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'जनता के राजदूत' हर्षवर्धन शृंगला की वतन वापसी, अब विदेश सचिव की जिम्मेदारी

अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन शृंगला अपने एक साल के कार्यकाल के बाद भारत लौट रहे हैं. शृंगला अब भारत के 33वें विदेश सचिव के तौर पर नई जिम्मेदारी संभालेंगे. भारतीय मूल के अमेरिकी उन्हें 'जनता का राजदूत' के रूप में याद करते हैं. शृंगला को याद करते हुए भारतीय अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने उनकी तारीफ भी की. पढ़ें विस्तार से...

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हर्षवर्धन श्रृंगला
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Published : Jan 12, 2020, 6:11 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 1:59 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन शृंगला देश के 33वें विदेश सचिव के तौर पर नई जिम्मेदारी संभालने के लिए रविवार को वाशिंगटन से रवाना हो गए. उन्होंने अपने संक्षिप्त कार्यकाल में भारतीय अमेरिकियों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी है. वे उन्हें 'जनता के राजदूत' के रूप में याद करते हैं.

शृंगला के कार्यकाल को याद करते हुए भारतीय अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने उनकी तारीफ की. बत्रा ने कहा, 'शृंगला यहां पहुंचते ही भारत के सर थॉमस मोर हो गए, जो हरदिल अजीज रहे. उन्होंने अपने एक साल के कार्यकाल में कई मुद्दों का सामना पारम्परिक गैर प्रतिबद्ध कूटनीति के बजाय अपनी ईमानदारी और मेहनत से किया.

शृंगला 1984 बैच के विदेश सेवा के अधिकारी हैं. उन्होंने करीब एक साल तक अमेरिका में भारतीय राजदूत की सफलतापूर्वक जिम्मेदारी निभाई.

57 वर्षीय शृंगला नौ जनवरी 2019 को वाशिंगटन पहुंचे थे और दो दिनों के भीतर उन्होंने अपना पहचान पत्र ह्वाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने पेश किया था.

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अमेरिका में शृंगला के महत्वपूर्ण कदम

पढ़ें : हर्षवर्धन शृंगला नए विदेश सचिव नियुक्त

वाशिंगटन पहुंचते ही उन्हें भारतीय छात्रों की गिरफ्तारी की समस्या का सामना करना पड़ा,जिन्होंने फर्जी विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था. इस दौरान वीजा गिरोह की जांच कर रहे संघीय एजेंसियों के रडार पर आ गए थे. इन छात्रों को अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया था.

शृंगला ने तुरंत उन तक राजनयिक पहुंच सुनिश्चित की और कुछ हफ्तों में ही अधिकतर छात्र या तो भारत लौट गए या फिर उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति मिल गई.

अमेरिका में भारतीय छात्रों के महत्व को देखते हुए उन्होंने उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया और अमेरिका के 50 में से 21 राज्यों का स्वयं दौरा किया. ताजा आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में करीब दो लाख भारतीय छात्र हैं.

आधिकारिक जिम्मेदारियों के अलावा प्रत्येक राज्य के दौरे के दौरान उन्होंने छात्रों और भारतीय समुदाय के लोगों से संवाद किया. भारतीय दूतावास के पोर्टल पर भारतीय छात्रों के पंजीकरण का कार्यक्रम शुरू किया.

जयपुर फुट अमेरिका के प्रमुख प्रेम भंडारी ने कहा, 'वह जनता के राजदूत थे. राजदूत सामान्य तौर पर सुलभ नहीं होते, लेकिन उनसे न केवल किसी भी वक्त संपर्क किया जा सकता था बल्कि वह गंभीरता से समस्याओं का समाधान भी करते थे.'

वर्ष 2019 में अमेरिका स्थित भारतीय राजनयिक मिशन ने 1,23,000 पासपोर्ट, 1,15,000 वीजा (ई-वीजा के अतिरिक्त) और 90,000 से अधिक ओआईसी (भारतीय मूल के लोगों को कार्ड) जारी किए, जो इंगित करता है कि दूतावास और महावाणिज्य दूतावास भारतीय समुदाय के प्रति कितना संवेदनशील हैं.

पढ़ें : कश्मीर मुद्दे पर भारत को अमेरिका से मिला पूर्ण समर्थन : शृंगला

अमेरिकी-भारतीय समुदाय के नेता जय भंडारी ने कहा, 'शृंगला बेहतरीन राजनयिक हैं, जिन्होंने बहुत कम समय में अमेरिकी अधिकारियों और सरकार के साथ-साथ भारतीय समुदाय का दिल जीता. वह दोस्ताना रवैये और सुलभ होने की वजह से बहुत लोकप्रिय हैं.

शृंगला ने एच-1बी और ग्रीन कार्ड को लेकर भारतीय-अमेरिकी समुदाय की चिंताओं पर अमेरिकी सांसदों से संवाद किया. पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के मुद्दे उन्होंने करीब 160 अमेरिकी सांसदों से मुलाकात की. इस मुद्दे पर अमेरिकी सांसदों को भारत के रुख से अवगत कराने के लिए कई दिनों तक कैपिटॉल हिल (अमेरिकी संसद परिसर) गए.

