नई दिल्ली : सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और ऑक्सफोर्ड निर्मित कोविशील्ड के साथ औपचारिक रूप से राष्ट्रव्यापी कोविड19 टीकाकरण अभियान शुरू करने का फैसला किया है. इसके अलावा सरकार कोवैक्सीन का उपयोग भी करेगी.
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण प्रक्रिया के लिए बस कुछ दिन बचे हैं. ऐसे में वित्त मंत्रालय ने पहले तीन करोड़ हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन कर्मियों के टीकाकरण के उद्देश्य के लिए शुरू में 480 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.
सूत्रों के अनुसार सरकार ने टीकाकरण शुरू करने के लिए सबसे पहले कोविशील्ड को चुना है, क्योंकि वैक्सीन निर्माता ने तीसरे चरण के सुरक्षित और प्रभावी परिणाम प्रस्तुत किए हैं.
इस बीच कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने भी सरकार से कहा है कि वह उशके तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों को जल्द से जल्द दवा नियामक को प्रस्तुत करे.
चूंकि सरकार शुक्रवार को कोविड19 टीकाकरण के एक और ड्राई रन के लिए तैयार है, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने गुरुवार को राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और मुख्य सचिवों के साथ-साथ राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ बातचीच कर ड्राई रन की समीक्षा की. दूसरा ड्राई रन 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 736 जिलों के तीन साइट पर आयोजित किया जाएगा.
इससे पहले 28 और 29 दिसंबर को चार राज्यों में मॉक ड्रिल किया गया था और फिर दो जनवरी को राष्ट्रव्यापी ड्राई रन चलाया.
अधिकारियों ने कहा कि टीकाकरण अभियान, लाभार्थी पंजीकरण, माइक्रोप्लानिंग और नियोजित सत्र स्थलों पर टीकाकरण की पूरी योजना का भी परीक्षण किया जाएगा.
दिलचस्प बात यह है कि अगर पहले ड्राई रन और दूसरे ड्राई रन में कुछ कमियों का पता चला था, जिनको शुक्रवार को ठीक करने की आशंका है.
आधिकारिक ने कहा, 'हम यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि वैक्सीनकर्ता और साथ ही अन्य संबंधित अधिकारी कोविन एप का उचित उपयोग करने में सक्षम हों.'
बता दें कि सरकार ने टीकाकरण की डिजिटल मॉनिटिरिंग के लिए कोविन एप का निर्माण किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि अब तक 78 लाख लाभार्थियों एप पर रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.
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इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने महाराष्ट्रा, केरल, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखकर कहा इन चार राज्यों में कोविड19 मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
भूषण ने पत्र में इन राज्यों से शीघ्र कदम उठाने और हाल ही में इस तरह के स्पाइक्स पर अंकुश लगाने के लिए सख्त निगरानी रखने का आग्रह किया है.भूषण ने अपने पत्र में कहा कि इस दिशा में कोई भी ढिलाई अब तक प्राप्त परिणामों पर पानी फेर सकती है.
बता दें कि इन चार राज्यों में देश के कुल सक्रिय मामलों के 59 प्रतिशत केस शामिल हैं.