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सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलीथिन को प्रतिबंधित करे सरकार : हाईकोर्ट - वकील अवधेश सिंह भदौरिया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक जनहित याचिक पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथिन प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है. यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता गौरव पांडे ने दायर की थी...

high court decision on single use plastic
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Feb 27, 2020, 11:14 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 7:46 PM IST

भोपाल : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है. आरटीआई एक्टिविस्ट व सामाजिक कार्यकर्ता गौरव पांडे ने यह जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथिन बैन किया जाना चाहिए, जिसके बाद कोर्ट ने प्रदेश सरकार को प्लास्टिक बैन करने का आदेश दिया.

2018 में सामाजिक कार्यकर्ता गौरव पांडे ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि मध्य प्रदेश शासन ने पॉलीथीन बैन का अधिसूचना जारी करने के बाद उस पर ध्यान नहीं दिया. सुनवाई के दौरान वकीलों ने कोर्ट को पालीथीन बैन के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन की दलील भी दी.

जानकारी देते वकील

वकील अवधेश सिंह भदौरिया ने बताया कि हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को कई आदेश दिए हैं, जिनमें कहा गया है-

  • प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन बंद हो, साथ ही पॉलीथिन को रिसाइकल करने के लिए यूनिट लगाए जाएं और इससे बिजली बनाने का काम किया जाए.
  • सरकार ऐसी व्यवस्था करे, जिससे लोग पॉलीथिन और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न कर पाएं, जिसके लिए लोगों को कम कीमत पर कागज और जूट के बैग मुहैया कराए जाएं.
  • स्कूल-कॉलेजों में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह रोका जाए और छात्रों को इसके प्रति जागरूक करने की मुहिम चलाई जाए.
  • अक्सर देखा जाता है कि शहर में पानी के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है, जिसके लिए सरकार शहरों में मिनरल वाटर प्लांट लगवाने की व्यवस्था करे.

आम नागरिक और मीडिया से हाई कोर्ट की अपील

हाईकोर्ट ने मीडिया से अपील की है कि मीडिया भी सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति लोगों को जागरूक करे और आम नागरिक इसका उपयोग न करें.

वकील अवधेश सिंह ने बताया कि यह पहला मामला है, जिसमें हाईकोर्ट ने सीधे प्रदेश सरकार को सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने का आदेश दिया है.

पढ़ें-नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कोलकाता का बांगुर एवेन्यू है स्वच्छता की मिसाल

भोपाल : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है. आरटीआई एक्टिविस्ट व सामाजिक कार्यकर्ता गौरव पांडे ने यह जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथिन बैन किया जाना चाहिए, जिसके बाद कोर्ट ने प्रदेश सरकार को प्लास्टिक बैन करने का आदेश दिया.

2018 में सामाजिक कार्यकर्ता गौरव पांडे ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि मध्य प्रदेश शासन ने पॉलीथीन बैन का अधिसूचना जारी करने के बाद उस पर ध्यान नहीं दिया. सुनवाई के दौरान वकीलों ने कोर्ट को पालीथीन बैन के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन की दलील भी दी.

जानकारी देते वकील

वकील अवधेश सिंह भदौरिया ने बताया कि हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को कई आदेश दिए हैं, जिनमें कहा गया है-

  • प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन बंद हो, साथ ही पॉलीथिन को रिसाइकल करने के लिए यूनिट लगाए जाएं और इससे बिजली बनाने का काम किया जाए.
  • सरकार ऐसी व्यवस्था करे, जिससे लोग पॉलीथिन और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न कर पाएं, जिसके लिए लोगों को कम कीमत पर कागज और जूट के बैग मुहैया कराए जाएं.
  • स्कूल-कॉलेजों में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह रोका जाए और छात्रों को इसके प्रति जागरूक करने की मुहिम चलाई जाए.
  • अक्सर देखा जाता है कि शहर में पानी के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है, जिसके लिए सरकार शहरों में मिनरल वाटर प्लांट लगवाने की व्यवस्था करे.

आम नागरिक और मीडिया से हाई कोर्ट की अपील

हाईकोर्ट ने मीडिया से अपील की है कि मीडिया भी सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति लोगों को जागरूक करे और आम नागरिक इसका उपयोग न करें.

वकील अवधेश सिंह ने बताया कि यह पहला मामला है, जिसमें हाईकोर्ट ने सीधे प्रदेश सरकार को सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने का आदेश दिया है.

पढ़ें-नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कोलकाता का बांगुर एवेन्यू है स्वच्छता की मिसाल

Last Updated : Mar 2, 2020, 7:46 PM IST
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