तिरुवनंतपुरम : प्रसिद्ध गुरुवायुर मंदिर में स्थापित भगवान कृष्ण की लघु प्रतिमा 'थिडम्बु' को कई वर्षों तक अपने मस्तक पर रखकर झांकी में हिस्सा लेने वाले 84 वर्षीय हाथी की मौत हो गई. गुरुवायुर देवस्वओम के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
गुरुवायुर देवस्वओम के अध्यक्ष के बी. मोहनदास ने कहा कि हाथी की मौत अपराह्न दो बजकर 10 मिनट पर हुई.
कहते हैं अपनों का विस्मरण बड़ा ही दुस्साध्य कार्य होता है. मंदिर के पुजारियों और सेवकों के साथ श्रद्धालुओं के लिए भी 'गजरत्म्' को भुला पाना वाकई कठिन काम है. उससे लोगों की अनेक स्मृतियां जुड़ी हैं. गुरुवायुर देवस्वओम के अध्यक्ष केबी मोहनदास ने कहा कि 'गजरत्म्' की मौत अपराह्न में हुई. उन्होंने कहा कि हाथी का नाम 'गुरुवायुर पद्मनाभन' था, किंतु धरती तक छूती उसकी लंबी सूंड़ और आकर्षक शारीरिक आकृतियों के कारण उसे 'गजरत्नम' की उपाधि दी गई थी.
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मोहनदास ने बताया कि पिछले कुछ सप्ताह से हाथी का इलाज चल रहा था. उसके पूरे शरीर में सूजन आ गई थी.
उन्होंने बताया कि पद्मनाभन की मौत के बाद गुरुवायुर देवस्वओम द्वारा प्रबंधित हाथी अभयारण्य में हाथियों की संख्या घटकर 47 रह गई है.
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