलेटर प्रश्नपत्रों अथवा उत्तर पुस्तिकाओं के वितरण से पहले अपने हाथों को सैनिटाइज करेगा और परीक्षार्थी भी इन्हें प्राप्त करने या जमा करने से पहले अपने हाथों को सैनिटाइज करेंगे.

यह भी पढ़ें- नीट 2020 : वंदे भारत मिशन के तहत विदेशी छात्रों को भारत लाए सरकार

दिशानिर्देश के अनुसार उत्तर पुस्तिकाओं को जमा कराने और पैकिंग के हर चरण में हाथों को सैनिटाइज करना होगा. उत्तर पुस्तिकाओं को जमा करने के 72 घंटे के बाद खोला जाएगा.

एसओपी के अनुसार कि शीट की गिनती और वितरण के लिए थूक अथवा लार के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी. ऑनलाइन अथवा कंप्यूटर-आधारित परीक्षा के लिए सिस्टम को परीक्षा के पहले और बाद में एल्कोहल वाइप्स से संक्रमण मुक्त किया जाएगा. साथ ही सभी परीक्षा पदाधिकारियों और परीक्षार्थियों के रिकॉर्ड को सिस्टम में दर्ज किया जाएगा ताकि भविष्य में इनका पता लगाया जा सके.

एसओपी में कहा गया है कि कोरोना के लक्षणों वाले परीक्षार्थियों को आइलोसेन कक्ष में बैठाकर परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी.

भारत में आज कोरोना वायरस के 78,357 नए मामले सामने आए. जिससे संक्रमितों की कुल संख्या 37 लाख के आंकड़े को पार कर गई. वहीं, संक्रमण से अब तक 29 लाख से अधिक मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, जिससे मरीजों के ठीक होने की दर 76.98 प्रतिशत हो गई है.

देश में पिछले 24 घंटे में 1,045 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 66,333 हो गई. वहीं इस दौरान 60,029 कोरोना से मुक्त हुए. जिससे रिकवरी रेट बढ़कर 76.98 प्रतिशत हो गई है. देश में कोरोना के अभी तक कुल 37,69,523 मामले सामने आए हैं.

आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक 29,01,908 लोग संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं, जबकि गिरावट के बाद मृत्यु दर 1.76 प्रतिशत हो गई है.

आंकड़ों के अनुसार देश में फिलहाल संक्रमण के 8,01,282 मरीज उपचाराधीन हैं, जो कुल मामलों का 21.26 प्रतिशत है.

देश में सात अगस्त को कोविड-19 के मामले 20 लाख के पार और 23 अगस्त को 30 लाख के पार चले गए थे.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केंद्र और राज्यों के सहयोगात्मक प्रयासों के परिणामस्वरूप देश भर में स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत हुई हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 1578 कोरोना समर्पित अस्पताल में मरीजों को इलाज किया जा रहा है.

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान परीक्षा कराने के संबंध में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार निरूद्ध क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों और कर्मचारियों को परीक्षा केन्द्रों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसे छात्रों के लिए अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.

बुधवार को इस संबंध में जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार ऐसे छात्रों को अन्य तरीकों से परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी अथवा शिक्षण संस्थान बाद में किसी तारीख में उनकी परीक्षा करा सकते हैं.

एसओपी के अनुसार साथ ही परीक्षा केन्द्र के भीतर ऐसे कर्मचारियों और छात्रों को आने की अनुमति दी जाएगी, जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं. इसमें कहा गया कि मास्क लगाना अनिवार्य होगा. अधिकारियों से कहा है कि यदि कोई व्यक्ति बीमार पाया जाता है, तो अतिरिक्त सावधानी बरतें.

इसमें रेखांकित किया गया कि सभी को परीक्षा केन्द्र के अंदर हर वक्त मास्क लगाना होगा या चेहरा ढकना होगा. एसओपी में कहा गया कि संबंधित अधिकारियों को परीक्षा कार्यक्रम की योजना क्रमबद्ध तरीके से बनानी होगी ताकि किसी भी दिन परीक्षा केंद्र पर ज्यादा भीड़भाड़ न होने पाए.

