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मॉरीशस : बचाव कार्यों में लगे भारत के 'ध्रुव' और 'चेतक' - rescue operations at mauritius reef

मॉरीशस के पास फैले तेल को साफ करने के लिए भारत सरकार ने एचएएल हेलीकॉप्टर भेज कर मदद पहुंचाई है. एचएएल निर्मित हेलीकॉप्टरों ने अब तक 110 घंटे उड़ान भर कर 600 व्यक्तियों को बचाया है. पढ़ें पूरी खबर...

hal helicopters
एचएएल हेलीकॉप्टर
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Published : Aug 18, 2020, 6:23 PM IST

बेंगलुरु : एचएएल के देशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव और चेतक हेलीकॉप्टरों को मॉरीशस के पास समुद्र के पानी में फैले तेल को साफ करने के लिए भेजा गया है. यह लोगों के बचाव और जापानी कंपनी वाले मालवाहक जहाज एमवी वाकासियो से तेल निकालने के लिए सेवा में लगाया गया है. यह जहाज चीन से ब्राजील की ओर जा रहा था, लेकिन हाल ही में मॉरीशस के पोइंटे डेसनी में चट्टान से घिर गया.

एचएएल के सीएमडी आर माधवन ने बताया कि एक बार फिर से ध्रुव हेलीकॉप्टर ने अपनी क्षमताओं को साबित किया है. हमारे हेलिकॉप्टरों को पहले भी खोज और बचाव कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा चुका है.

hal helicopters
एचएएल हेलीकॉप्टर रेस्क्यू

भारतीय वायु सेना, भारतीय तटरक्षक बल और मॉरीशस पुलिस के कारण एचएएल के हेलीकॉप्टरों ने बिना रुके उड़ान भरी, जब तक कि उस पर सवार सभी लोगों को सुरक्षित नहीं बचा लिया गया. अब तक छति से बचाव के लिए और रेस्क्यू मिशन के लिए एचएएल हेलिकॉप्टरों द्वारा कुल 210 कार्गो ऑपरेशन और 270 चरखी ऑपरेशन किए गए हैं. चेतक हेलीकॉप्टरों का उपयोग मुख्य रूप से जीवित बचे लोगों के लिए किया जाता था. एचएएल निर्मित हेलीकॉप्टरों ने अब तक 110 घंटे उड़ान भर कर 600 व्यक्तियों को एमवी वाकासियो से बचाया है.

स्पिल दो पर्यावरण संरक्षित समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों और ब्लू बे मरीन पार्क रिजर्व के करीब है. पास में कई लोकप्रिय पर्यटन समुद्र तट और मैन्ग्रोव बागान हैं. समंदर में फैले तेल की वजह से मॉरीशस सरकार ने 'पर्यावरण आपातकाल' घोषित किया है. इस सप्ताह के शुरू में जहाज के पतवार के अंदर दरार पड़ गई जिससे जहाज दो हिस्सों में बंट गया.

पढ़ें - एचएएल ने बनाया दुनिया का सबसे हल्का हेलीकॉप्टर, लेह में तैनात

ध्रुव एचएएल द्वारा देश में बनाया गया हेलीकॉप्टर है, जिसे सैन्य और लोगों के प्रयोग के लिए डिजाइन किया गया है. ध्रुव हेलीकॉप्टर का उपयोग वीआईपी यात्रा, कम्प्यूटर, खोज, बचाव, आपातकालीन चिकित्सा सेवा, अंडरस्लैंग लोड, आपदा राहत और समुद्र में तट से दूर ऑपरेशन के लिए किया जा सकता है. ध्रुव हेलीकॉप्टर ऊंचाई पर ज्यादा वजन लोड के लिए उपयुक्त है और इसमें तीन पंख लगे हैं. भारतीय वायुसेना अब तक 240 हेलीकॉप्टर का परिचालन कर रही है.

बेंगलुरु : एचएएल के देशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव और चेतक हेलीकॉप्टरों को मॉरीशस के पास समुद्र के पानी में फैले तेल को साफ करने के लिए भेजा गया है. यह लोगों के बचाव और जापानी कंपनी वाले मालवाहक जहाज एमवी वाकासियो से तेल निकालने के लिए सेवा में लगाया गया है. यह जहाज चीन से ब्राजील की ओर जा रहा था, लेकिन हाल ही में मॉरीशस के पोइंटे डेसनी में चट्टान से घिर गया.

एचएएल के सीएमडी आर माधवन ने बताया कि एक बार फिर से ध्रुव हेलीकॉप्टर ने अपनी क्षमताओं को साबित किया है. हमारे हेलिकॉप्टरों को पहले भी खोज और बचाव कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा चुका है.

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एचएएल हेलीकॉप्टर रेस्क्यू

भारतीय वायु सेना, भारतीय तटरक्षक बल और मॉरीशस पुलिस के कारण एचएएल के हेलीकॉप्टरों ने बिना रुके उड़ान भरी, जब तक कि उस पर सवार सभी लोगों को सुरक्षित नहीं बचा लिया गया. अब तक छति से बचाव के लिए और रेस्क्यू मिशन के लिए एचएएल हेलिकॉप्टरों द्वारा कुल 210 कार्गो ऑपरेशन और 270 चरखी ऑपरेशन किए गए हैं. चेतक हेलीकॉप्टरों का उपयोग मुख्य रूप से जीवित बचे लोगों के लिए किया जाता था. एचएएल निर्मित हेलीकॉप्टरों ने अब तक 110 घंटे उड़ान भर कर 600 व्यक्तियों को एमवी वाकासियो से बचाया है.

स्पिल दो पर्यावरण संरक्षित समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों और ब्लू बे मरीन पार्क रिजर्व के करीब है. पास में कई लोकप्रिय पर्यटन समुद्र तट और मैन्ग्रोव बागान हैं. समंदर में फैले तेल की वजह से मॉरीशस सरकार ने 'पर्यावरण आपातकाल' घोषित किया है. इस सप्ताह के शुरू में जहाज के पतवार के अंदर दरार पड़ गई जिससे जहाज दो हिस्सों में बंट गया.

पढ़ें - एचएएल ने बनाया दुनिया का सबसे हल्का हेलीकॉप्टर, लेह में तैनात

ध्रुव एचएएल द्वारा देश में बनाया गया हेलीकॉप्टर है, जिसे सैन्य और लोगों के प्रयोग के लिए डिजाइन किया गया है. ध्रुव हेलीकॉप्टर का उपयोग वीआईपी यात्रा, कम्प्यूटर, खोज, बचाव, आपातकालीन चिकित्सा सेवा, अंडरस्लैंग लोड, आपदा राहत और समुद्र में तट से दूर ऑपरेशन के लिए किया जा सकता है. ध्रुव हेलीकॉप्टर ऊंचाई पर ज्यादा वजन लोड के लिए उपयुक्त है और इसमें तीन पंख लगे हैं. भारतीय वायुसेना अब तक 240 हेलीकॉप्टर का परिचालन कर रही है.

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