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हर्षवर्धन ने संसदीय समिति के पुनर्गठन की मांग को लेकर उपराष्ट्रपति नायडू को लिखा पत्र

सहायक एवं स्वास्थ्य सेवा पेशेवर विधेयक 2018 पर विचार करने वाली समिति के पुनर्गठन के लिए केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है. जानें क्या है इस विधायक में...

केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन
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Published : Jun 16, 2019, 8:38 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से जुड़ी स्थायी समिति के जल्द पुनर्गठन का अनुरोध किया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक विधेयक पर विचार के लिए इस समिति का पुनर्गठन का अनुरोध किया है. इस विधेयक का लक्ष्य सहायक एवं स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों द्वारा मुहैया कराई जा रही सेवाओं का विनियमन करना है.

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने राज्यसभा में 31 दिसंबर, 2018 को सहायक एवं स्वास्थ्य सेवा पेशेवर विधेयक, 2018 पेश किया था.

यह विधेयक उस समय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसदीय समिति की सिफारिशों के लिए उसे भेजा गया था.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया, 'स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर सहायक एवं स्वास्थ्य सेवा पेशेवर विधेयक पर जल्द विचार के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसदीय स्थाई समिति का पुनर्गठन जल्द करने का अनुरोध किया है.'

पढ़ें-CM फडणवीस की कैबिनेट में 13 नए मंत्री शामिल, छह बाहर

इस विधेयक में एक भारतीय सहायक एवं स्वास्थ्य सेवा परिषद के गठन और इससे जुड़ी राज्यों की परिषदों के गठन का प्रावधान है जो कि इस तरह के पेशेवर लोगों के लिए मानक तय करने में भूमिका निभाएंगी.

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से जुड़ी स्थायी समिति के जल्द पुनर्गठन का अनुरोध किया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक विधेयक पर विचार के लिए इस समिति का पुनर्गठन का अनुरोध किया है. इस विधेयक का लक्ष्य सहायक एवं स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों द्वारा मुहैया कराई जा रही सेवाओं का विनियमन करना है.

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने राज्यसभा में 31 दिसंबर, 2018 को सहायक एवं स्वास्थ्य सेवा पेशेवर विधेयक, 2018 पेश किया था.

यह विधेयक उस समय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसदीय समिति की सिफारिशों के लिए उसे भेजा गया था.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया, 'स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर सहायक एवं स्वास्थ्य सेवा पेशेवर विधेयक पर जल्द विचार के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसदीय स्थाई समिति का पुनर्गठन जल्द करने का अनुरोध किया है.'

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इस विधेयक में एक भारतीय सहायक एवं स्वास्थ्य सेवा परिषद के गठन और इससे जुड़ी राज्यों की परिषदों के गठन का प्रावधान है जो कि इस तरह के पेशेवर लोगों के लिए मानक तय करने में भूमिका निभाएंगी.

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HEALTH-VARDHAN-BILL
Vardhan writes to RS chairman for early consideration of allied and healthcare professions bill
         New Delhi, Jun 16 (PTI) Union minister Harsh Vardhan has written to Rajya Sabha Chairman M Venkaiah Naidu to expedite the reconstitution of a parliamentary panel for early consideration of a bill aimed at regulating and standardising the education and services provided by allied and healthcare professionals.
         The Allied and Healthcare Professions Bill, 2018, was introduced in the Upper House on December 31, 2018, by former health minister J P Nadda.
         It was then referred to the parliamentary standing committee on health and family welfare for its recommendation.
         "Health Minister Harsh Vardhan has written to Rajya Sabha Chairman M Venkaiah Naidu to expedite the reconstitution of the parliamentary standing committee on health and family welfare for early consideration of the Allied and Healthcare Professions Bill," official sources said.
         The bill provides for setting up of an Allied and Healthcare Council of India and corresponding state allied and healthcare councils, which will play the role of a standard-setter and facilitator for such professions.
         As per the bill, there will be 15 major professional categories, including 53 professions in allied and healthcare streams.
         The offences and penalties clauses have been included in the bill to check malpractice.
         The bill also provides for structure, constitution, composition and functions of the central council and state councils like framing policies and standards, regulation of professional conduct, creation and maintenance of live registers, provisions for common entry and exit examinations among others.
         The central council will comprise 47 members, of whom 14 members shall be ex-officio representing diverse and related roles and functions, and remaining 33 shall be non-ex-officio members who mainly represent the 15 professional categories, an official statement had said.
         The state councils are envisioned to mirror the central council, comprising seven ex-officio and 21 non-ex-officio members, and a chairperson to be elected from among the non-ex-officio members.
         The state council will undertake recognition of allied and healthcare institutions.
         Professional advisory bodies under the central and state councils will examine issues independently and provide recommendations relating to specific recognised categories.
         Besides, the bill will also have an overriding effect on any other existing law for any of the covered professions.
         The bill also empowers the central and state governments to make rules in this regard.
         Further, an interim council will be constituted within six months of the passing of the Act holding charge for a period of two years until the establishment of the central council.
         It is estimated that the proposed legislation will directly benefit around 8-9 lakh existing allied and healthcare professionals in the country and several other graduating professionals joining the workforce annually. PTI PLB AD
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