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सरकार का व्यवहार अज्ञानता, अहंकार और असंवेदनशीलता का मिश्रण : कांग्रेस - corona Financial aid package

आर्थिक पैकेज से जुड़ी दूसरे दिन की घोषणाओं को लेकर कांग्रेस ने आरोप लागाय कि प्रवासी श्रमिकों को कोई राहत नहीं दी गई. कांग्रेस ने यह भी कहा कि सरकार का व्यवहार अज्ञानता, अहंकार और असंवेदनशीलता का मिश्रण.

Govt jumla package
रणदीप सुरजेवाला
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Published : May 14, 2020, 8:00 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आर्थिक पैकेज से जुड़ी दूसरे दिन की घोषणाओं को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रवासी श्रमिकों को कोई राहत नहीं दी गई और सरकार का व्यवहार 'अज्ञानता, अहंकार और असंवेदनशीलता का मिश्रण' है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'निर्मला सीतारमण के आर्थिक पैकेज के दूसरे दिन की घोषणाओं का अर्थ-खोदा पहाड़, निकला जुमला.' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक पैकेज को लेकर जो उम्मीद जगाईं थीं वो धरी की धरी रह गईं.

Govt jumla package
सुरजेवाला का ट्वीट

उन्होंने कहा, 'भारत ने नरेंद्र मोदी पर विश्वास किया कि वह आर्थिक पैकेज को लेकर गंभीर हैं. लेकिन वित्त मंत्री की घोषणाओं से सारी उम्मीदें खत्म हो गईं.' कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने वीडियो लिंक के जरिये संवाददाताओं से कहा, 'हमें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री प्रवासी श्रमिकों से माफी मांगेंगे और गलतियों को सुधारेंगे. लेकिन उन्होंने जले पर नमक छिड़कने काम किया है.'

उन्होंने दावा किया, 'बहुत दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि जिस तरह से सरकार पेश आई वो अज्ञानता, अहंकार और असंवेदनशीलता का मिश्रण है.' तिवारी के मुताबिक 1947 के विभाजन के बाद पैदा हुए मानवीय संकट और 1971 में पूर्वी पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोगों के पलायन के बाद यह सबसे बड़ी मानवीय आपदा है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मुश्किल समय में सरकार 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में सिर्फ 3500 करोड़ रुपये श्रमिकों को दे रही है जो इस आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इस वक्त लोगों को अधिक आर्थिक मदद की जरूरत है.

पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि यह 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज नहीं, बल्कि 'लोन मेला' है. उन्होंने कहा, 'सरकार को लगता है कि बड़ी-बड़ी बातें करके सवालों से बच जाएगी, लेकिन यह नहीं चलने वाला है. लोगों को समझ आ रहा है कि सकार संकट के समय सहायता नहीं कर रही है, बल्कि कर्ज बांट रही है.'

सुप्रिया ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने मनरेगा का मजाक बनाया था, लेकिन आज संकट में मनरेगा ही ग्रामीण भारत में लोगों का मददगार बना है.' गौरतलब है कि मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को प्रवासी मजदूरों एवं कुछ अन्य वर्गों के लिए राहत की घोषणाएं कीं और कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को लाभ मिलेगा.

आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि जिन आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के पास कोई भी राशन कार्ड नहीं है, उन्हें 5 किलो गेहूं या चावल प्रति व्यक्ति और एक किलो चना प्रति परिवार दो महीने तक मुफ्त मिलेगा.

पढ़े-आर्थिक पैकेज: वित्तमंत्री की दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस, जानिए मुख्य बातें

नई दिल्ली : कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आर्थिक पैकेज से जुड़ी दूसरे दिन की घोषणाओं को लेकर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रवासी श्रमिकों को कोई राहत नहीं दी गई और सरकार का व्यवहार 'अज्ञानता, अहंकार और असंवेदनशीलता का मिश्रण' है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'निर्मला सीतारमण के आर्थिक पैकेज के दूसरे दिन की घोषणाओं का अर्थ-खोदा पहाड़, निकला जुमला.' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक पैकेज को लेकर जो उम्मीद जगाईं थीं वो धरी की धरी रह गईं.

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सुरजेवाला का ट्वीट

उन्होंने कहा, 'भारत ने नरेंद्र मोदी पर विश्वास किया कि वह आर्थिक पैकेज को लेकर गंभीर हैं. लेकिन वित्त मंत्री की घोषणाओं से सारी उम्मीदें खत्म हो गईं.' कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने वीडियो लिंक के जरिये संवाददाताओं से कहा, 'हमें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री प्रवासी श्रमिकों से माफी मांगेंगे और गलतियों को सुधारेंगे. लेकिन उन्होंने जले पर नमक छिड़कने काम किया है.'

उन्होंने दावा किया, 'बहुत दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि जिस तरह से सरकार पेश आई वो अज्ञानता, अहंकार और असंवेदनशीलता का मिश्रण है.' तिवारी के मुताबिक 1947 के विभाजन के बाद पैदा हुए मानवीय संकट और 1971 में पूर्वी पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोगों के पलायन के बाद यह सबसे बड़ी मानवीय आपदा है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मुश्किल समय में सरकार 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में सिर्फ 3500 करोड़ रुपये श्रमिकों को दे रही है जो इस आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इस वक्त लोगों को अधिक आर्थिक मदद की जरूरत है.

पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि यह 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज नहीं, बल्कि 'लोन मेला' है. उन्होंने कहा, 'सरकार को लगता है कि बड़ी-बड़ी बातें करके सवालों से बच जाएगी, लेकिन यह नहीं चलने वाला है. लोगों को समझ आ रहा है कि सकार संकट के समय सहायता नहीं कर रही है, बल्कि कर्ज बांट रही है.'

सुप्रिया ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने मनरेगा का मजाक बनाया था, लेकिन आज संकट में मनरेगा ही ग्रामीण भारत में लोगों का मददगार बना है.' गौरतलब है कि मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को प्रवासी मजदूरों एवं कुछ अन्य वर्गों के लिए राहत की घोषणाएं कीं और कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को लाभ मिलेगा.

आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि जिन आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के पास कोई भी राशन कार्ड नहीं है, उन्हें 5 किलो गेहूं या चावल प्रति व्यक्ति और एक किलो चना प्रति परिवार दो महीने तक मुफ्त मिलेगा.

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