कोलकाता : बीरभूम जिले के शांति निकेतन स्थित विश्वविद्यालय के अधिकारी ने बताया कि विश्वभारती ने परिसर में गत 17 अगस्त को हुई हिंसा की सीबीआई जांच की मांग की गई है. संस्थान के अधिकारियों ने कहा कि विश्व भारती तब तक बंद रहेगा जब तक 17 अगस्त को परिसर में हुई हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती. इससे पहले विश्व भारती विश्वविद्यालय में हंगामे और तोड़फोड़ के मामले में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन लोगों की जवाबदेही तय की जाए वीबीयू के परिसर की बदहाली में संलिप्त हैं.
राज्यपाल धनखड़ ने पत्र के अलावा अपने ट्वीट में लिखा कि हर समाज सही और गलत के बीच एक लाल रेखा खींचता है. उन्होंने कहा कि गलत की पहचान कर दंडित किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'यह देखा जाना चाहिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.' बकौल, धनखड़, ऐसी घटनाएं केवल सामाजिक पतन को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि 17 अगस्त को VBU में यही नजारा था.
धनखड़ ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'निस्संदेह, हम सभी को गुरुदेव के प्रिय वीबीयू और परिसर के प्राचीन चरित्र को संरक्षित करने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है. गुरुदेव के वचनों का आश्रय लेने से पहले, हमें कोबिगुरू के मूल्यों का अनुकरण करने की आवश्यकता है.
इससे पहले ईटीवी भारत संवाददाता ने विश्वभारती विश्वविद्यालय में हुए हंगामे के बाद घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने मौके पर से बताया कि क्षेत्र आज भी खाली है. बता दें कि सोमवार को पौष मेला मैदान में लगभग हजार लोग जमा हुए थे और निर्माणाधीन दीवार को ढहा दिया था.
लोगों ने कथित तौर पर निर्माण सामग्री भी लूट ली है. लोगों द्वारा कैंप कार्यालय में तोड़फोड़ भी की गई है.
बता दें कि इस घटना के लिए दुबराजपुर के टीएमसी विधायक नरेशचंद्र बाउरी के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई है और अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. फिलहाल, निर्माण कार्य रोक दिया गया है.
पीएम मोदी से हस्तक्षेप की अपील
विश्वभारती के अधिकारियों ने परिसर में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग करने का फैसला किया है. संस्थान के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
बता दें कि विश्वविद्यालय परिसर में हुए हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर संस्थान को बंद करना पड़ा था. पौष मेला मैदान में चारदीवारी के निर्माण के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बाद विश्वभारती विश्वविद्यालय को सोमवार को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया था.
इसके सदस्यों में से एक ने कहा, 'कार्यकारी परिषद (विश्वविद्यालय की) ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि परिसर में सुरक्षा मुद्दों से निपटने के लिए किसी केन्द्रीय सुरक्षा बल की तैनाती के उद्देश्य से माननीय कुलाधिपति (प्रधानमंत्री) को पत्र लिखा जायेगा.'
बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह के अनुसार हिंसा के सिलसिले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
बदमाशों ने घर में तोड़फोड़ की : विवि प्राध्यापक
विश्वभारती विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ प्राध्यापक ने कहा कि बदमाशों के एक समूह ने मंगलवार को उनके घर में तोड़ फोड़ की. विश्वविद्यालय परिसर में हुई हिंसक प्रदर्शन के आलोक में संस्थान को बंद करने के अधिकारियों के निर्णय के कुछ ही घंटे बाद यह तोड़फोड़ हुई.
विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष बिप्लव लोहा चौधरी ने कहा कि उन्होंने इस सबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है तथा रजिस्ट्रार को पत्र लिख कर इस घटना से उन्हें अवगत कराया है.
बीरभूम के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी है और मामले की जांच की जा रही है.
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को लिखे पत्र में लोहा चौधरी ने दावा किया कि मोटरसाइकिल पर सवार असामाजिक तत्वों के एक समूह ने शांतिनिकेतन के सिमंतापल्ली स्थित उनके घर पर हमला किया .
उन्होंने बताया, 'उन लोगों ने दरवाजा खोल लिया, खिड़कियां तोड़ दी और मुझे गालियां दी. पौष मेला मैदान के चारों तरफ दीवार बनाने के विश्वविद्यालय के निर्णय का समर्थन करने के कारण उनलोगों ने मेरे घर पर हमला किया और अपशब्द कहे.'
प्राध्यापक ने यह भी बताया कि ये बदमाश विश्वविद्यालय अधिकारियों की सोमवार को हुयी बैठक की बातचीत से अवगत थे और अन्य लोगों के साथ उनकी जो बातचीत हुयी थी, उसका हवाला भी बदमाशों ने दिया .
प्राध्यापक ने लिखा, ' मैं डरा नहीं हूं, लेकिन इस बात का आश्चर्य है कि कमरे के अंदर जो बाचतीत हुयी उस तथ्य से वे बदमाश अवगत थे.' पौष मेला मैदान के चारों तरफ दीवार बनाने के विश्वविद्यालय के निर्णय के बाद सोमवार को परिसर में बड़ी संख्या में लोगों ने संस्थान के इस निर्णय का विरोध किया. वहां तोड़फोड़ की गई और विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तथा.
विश्वविद्यालय अधिकारियों ने इस तोड़फोड़ के बाद संस्थान को अनिश्चित काल तक के लिये बंद कर दिया है. विश्वविद्यालय ने कहा है कि इस निर्णय से दाखिला प्रक्रिया, परीक्षायें एवं अन्य आपात सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी.
वीरभूम के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी है और मामले की जांच की जा रही है.
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विश्वविद्यालय में हुए हंगामे को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार को भी निराशा जताई थी. धनखड़ ने ट्वीट कर लिखा था, 'विश्वभारती में कानून और व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है. शिक्षा के मंदिर में शांति बनाए रखने के लिए मैं मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं. कुलपति के मुताबिक कानून तोड़ने वाले परिसर में घुसे और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.'
उन्होंने कहा कि विश्वभारती की ओर से की गई कॉल पर पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिक्रिया नहीं दी.