शिकागो की डॉक्टर भारत बराय ने कहा, 'वह एहतियाती कूटनीति में विश्वास करते हैं. वह कांग्रेस (अमेरिकी संसद) और समुदाय से संबंध के महत्व को जानते हैं. यही वजह है कि उनका छोटा सा कार्यकाल हाल के वर्षों में सबसे प्रभावी रहा.'

वाशिंगटन : अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन शृंगला देश के 33वें विदेश सचिव के तौर पर नई जिम्मेदारी संभालने के लिए रविवार को वाशिंगटन से रवाना हो गए. उन्होंने अपने संक्षिप्त कार्यकाल में भारतीय अमेरिकियों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी है. वे उन्हें 'जनता के राजदूत' के रूप में याद करते हैं.

शृंगला के कार्यकाल को याद करते हुए भारतीय अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने उनकी तारीफ की. बत्रा ने कहा, 'शृंगला यहां पहुंचते ही भारत के सर थॉमस मोर हो गए, जो हरदिल अजीज रहे. उन्होंने अपने एक साल के कार्यकाल में कई मुद्दों का सामना पारम्परिक गैर प्रतिबद्ध कूटनीति के बजाय अपनी ईमानदारी और मेहनत से किया.

शृंगला 1984 बैच के विदेश सेवा के अधिकारी हैं. उन्होंने करीब एक साल तक अमेरिका में भारतीय राजदूत की सफलतापूर्वक जिम्मेदारी निभाई.

57 वर्षीय शृंगला नौ जनवरी 2019 को वाशिंगटन पहुंचे थे और दो दिनों के भीतर उन्होंने अपना पहचान पत्र ह्वाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने पेश किया था.

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अमेरिका में शृंगला के महत्वपूर्ण कदम

पढ़ें : हर्षवर्धन शृंगला नए विदेश सचिव नियुक्त

वाशिंगटन पहुंचते ही उन्हें भारतीय छात्रों की गिरफ्तारी की समस्या का सामना करना पड़ा,जिन्होंने फर्जी विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था. इस दौरान वीजा गिरोह की जांच कर रहे संघीय एजेंसियों के रडार पर आ गए थे. इन छात्रों को अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया था.

शृंगला ने तुरंत उन तक राजनयिक पहुंच सुनिश्चित की और कुछ हफ्तों में ही अधिकतर छात्र या तो भारत लौट गए या फिर उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति मिल गई.

अमेरिका में भारतीय छात्रों के महत्व को देखते हुए उन्होंने उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया और अमेरिका के 50 में से 21 राज्यों का स्वयं दौरा किया. ताजा आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में करीब दो लाख भारतीय छात्र हैं.

आधिकारिक जिम्मेदारियों के अलावा प्रत्येक राज्य के दौरे के दौरान उन्होंने छात्रों और भारतीय समुदाय के लोगों से संवाद किया. भारतीय दूतावास के पोर्टल पर भारतीय छात्रों के पंजीकरण का कार्यक्रम शुरू किया.

जयपुर फुट अमेरिका के प्रमुख प्रेम भंडारी ने कहा, 'वह जनता के राजदूत थे. राजदूत सामान्य तौर पर सुलभ नहीं होते, लेकिन उनसे न केवल किसी भी वक्त संपर्क किया जा सकता था बल्कि वह गंभीरता से समस्याओं का समाधान भी करते थे.'

वर्ष 2019 में अमेरिका स्थित भारतीय राजनयिक मिशन ने 1,23,000 पासपोर्ट, 1,15,000 वीजा (ई-वीजा के अतिरिक्त) और 90,000 से अधिक ओआईसी (भारतीय मूल के लोगों को कार्ड) जारी किए, जो इंगित करता है कि दूतावास और महावाणिज्य दूतावास भारतीय समुदाय के प्रति कितना संवेदनशील हैं.

पढ़ें : कश्मीर मुद्दे पर भारत को अमेरिका से मिला पूर्ण समर्थन : शृंगला

अमेरिकी-भारतीय समुदाय के नेता जय भंडारी ने कहा, 'शृंगला बेहतरीन राजनयिक हैं, जिन्होंने बहुत कम समय में अमेरिकी अधिकारियों और सरकार के साथ-साथ भारतीय समुदाय का दिल जीता. वह दोस्ताना रवैये और सुलभ होने की वजह से बहुत लोकप्रिय हैं.

शृंगला ने एच-1बी और ग्रीन कार्ड को लेकर भारतीय-अमेरिकी समुदाय की चिंताओं पर अमेरिकी सांसदों से संवाद किया. पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के मुद्दे उन्होंने करीब 160 अमेरिकी सांसदों से मुलाकात की. इस मुद्दे पर अमेरिकी सांसदों को भारत के रुख से अवगत कराने के लिए कई दिनों तक कैपिटॉल हिल (अमेरिकी संसद परिसर) गए.

