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पश्चिम बंगाल विधानसभा पहुंचे राज्यपाल धनखड़, आंबेडकर को दी श्रद्धांजलि

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ गुरुवार को राज्य विधानसभा पहुंचे थे. तब उन्हें इंतजार करवाया गया था. विधानसभा उनके लिए निर्धारित द्व्रार पर ताला लगा दिया गया था, जिसके चलते उन्हें दूसरे द्वारा से विधानसभा के अंदर जाना पड़ा था. इस अपमानजनक अनुभव से गुजरने के बावजूद धनखड़ आज दोबारा वहां गए, और बीआर आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी.

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जगदीप धनखड़
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Published : Dec 6, 2019, 11:21 AM IST

Updated : Dec 6, 2019, 3:31 PM IST

कोलकाता : आज डॉ. बीआर आंबेडकर की पुण्यतिथि देशभर में मनाई जा रही है. इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ राज्य विधानसभा पहुंचे और प्रवेश द्वार संख्या तीन से विधानसभा में दाखिल हुए, विधानसभा अधिकारियों और विधायकों ने उनका स्वागत किया. राज्यपाल ने आम्बेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की.

राजभवन से जारी राज्यपाल के शुक्रवार के कार्यक्रमों की सूची के अनुसार धनखड़ अपनी पत्नी के साथ विधानसभा पहुंचे और संविधान निर्माता आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

मीडिया से बात करते धनखड़

इस मौके पर धनखड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने कानून निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर की पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की. हमे उनके उपर गर्व है. उन्होंने भारत की डेमोक्रेसी को आगे बढ़ाने में योगदान दिया है.

उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहेब संविधान सभा के अध्यक्ष भी रहे थे. डॉ. आंबेडकर ने 370 को ड्राफ्ट करने से इनकार कर दिया था. वह देश के कानून मंत्री थे.

बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देते धनखड़

साथ ही उन्होंने कहा कि बाबा साहेब कहते थे कि अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान में विश्वासघाती कृत्य जैसा है.

उन्होंने कहा कि 30 साले पहले जब मैं संसद गया था. तब मैं यूनियन कांउसिल मंत्री था. साथ ही उन्होंने कहा कि बाबासाहेब को भारतरत्न देरी से मिला.

उन्होंने कहा कि इस अवसर में खुला निमंत्रण राज्य की मुख्यमंत्री को खुला आमंत्रण भेजता हुं. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के साथ राज भवन या कहीं भी किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार हूं. मैंने इस संबंध में उन्हें पत्र भी लिखा है और मंगलवार को मैनें उनसे फोन पर बात भी की थी.

आपकों बता दें कि गुरुवार को जब जगदीप धनखड़ यहां विधानसभा पहुंचे तब उन्हें उसके बाहर इंतजार करवाया गया और उनके लिए निर्धारित द्वार पर ताला लगा दिया गया था. विधानसभा अध्यक्ष और कर्मचारी गायब थे.

पढ़ें-पश्चिम बंगाल : विधानसभा परिसर में राज्यपाल जगदीप धनखड़, अपमान का आरोप लगाया

तमतमाये धनखड़ ने कहा कि राज्यपाल के पद के साथ किये गये अपमान से देश का लोकतांत्रिक इतिहास शर्मसार हुआ और इससे राज्य में ‘पिंजड़े में बंद लोकतांत्रिक माहौल’ परिलक्षित हुआ.

इस पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने उन पर अपने क्षेत्राधिकार का उल्लंघन करने और राज्य का प्रशासनिक प्रमुख बनने की लालसा पालने का आरोप लगाया.

कोलकाता : आज डॉ. बीआर आंबेडकर की पुण्यतिथि देशभर में मनाई जा रही है. इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ राज्य विधानसभा पहुंचे और प्रवेश द्वार संख्या तीन से विधानसभा में दाखिल हुए, विधानसभा अधिकारियों और विधायकों ने उनका स्वागत किया. राज्यपाल ने आम्बेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की.