इसमें कहा गया है कि निरूद्ध क्षेत्रों में आने वाले परीक्षा केंद्रों को कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, परीक्षा संचालन अधिकारियों या परीक्षा केन्द्रों को छात्रों और कर्मचारियों के लिए फेस कवर अथवा मास्क, सैनिटाइजर, साबुन, सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल आदि की उचित व्यवस्था मुहैया करानी चाहिए.

दिशानिर्देशों में कहा गया कि परीक्षा केन्द्र में प्रवेश के समय परीक्षा पदाधिकारी और परीक्षार्थियों को अपने स्वास्थ्य के संबंध में स्व घोषणा पत्र भी जमा कराना चाहिए. इस तरह के स्व-घोषणा पत्र को प्रवेश पत्र जारी करने के समय प्रसारित किया जा सकता है.

एसओपी के अनुसार यदि कोई परीक्षा अधिकारी अथवा परीक्षार्थी स्व-घोषणा के मानदंडों को पूरा करने में विफल रहता है तो उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.

कलम और कागज आधारित परीक्षाओं के लिए एसओपी में कहा गया कि इंविजिलेटर प्रश्नपत्रों अथवा उत्तर पुस्तिकाओं के वितरण से पहले अपने हाथों को सैनिटाइज करेगा और परीक्षार्थी भी इन्हें प्राप्त करने या जमा करने से पहले अपने हाथों को सैनिटाइज करेंगे.

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दिशानिर्देश के अनुसार उत्तर पुस्तिकाओं को जमा कराने और पैकिंग के हर चरण में हाथों को सैनिटाइज करना होगा. उत्तर पुस्तिकाओं को जमा करने के 72 घंटे के बाद खोला जाएगा.

एसओपी के अनुसार कि शीट की गिनती और वितरण के लिए थूक अथवा लार के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी. ऑनलाइन अथवा कंप्यूटर-आधारित परीक्षा के लिए सिस्टम को परीक्षा के पहले और बाद में एल्कोहल वाइप्स से संक्रमण मुक्त किया जाएगा. साथ ही सभी परीक्षा पदाधिकारियों और परीक्षार्थियों के रिकॉर्ड को सिस्टम में दर्ज किया जाएगा ताकि भविष्य में इनका पता लगाया जा सके.

एसओपी में कहा गया है कि कोरोना के लक्षणों वाले परीक्षार्थियों को आइलोसेन कक्ष में बैठाकर परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी.

भारत में आज कोरोना वायरस के 78,357 नए मामले सामने आए. जिससे संक्रमितों की कुल संख्या 37 लाख के आंकड़े को पार कर गई. वहीं, संक्रमण से अब तक 29 लाख से अधिक मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, जिससे मरीजों के ठीक होने की दर 76.98 प्रतिशत हो गई है.

देश में पिछले 24 घंटे में 1,045 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 66,333 हो गई. वहीं इस दौरान 60,029 कोरोना से मुक्त हुए. जिससे रिकवरी रेट बढ़कर 76.98 प्रतिशत हो गई है. देश में कोरोना के अभी तक कुल 37,69,523 मामले सामने आए हैं.

आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक 29,01,908 लोग संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं, जबकि गिरावट के बाद मृत्यु दर 1.76 प्रतिशत हो गई है.

आंकड़ों के अनुसार देश में फिलहाल संक्रमण के 8,01,282 मरीज उपचाराधीन हैं, जो कुल मामलों का 21.26 प्रतिशत है.

देश में सात अगस्त को कोविड-19 के मामले 20 लाख के पार और 23 अगस्त को 30 लाख के पार चले गए थे.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केंद्र और राज्यों के सहयोगात्मक प्रयासों के परिणामस्वरूप देश भर में स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत हुई हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 1578 कोरोना समर्पित अस्पताल में मरीजों को इलाज किया जा रहा है.

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