शिकागो की डॉक्टर भारत बराय ने कहा, 'वह एहतियाती कूटनीति में विश्वास करते हैं. वह कांग्रेस (अमेरिकी संसद) और समुदाय से संबंध के महत्व को जानते हैं. यही वजह है कि उनका छोटा सा कार्यकाल हाल के वर्षों में सबसे प्रभावी रहा.'

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श्रृंगला भारत के लिए हुए रवाना, 'जनता का राजदूत' के रूप में कर रहे भारतीय मूल के लोग

वाशिंगटन, 12 जनवरी (भाषा) अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला देश के 33वें विदेश सचिव के तौर पर नयी जिम्मेदारी संभालने के लिए रविवार को वाशिंगटन से रवाना हो गए, लेकिन उन्होंने अपने संक्षिप्त कार्यकाल में भारतीय अमेरिकियों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी है और वे उन्हें 'जनता का राजदूत' के रूप में याद करते हैं.



श्रृंगला इस महीने के उत्तरार्ध में विदेश सचिव की जिम्मेदारी संभालेंगे. उनके कार्यकाल को याद करते हुए भारतीय अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा कहते हैं, 'श्रृंगला यहां पहुंचते ही भारत के सर थॉमस मोर हो गए, जो हरदिल अजीज रहे और एक साल के कार्यकाल में कई मुद्दों का सामना अपनी ईमानदारी और मेहनत से किया, बजाय कि पारंपरिक गैर प्रतिबद्ध कूटनीति से'



श्रृंगला 1984 बैच के विदेश सेवा के अधिकारी हैं. उन्होंने करीब एक साल तक अमेरिका में भारतीय राजदूत की सफलतापूर्वक जिम्मेदारी निभाई. 57 वर्षीय श्रृंगला नौ जनवरी 2019 को वाशिंगटन पहुंचे थे और दो दिनों के भीतर उन्होंने अपना पहचान पत्र व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने पेश किया था.



वाशिंगटन पहुंचते ही उन्हें भारतीय छात्रों की गिरफ्तारी की समस्या का सामना करना पड़ा जिन्होंने फर्जी विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था और वीजा गिरोह की जांच कर रहे संघीय एजेंसियों के रडार पर आ गए थे. इन छात्रों को अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया था. श्रृंगला ने तुरंत उन तक राजनयिक पहुंच सुनिश्चित की और कुछ हफ्तों में ही अधिकतर छात्र या तो भारत लौट गए या फिर उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति मिल गई.



अमेरिका में भारतीय छात्रों के महत्व को देखते हुए उन्होंने उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया और अमेरिका के 50 में से 21 राज्यों का स्वयं दौरा किया. ताजा आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में करीब दो लाख भारतीय छात्र हैं.



आधिकारिक जिम्मेदारियों के अलावा प्रत्येक राज्य के दौरे के दौरान उन्होंने छात्रों और भारतीय समुदाय के लोगों से संवाद किया. भारतीय दूतावास के पोर्टल पर भारतीय छात्रों के पंजीकरण का कार्यक्रम शुरू किया.



जयपुर फुट अमेरिका के प्रमुख प्रेम भंडारी ने कहा, ' वह जनता के राजदूत थे. राजदूत सामान्य तौर पर सुलभ नहीं होते लेकिन उनसे न केवल किसी भी वक्त संपर्क किया जा सकता था बल्कि वह गंभीरता से समस्याओं का समाधान भी करते थे.'



वर्ष 2019 में अमेरिका स्थित भारतीय राजनयिक मिशन ने 1,23,000 पासपोर्ट, 1,15,000 वीजा (ई-वीजा के अतिरिक्त) और 90,000 से अधिक ओआईसी (भारतीय मूल के लोगों को कार्ड) जारी किए जो इंगित करता है कि दूतावास और महावाणिज्य दूतावास भारतीय समुदाय के प्रति कितना संवेदनशील हैं.



अमेरिकी-भारतीय समुदाय के नेता जय भंडारी ने कहा, 'श्रृंगला बेहतरीन राजनयिक हैं जिन्होंने बहुत कम समय में अमेरिकी अधिकारियों और सरकार के साथ-साथ भारतीय समुदाय का दिल जीता. वह दोस्ताना रवैये और सुलभ होने की वजह से बहुत लोकप्रिय हैं.



श्रृंगला ने एच-1बी और ग्रीन कार्ड को लेकर भारतीय-अमेरिकी समुदाय की चिंताओं पर अमेरिकी सांसदों से संवाद किया. पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के मुद्दे उन्होंने करीब 160 अमेरिकी सांसदों से मुलाकात की. इस मुद्दे पर अमेरिकी सांसदों को भारत के रुख से अवगत कराने के लिए कई दिनों तक कैपिटॉल हिल (अमेरिकी संसद परिसर) गए.



शिकागो की डॉक्टर भारत बराय ने कहा, 'वह एहतियाती कूटनीति में विश्वास करते हैं. वह कांग्रेस (अमेरिकी संसद) और समुदाय से संबंध के महत्व को जानते हैं. यही वजह है कि उनका छोटा सा कार्यकाल हाल के वर्षों में सबसे प्रभावी रहा.'


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Last Updated : Jan 13, 2020, 1:59 PM IST
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