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J-K: हाईकोर्ट ने उप-निरीक्षक पदोन्नति मामले में कैट के फैसले पर लगाई रोक

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने 2010 बैच के उप-निरीक्षकों के पदोन्नति के संबंध में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के फैसले पर रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति धीरज सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति सिंधु शर्मा की खंडपीठ ने शनिवार को यह आदेश दिया.

उप-निरीक्षक पदोन्नति मामला
उप-निरीक्षक पदोन्नति मामला
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Published : Jan 3, 2021, 9:10 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने 2010 बैच के उप-निरीक्षकों के पदोन्नति के संबंध में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के फैसले पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि विवादित वरिष्ठता सूची के आधार पर की गई कोई भी पदोन्नति, इसको चुनौती देने वाली वर्तमान याचिका पर सुनवाई के बाद आने वाले फैसला पर निर्भर करेगी.

न्यायमूर्ति धीरज सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति सिंधु शर्मा की खंडपीठ ने शनिवार को यह आदेश दिया.

खंडपीठ रणजीत सिंह और अन्य द्वारा केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट), जम्मू बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के उप-निरीक्षकों की सीधी भर्ती की अंतिम वरिष्ठता सूची को रद्द कर दिया था.

ट्रिब्यूनल ने माना है कि वरिष्ठता सूची जम्मू-कश्मीर नियम-1960 के नियम 111 (2) के आधार पर बनाई गई है. जिसमें कहा गया है कि वरिष्ठता लिखित परीक्षा के साथ-साथ मौखिक परीक्षा में मूल्यांकन के आधार पर दी जानी चाहिए, न कि प्रशिक्षण कोर्स में प्राप्त मेरिट के आधार पर.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने 2010 बैच के उप-निरीक्षकों के पदोन्नति के संबंध में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के फैसले पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि विवादित वरिष्ठता सूची के आधार पर की गई कोई भी पदोन्नति, इसको चुनौती देने वाली वर्तमान याचिका पर सुनवाई के बाद आने वाले फैसला पर निर्भर करेगी.

न्यायमूर्ति धीरज सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति सिंधु शर्मा की खंडपीठ ने शनिवार को यह आदेश दिया.

खंडपीठ रणजीत सिंह और अन्य द्वारा केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट), जम्मू बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के उप-निरीक्षकों की सीधी भर्ती की अंतिम वरिष्ठता सूची को रद्द कर दिया था.

ट्रिब्यूनल ने माना है कि वरिष्ठता सूची जम्मू-कश्मीर नियम-1960 के नियम 111 (2) के आधार पर बनाई गई है. जिसमें कहा गया है कि वरिष्ठता लिखित परीक्षा के साथ-साथ मौखिक परीक्षा में मूल्यांकन के आधार पर दी जानी चाहिए, न कि प्रशिक्षण कोर्स में प्राप्त मेरिट के आधार पर.

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