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डेक्सामेथासोन से होगा कोरोना का इलाज, स्वास्थ्य मंत्रालय की हरी झंडी

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Published : Jun 29, 2020, 12:19 PM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन को कोविड-19 के उपचार संबंधी प्रोटोकॉल में शामिल कर लिया है. इस स्टेरॉयड का इस्तेमाल पहले सूजन कम करने वाले और प्रतिरक्षा क्षमता को कम करने जैसे इसके प्रभावों के कारण अनेक स्थितियों में किया जाता रहा है. पढे़ं पूरी खबर..

स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन
स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सस्ते और व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन को शनिवार को कोविड-19 के मध्यम से लेकर गंभीर संक्रमित मरीजों के उपचार संबंधी प्रोटोकॉल में शामिल कर लिया है.

मंत्रालय ने बताया कि नए 'क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल' (Clinical Management Protocols ) में कोरोना के मध्यम से गंभीर स्तर के मामलों के इलाज के लिए मिथाइलप्रेडनिसोलोन (methylprednisolone) के विकल्प के तौर पर डेक्सामेथासोन (dexamethasone) के इस्तेमाल की सलाह को शामिल किया गया है. इस स्टेरॉयड का इस्तेमाल पहले सूजन कम करने वाले और प्रतिरक्षा क्षमता को कम करने जैसे इसके प्रभावों के कारण अनेक स्थितियों में किया जाता रहा है.

यह बदलाव ताजा उपलब्ध साक्ष्यों पर विचार करने एवं विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद किया गया. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने संशोधित प्रोटोकॉल सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसकी उपलब्धता के लिहाज से जरूरी बंदोबस्त करने के लिए भेज दिए हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 13 जून को कोविड-19 के इलाज के लिए आपातकाल में वायरस-रोधी दवा रेमडेसिविर, प्रतिरोधक क्षमता के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा टोसीलीजुमैब के इस्तेमाल और मध्यम स्तर के रोगियों को प्लाज्मा उपचार की अनुमति दी थी.

मंत्रालय ने कोरोना बीमारी की शुरुआत में मलेरिया रोधक दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) का इस्तेमाल करने और गंभीर मामलों में इससे बचने की भी सलाह दी थी. इन दवाओं का इस्तेमाल रिसर्च मैथेडोलॉजी' के तहत संशोधित उपचार प्रोटोकॉल में शामिल है.

मध्यम रूप से संक्रमित मरीजों को विशेष रूप से भर्ती किए जाने के 48 घंटे के भीतर या ऑक्सीजन की आवश्यकता बढ़ने पर उपचार के लिए तीन दिन तक 0.5 से 1 मिलीग्राम मिथाइलप्रेडनिसोलोन (methylprednisolon) या 0.1 से 0.2 मिलीग्राम डेक्सामेथासोन प्रतिदिन दिए जाने पर विचार करने की सलाह दी गई है. प्रोटोकॉल में कहा गया है कि डायग्नोस्टिक प्रतिक्रिया के अनुसार दवा के इस्तेमाल की अवधि की समीक्षा की जानी चाहिए.

मंत्रालय ने कहा कि जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत है और जिन्हें यांत्रिक वेंटिलेशन (mechanical ventilation) की आवश्यकता है, उन्हें पांच से सात दिन तक दो खुराकों में बांट कर एक से दो मिलीग्राम मिथाइलप्रेडनिसोलोन या 0.2 से 0.4 मिलीग्राम प्रति दिन डेक्सामेथासोन देने पर विचार किया जाना चाहिए.

भारत में यह संशोधित प्रोटोकॉल ऐसे समय में जारी किया गया है, जब देश में कोरोना वायरस संक्रमण से एक दिन में सर्वाधिक 18,552 नए मामले सामने के बाद शनिवार को संक्रमित लोगों की कुल संख्या पांच लाख से अधिक हो गई. वहीं, 384 लोगों की मौत हो जाने के बाद कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 15,685 हो गई है.

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सस्ते और व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले स्टेरॉयड डेक्सामेथासोन को शनिवार को कोविड-19 के मध्यम से लेकर गंभीर संक्रमित मरीजों के उपचार संबंधी प्रोटोकॉल में शामिल कर लिया है.

मंत्रालय ने बताया कि नए 'क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल' (Clinical Management Protocols ) में कोरोना के मध्यम से गंभीर स्तर के मामलों के इलाज के लिए मिथाइलप्रेडनिसोलोन (methylprednisolone) के विकल्प के तौर पर डेक्सामेथासोन (dexamethasone) के इस्तेमाल की सलाह को शामिल किया गया है. इस स्टेरॉयड का इस्तेमाल पहले सूजन कम करने वाले और प्रतिरक्षा क्षमता को कम करने जैसे इसके प्रभावों के कारण अनेक स्थितियों में किया जाता रहा है.

यह बदलाव ताजा उपलब्ध साक्ष्यों पर विचार करने एवं विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद किया गया. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने संशोधित प्रोटोकॉल सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसकी उपलब्धता के लिहाज से जरूरी बंदोबस्त करने के लिए भेज दिए हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 13 जून को कोविड-19 के इलाज के लिए आपातकाल में वायरस-रोधी दवा रेमडेसिविर, प्रतिरोधक क्षमता के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा टोसीलीजुमैब के इस्तेमाल और मध्यम स्तर के रोगियों को प्लाज्मा उपचार की अनुमति दी थी.

मंत्रालय ने कोरोना बीमारी की शुरुआत में मलेरिया रोधक दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) का इस्तेमाल करने और गंभीर मामलों में इससे बचने की भी सलाह दी थी. इन दवाओं का इस्तेमाल रिसर्च मैथेडोलॉजी' के तहत संशोधित उपचार प्रोटोकॉल में शामिल है.

मध्यम रूप से संक्रमित मरीजों को विशेष रूप से भर्ती किए जाने के 48 घंटे के भीतर या ऑक्सीजन की आवश्यकता बढ़ने पर उपचार के लिए तीन दिन तक 0.5 से 1 मिलीग्राम मिथाइलप्रेडनिसोलोन (methylprednisolon) या 0.1 से 0.2 मिलीग्राम डेक्सामेथासोन प्रतिदिन दिए जाने पर विचार करने की सलाह दी गई है. प्रोटोकॉल में कहा गया है कि डायग्नोस्टिक प्रतिक्रिया के अनुसार दवा के इस्तेमाल की अवधि की समीक्षा की जानी चाहिए.

मंत्रालय ने कहा कि जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत है और जिन्हें यांत्रिक वेंटिलेशन (mechanical ventilation) की आवश्यकता है, उन्हें पांच से सात दिन तक दो खुराकों में बांट कर एक से दो मिलीग्राम मिथाइलप्रेडनिसोलोन या 0.2 से 0.4 मिलीग्राम प्रति दिन डेक्सामेथासोन देने पर विचार किया जाना चाहिए.

भारत में यह संशोधित प्रोटोकॉल ऐसे समय में जारी किया गया है, जब देश में कोरोना वायरस संक्रमण से एक दिन में सर्वाधिक 18,552 नए मामले सामने के बाद शनिवार को संक्रमित लोगों की कुल संख्या पांच लाख से अधिक हो गई. वहीं, 384 लोगों की मौत हो जाने के बाद कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 15,685 हो गई है.

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