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राजस्थान : चिकित्सा मंत्री ने उठाए सवाल, रोकी गई रैपिड टेस्टिंग किट से जांच

कोरोना पॉजिटिव जांच के लिए उपयोग में ली जा रही रैपिड टेस्टिंग किट पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. सोमवार को एक मंत्री ने किट के ऊपर सवाल उठाया था. वहीं अब एसएमएस के डॉक्टरों ने भी किट पर सवाल खड़े कर दिए हैं. किट से जांच फिलहाल रोक दी गई है.

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प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Apr 21, 2020, 2:04 PM IST

जयपुर : कोरोना संक्रमण जांच के लिए राजस्थान लाई गई 10 रैपिड टेस्टिंग किट पूरी तरह से सवालों के घेरे में आ गई है. किट से जांच और उसके परिणाम को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा द्वारा सवाल खड़े करने के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) अस्पताल के डॉक्टरों ने भी इसकी जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. इसके बाद अब रैपिड टेस्टिंग किट से जांच फिलहाल रोक दी गई है. ऐसे में एक बार फिर से इस किट पर रिव्यू किया जाएगा.

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा

एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों ने इस किट पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि रैपिड टेस्ट किट कोरोना की विश्वसनीय जांच नहीं है. वहीं आंकड़ों में भी देखने को मिला है कि रामगंज क्षेत्र में इस किट द्वारा संदिग्ध मरीजों की जांच की गई. पिछले तीन दिनों में करीब 1 हजार 232 जांचें रैपिड किट द्वारा की गई, जिसमें सिर्फ दो लोग ही पॉजिटिव पाए गए. जबकि अन्य लोगों को इस जांच में निगेटिव करार दिया गया. लेकिन जब निगेटिव पाए गए इन संदिग्ध लोगों की जांच पीसीआर किट द्वारा की गई तो वे पॉजिटिव पाए गए.

पढ़ेंः जयपुर : रैपिड टेस्टिंग किट से की जा रही कोरोना जांच, थड़ी-ठेले वालों से लेकर दुकानदारों के लिए जा रहे सैंपल

यही नहीं SMS अस्पताल की माइक्रोबायोलॉजी एंड प्रिवेटिव सोशल मेडिसिन डिपार्टमेंट ने भी किट का परीक्षण किया और यह रिपोर्ट चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को भी भेजी गई थी.

रघु शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा था कि इस किट को लेकर एक बार फिर से रिव्यू किया जाएगा. राज्य सरकार ने हाल ही में केंद्र से रैपिड टेस्टिंग किट मंगवाई थी और करीब तीन लाख किट का ऑर्डर एडवांस में दिया गया है. वहीं एक जांच की लागत करीब 600 रुपये पड़ रही है.

जयपुर : कोरोना संक्रमण जांच के लिए राजस्थान लाई गई 10 रैपिड टेस्टिंग किट पूरी तरह से सवालों के घेरे में आ गई है. किट से जांच और उसके परिणाम को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा द्वारा सवाल खड़े करने के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) अस्पताल के डॉक्टरों ने भी इसकी जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. इसके बाद अब रैपिड टेस्टिंग किट से जांच फिलहाल रोक दी गई है. ऐसे में एक बार फिर से इस किट पर रिव्यू किया जाएगा.

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा

एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों ने इस किट पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि रैपिड टेस्ट किट कोरोना की विश्वसनीय जांच नहीं है. वहीं आंकड़ों में भी देखने को मिला है कि रामगंज क्षेत्र में इस किट द्वारा संदिग्ध मरीजों की जांच की गई. पिछले तीन दिनों में करीब 1 हजार 232 जांचें रैपिड किट द्वारा की गई, जिसमें सिर्फ दो लोग ही पॉजिटिव पाए गए. जबकि अन्य लोगों को इस जांच में निगेटिव करार दिया गया. लेकिन जब निगेटिव पाए गए इन संदिग्ध लोगों की जांच पीसीआर किट द्वारा की गई तो वे पॉजिटिव पाए गए.

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यही नहीं SMS अस्पताल की माइक्रोबायोलॉजी एंड प्रिवेटिव सोशल मेडिसिन डिपार्टमेंट ने भी किट का परीक्षण किया और यह रिपोर्ट चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को भी भेजी गई थी.

रघु शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा था कि इस किट को लेकर एक बार फिर से रिव्यू किया जाएगा. राज्य सरकार ने हाल ही में केंद्र से रैपिड टेस्टिंग किट मंगवाई थी और करीब तीन लाख किट का ऑर्डर एडवांस में दिया गया है. वहीं एक जांच की लागत करीब 600 रुपये पड़ रही है.

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