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NMC - परिवार कल्याण मंत्रालय बनाएगा उच्चस्तरीय आयोग

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Published : Oct 4, 2019, 9:44 PM IST

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले एक उच्चस्तरीय आयोग बनाने जा रहा है. इसके लिए मंत्रालय को कुलपति और राज्य चिकित्सा परिषद से पहले ही नामांकन मिल चुके हैं. पढ़ें पूरी खबर...

परिवार कल्याण मंत्रालय बनाएगा उच्च स्तरीय आयोग

नई दिल्ली : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) विधेयक को लेकर बड़े स्तर पर विरोध और बवाल के बीच स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय नया शैक्षणिक सत्र के शुरू होने से पहले एक उच्चस्तरीय आयोग बनाने जा रहा है.

गौरतलब है कि मंत्रालय को पहले ही कुलपति के 23 नामांकन और राज्य चिकित्सा परिषद से 22 नामांकन मिल चुके हैं.

एनएमसी सदस्यों के तौर पर चुने जाएंगे इन क्षेत्रों के प्रतिनिधि

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि राज्य चिकित्सा परिषद के 9 सदस्यों और राज्य / संघ राज्य क्षेत्र के प्रतिनिधियों के 10 सदस्यों को एनएमसी के सदस्यों के रूप में चुना जाएगा. पूरे चयन की घोषणा लॉटरी प्रणाली के माध्यम से की जाएगी.

मंत्रालय को मिले 72 आवेदन

बता दें स्वास्थ्य मंत्रालय को पहले ही कुछ पदों के लिए 72 आवेदन प्राप्त हुए हैं. यह पद अध्यक्ष, चार स्वायत्त बोर्ड के सदस्यों के साथ साथ आयोग के सदस्य और सचिव के हैं.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इस बाबत कहा कि एनएमसी विधेयक भारत की चिकित्सा प्रणाली में एक क्रांतिकारी सुधार है, जिसका श्रेय नरेंद्र मोदी सरकार को जाता है.

केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दी जानकारी, देखें वीडियो...

विधेयक के अनुसार, चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए एक सामान्य अंतिम वर्ष की परीक्षा नेशनल एग्जिट टेस्ट (NEXT) आयोजित की जाएगी, जो पीजी प्रवेश के लिए और स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए भी आधार होगी.

पढ़ेंः क्या है नेशनल मेडिकल कमीशन बिल- क्यों है इस पर विवाद, जानें सबकुछ

अलग परीक्षा में नहीं होना होगा शामिल

छात्रों को पीजी एन्ट्रेंस के लिए अलग से किसी परीक्षा मे शामिल नहीं होना पड़ेगा. साथ ही यह विधेयक मेडिकल कॉलेजों में 50 प्रतिशत सीटों के लिए फीस को विनियमित करने के लिए आयोग को भी देगा.

गौरतलब है कि एनएमसी IMA जैसे निकायों द्वारा विरोध किया गया था. इसने विधेयक की कई धाराओं सहित धारा 32, धारा 15 सहित अन्य की कड़ी आलोचना की है.

क्या कहती है धारा 32 और धारा 15

बता दें, धारा 32 आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को लाइसेंस देने के बारे में बात करती है, जबकि धारा 15 एक सीमित परीक्षा प्रणाली पर पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी के रूप में विदेशी चिकित्सा स्नातकों को शामिल करने की सुविधा के बारे में बात करती है.

हालांकि डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि उनके मंत्रालय ने चिकित्सा प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अधिकतम ध्यान दिया है.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) विधेयक को लेकर बड़े स्तर पर विरोध और बवाल के बीच स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय नया शैक्षणिक सत्र के शुरू होने से पहले एक उच्चस्तरीय आयोग बनाने जा रहा है.

गौरतलब है कि मंत्रालय को पहले ही कुलपति के 23 नामांकन और राज्य चिकित्सा परिषद से 22 नामांकन मिल चुके हैं.

