श्रीनगर: पूर्व मुख्यमंत्रीउमर अब्दुल्ला ने कहा कि समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियां न्यायालय को न देने संबंधी खबरों से भाजपा-नीत केंद्र सरकार की देश की संस्थाओं के प्रति सम्मान की भावना पता चलती है.
अब्दुल्ला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'विशेष एनआईए न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश ने स्वयं कहा कि अभियोजकों ने महत्त्वपूर्ण जानकारियां सामने नहीं आने दी जिसके कारण एक गलत निर्णय पारित होने का रास्ता खुल गया. स्पष्ट है कि इस सरकार का संस्थाओं के प्रति सम्मान नहीं है.'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थाओं के प्रति असम्मान को सरकार के सभी अंगों में देखा जा सकता है. उन्होंने नीति आयोग, भारतीय रिजर्व बैंक और भारत निर्वाचन आयोग के उदाहरण भी गिनाए.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रचार अभियान के लिए रेलवे का प्रयोग किया जा रहा है. रेलवे ऐसे कपों का वितरण कर रहा है जिनपर चौकीदार लिखा हुआ है.
गौरतलब है कि पंचकुला की विशेष अदालत ने समझौता एक्सप्रेस विस्फोट कांड में स्वामी असीमानंद और तीन अन्य को बरी करने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा था कि जांच एजेंसी ने शिनाख्त परेड न करके एक महत्त्वपूर्ण साक्ष्य नष्ट कर दिया है.