देहरादून : उत्तराखंड राज्य सरकार हरिद्वार महाकुंभ 2021 को उच्चस्तरीय और हाईटेक बनाने के लिए कुंभ मेले की लाइव स्ट्रीमिंग की तैयारी कर रही है. इसके लिए उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूएसएसी) एक एप्लीकेशन तैयार कर रहा है. यूएसएसी के निदेशक एमपीएस बिष्ट की उत्तराखंड मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह और मेला अधिकारी के साथ उच्चस्तरीय बैठक में इस सुझाव को रखा था.
उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र निदेशक एमपीएस बिष्ट ने बताया कि महाकुंभ की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए हरी झंडी के मिलने के बाद इस पर काम चल रहा है. पूरे कुंभ मेला क्षेत्र को भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) पर प्रबंधित करने की तैयारी है, जिससे कुंभ मेले की लाइव स्ट्रीमिंग की जा सके.
सबसे पहले कुंभ क्षेत्र के सभी 43 सेक्टरों का मैप तैयार किया जा रहा है कि इन सेक्टरों में क्या कहां पर मौजूद है. उनको जीओ टैग किया गया है. उन्होंने बताया कि इन सभी 43 सेक्टरों के डाटा को जीओ टैग करने के बाद एक सर्वर पर अपलोड किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि यह एप्लीकेशन तैयार होने के बाद कुंभ क्षेत्र में लगे सभी कैमरों को सर्वर से जोड़ा जाएगा, जिससे मेले में होने वाली हर गतिविधि को आप अपने मोबाइल और कंप्यूटर के माध्यम से देख सकेंगे.
साथ ही सेटेलाइट की मदद से कुंभ मेले से संबंधित हर छोटी-बड़ी जानकारी आप तक पहुंचेगी. इससे जहां प्रसासन को मेले में व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी. तो वहीं कुम्भ मेले में आए श्रद्धालु भी रास्तों को सीधे अपने मोबाइल फोन पर देख सकेंगे.
लाइव स्ट्रीमिंग एप्लीकेशन के फायदेः-
मिलेगी खोया-पाया में मदद
- अगर किसी श्रद्धालु का कोई समान कहीं खो गया है या किसी का कोई सामान मिला है. तो इस एप्लीकेशन के माध्मय से उसकी फोटो डालकर सभी 43 सेक्टरों में मौजूद श्रद्धालु और कंट्रोल रूम को उसकी जानकारी मिल सकेगी. सभी के मोबाइल में उस व्यक्ति का मोबाइल नंबर भी फ्लैश होगा, जिससे उस व्यक्ति से आसानी से संपर्क बनाया जा सके.
बिछड़ों को अपनों से मिलाएगा
- अगर कुंभ मेले मे कोई बिछड़ गया जाता है तो वह परिजन की तस्वीर को पुलिस तक पहुंचाए और इस तकनीक के जरिए खोने वाले व्यक्ति की तस्वीर तुरन्त सभी के स्क्रीन पर आ जाएगी, जिससे उस व्यक्ति को ढूढ़ने में मदद मिल सकेगी.
श्रद्धालुओं को जाम से निजात मिलेगी
- शाही स्नान के दौरान अगर श्रद्धालुओं का जत्था जिस रास्ते से जा रहा है और उस रास्ते पर आगे जाम लगा है तो श्रद्धालु के मोबाइल पर तुरंत मैसेज द्वारा सूचित किया जाएगा. इससे श्रद्धालु उन रास्तों को अपने मोबाइल पर देख सकेंगे.
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उतराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक एमपीएस बिष्ट ने ईटीवी भारत से जानकारी साझा करते हुए बताया कि कुंभ क्षेत्र सभी 43 सेक्टरों में से 23 का डेटा जुटा लिया गया है. बचे हुए सेक्टरों का डाटा भी एक मार्च तक जुटा लिया जाएगा. कुंभ मेला अधिकारी द्वारा सर्वर उन्हें जल्द दे दिया जाएगा, जिसके बाद वैज्ञानिकों की टीम इस काम पर लग जाएगी.