राजभवन से जारी राज्यपाल के शुक्रवार के कार्यक्रमों की सूची के अनुसार धनखड़ अपनी पत्नी के साथ विधानसभा पहुंचे और संविधान निर्माता आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.

मीडिया से बात करते धनखड़

इस मौके पर धनखड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने कानून निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर की पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की. हमे उनके उपर गर्व है. उन्होंने भारत की डेमोक्रेसी को आगे बढ़ाने में योगदान दिया है.

उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहेब संविधान सभा के अध्यक्ष भी रहे थे. डॉ. आंबेडकर ने 370 को ड्राफ्ट करने से इनकार कर दिया था. वह देश के कानून मंत्री थे.

बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देते धनखड़

साथ ही उन्होंने कहा कि बाबा साहेब कहते थे कि अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान में विश्वासघाती कृत्य जैसा है.

उन्होंने कहा कि 30 साले पहले जब मैं संसद गया था. तब मैं यूनियन कांउसिल मंत्री था. साथ ही उन्होंने कहा कि बाबासाहेब को भारतरत्न देरी से मिला.

उन्होंने कहा कि इस अवसर में खुला निमंत्रण राज्य की मुख्यमंत्री को खुला आमंत्रण भेजता हुं. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के साथ राज भवन या कहीं भी किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार हूं. मैंने इस संबंध में उन्हें पत्र भी लिखा है और मंगलवार को मैनें उनसे फोन पर बात भी की थी.

आपकों बता दें कि गुरुवार को जब जगदीप धनखड़ यहां विधानसभा पहुंचे तब उन्हें उसके बाहर इंतजार करवाया गया और उनके लिए निर्धारित द्वार पर ताला लगा दिया गया था. विधानसभा अध्यक्ष और कर्मचारी गायब थे.

पढ़ें-पश्चिम बंगाल : विधानसभा परिसर में राज्यपाल जगदीप धनखड़, अपमान का आरोप लगाया

तमतमाये धनखड़ ने कहा कि राज्यपाल के पद के साथ किये गये अपमान से देश का लोकतांत्रिक इतिहास शर्मसार हुआ और इससे राज्य में ‘पिंजड़े में बंद लोकतांत्रिक माहौल’ परिलक्षित हुआ.

इस पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने उन पर अपने क्षेत्राधिकार का उल्लंघन करने और राज्य का प्रशासनिक प्रमुख बनने की लालसा पालने का आरोप लगाया.

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विधानसभा में अपमानजनक अनुभव के बावजूद राज्यपाल कल फिर जायेंगे वहां



कोलकाता : आज डॉ बीआर आंबेडकर की पुण्यतिथि है. पश्चिम



पश्चिम बंगाल विधानसभा के दौरे में अपमानजनक अनुभव से गुजरने के बावजूद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने डॉ बी आर आंबेडकरको शुक्रवार को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के फिर वहां जाने का निर्णय लिया है।



राजभवन से जारी राज्यपाल के शुक्रवार के कार्यक्रमों की सूची के अनुसार धनखड़ अपनी पत्नी के साथ विधानसभा जायेंगे और संविधान निर्माता आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे।



बृहस्पतिवार को जब वह यहां विधानसभा पहुंचे तब उन्हें उसके बाहर इंतजार करवाया गया और उनके लिए निर्धारित द्वार पर ताला लगा दिया गया था। विधानसभा अध्यक्ष और कर्मचारी गायब थे।



तमतमाये धनखड़ ने कहा कि राज्यपाल के पद के साथ किये गये अपमान से देश का लोकतांत्रिक इतिहास शर्मसार हुआ और इससे राज्य में ‘पिंजड़े में बंद लोकतांत्रिक माहौल’ परिलक्षित हुआ।



इस पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने उन पर अपने क्षेत्राधिकार का उल्लंघन करने और राज्य का प्रशासनिक प्रमुख बनने की लालसा पालने का आरोप लगाया।


Conclusion:
Last Updated : Dec 6, 2019, 3:31 PM IST
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