एनएमसी सदस्यों के तौर पर चुने जाएंगे इन क्षेत्रों के प्रतिनिधि

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि राज्य चिकित्सा परिषद के 9 सदस्यों और राज्य / संघ राज्य क्षेत्र के प्रतिनिधियों के 10 सदस्यों को एनएमसी के सदस्यों के रूप में चुना जाएगा. पूरे चयन की घोषणा लॉटरी प्रणाली के माध्यम से की जाएगी.

मंत्रालय को मिले 72 आवेदन

बता दें स्वास्थ्य मंत्रालय को पहले ही कुछ पदों के लिए 72 आवेदन प्राप्त हुए हैं. यह पद अध्यक्ष, चार स्वायत्त बोर्ड के सदस्यों के साथ साथ आयोग के सदस्य और सचिव के हैं.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने इस बाबत कहा कि एनएमसी विधेयक भारत की चिकित्सा प्रणाली में एक क्रांतिकारी सुधार है, जिसका श्रेय नरेंद्र मोदी सरकार को जाता है.

केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दी जानकारी, देखें वीडियो...

विधेयक के अनुसार, चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए एक सामान्य अंतिम वर्ष की परीक्षा नेशनल एग्जिट टेस्ट (NEXT) आयोजित की जाएगी, जो पीजी प्रवेश के लिए और स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए भी आधार होगी.

पढ़ेंः क्या है नेशनल मेडिकल कमीशन बिल- क्यों है इस पर विवाद, जानें सबकुछ

अलग परीक्षा में नहीं होना होगा शामिल

छात्रों को पीजी एन्ट्रेंस के लिए अलग से किसी परीक्षा मे शामिल नहीं होना पड़ेगा. साथ ही यह विधेयक मेडिकल कॉलेजों में 50 प्रतिशत सीटों के लिए फीस को विनियमित करने के लिए आयोग को भी देगा.

गौरतलब है कि एनएमसी IMA जैसे निकायों द्वारा विरोध किया गया था. इसने विधेयक की कई धाराओं सहित धारा 32, धारा 15 सहित अन्य की कड़ी आलोचना की है.

क्या कहती है धारा 32 और धारा 15

बता दें, धारा 32 आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को लाइसेंस देने के बारे में बात करती है, जबकि धारा 15 एक सीमित परीक्षा प्रणाली पर पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी के रूप में विदेशी चिकित्सा स्नातकों को शामिल करने की सुविधा के बारे में बात करती है.

हालांकि डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि उनके मंत्रालय ने चिकित्सा प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अधिकतम ध्यान दिया है.

Intro:New Delhi: Amid hue and cry over the National Medical Commission (NMC) Bill, the Ministry of Health and Family Welfare is all set to form the much hyped commission before the new academic session starts.


Body:The ministry has already received 23 nominations of vice chancellor and 22 nominarions from state medical council.

Officials in the health ministry said 9 members from state medical council and 10 members from state/UT representatives will be selected as members of NMC.

The entire selection procudure will be done through lottery system. The draw of lots is scheduled to be held on October 14.

The health ministry has also received 72 applications for the posts of chairperson, presidents, members of four autonomous boards as well as member and secretary of the commission.

"The NMC Bill is a revolutionary reform in India's medical system being taken by the Narendra Modi Government," said Health Minister Dr Harsh Vardhan highlighting that non medical members will also be included in the NMC to provide balanced policy prescription.

The Bill calls for a single entrance examination and common counselling for admission to medical institutions at UG level.

As per the Bill, a common final year examination National Exit Test (NEXT) will be conducted to assess the quality of medical education which would also be the basis for PG entrance and as screening test.

"The students shall not have to appear in a separate examination for PG entrance," the bill said.


Conclusion:The Bill will also give the commission to regulate fees for 50 percent seats in medical colleges.

The NMC was opposed by bodies like Indian Medical Association (IMA). It has strongly criticised several Sections of the Bill including Section 32, Section 15 among others.

Section 32 talks about licensing the community health workers to practice modern medicine whereas Section 15 talks about facilitating inclusion of foreign medical graduates as registered medical practitioner on a limited examination system.

Dr Harsh Vardhan, however said that his ministry has given maximum attention to maintain transparency in the medical system.

end.
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