नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में साल 2000 में अंत्योदय अन्न योजना की शुरुआत की गई थी. बीते 20 साल में लाखों लोग इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं. कोरोना महामारी के इस अभूतपूर्व संकट काल में दिव्यांग जनों को इस योजना का लाभ मिलेगा.
इस योजना के तहत लाभार्थियों को 35 किलो गेहूं 2 रुपया प्रति किलो और धान तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिया जाता है. राम विलास पासवान में स्पष्ट कहा है कि अंत्योदय अन्न योजना (AAY) राशन कार्ड व प्राथमिकता वाले परिवार (PHH) राशन कार्ड के अंतर्गत कौन लाभार्थी होंगे इसकी जवाबदेही राज्य सरकार पर है.
राम विलास पासवान ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि कोई भी दिव्यांग इस योजना का लाभ पाने से वंचित न रह जाए. रामविलास ने कहा है 'दिव्यांगों को राशन योजना का फायदा नहीं मिल रहा है,' इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों को सरकार ने गंभीरता से लिया है.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) का विस्तार 30 नवंबर तक किया गया है. इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के 81 करोड़ लाभार्थियों को अलग से मुफ्त में पांच किलो चावल या गेहूं तथा 1 किलो चना दिया जा रहा है.
पासवान ने कहा कि राज्य सरकारों से कहा गया है कि दिव्यांगों को भी PMGKAY का लाभ मिलना चाहिए.
क्या है योजना, कब हुआ विस्तार
दरअसल, भारत सरकार के खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के द्वारा 10 लाख गरीब परिवारों के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत गरीब परिवारों या गरीबी रेखा से नीचे गिने जाने वाले BPL परिवारों को 35 किलो गेहूं और धान हर महीने सस्ते में दिया जाता है. बता दें कि साल 2003 में इस योजना का विस्तार हुआ था. उसी दौरान गाइड लाइन में इस योजना में दिव्यांगों को शामिल करने का निर्देश दिया गया था.