बेंगलुरु : देशभर में फैली कोरोना महामारी की वजह से सभी स्कूल-कॉलेज बंद चल रहे हैं. इससे छात्रों को काफी नुकसान हो रहा है. इस बीच कर्नाटक में मैसूर के एक सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने अच्छी पहल की है और गांव में जाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. इस दौरान वे सामाजिक दूरी का बखूबी पालन भी कर रहे हैं.
मैसूर जिले में सरगुरु तालुक के बडगलापुरा गांव में यह अनुकरणीय पहल देखने को मिली है, जहां सरकारी स्कूल की अध्यापिका सविता सहित अन्य शिक्षक गांव में जा रहे हैं और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए बच्चों को पढ़ा रहे हैं.
शिक्षकों का कहना है कि यदि इन बच्चों को एक से दो महीने की अवधि के लिए स्कूल में नहीं पढ़ाया जाता तो वे जो सीखे हैं, उसे भी भूल सकते हैं. खासकर बच्चे गणित और अंग्रेजी जल्दी भूल जाते हैं तो उन्हें फिर से पढ़ाना मुश्किल होता है. गांव के बच्चों के पास ऑनलाइन पढ़ाने के लिए मोबाइल, इंटरनेट आदि भी नहीं है, लिहाजा इन्हें गांव में एक जगह बुलाकर पढ़ाया जाता है.
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छुट्टियों में गांव के बच्चों को पढ़ाने वाले ये शिक्षक अन्य सरकारी अध्यापकों के लिए आदर्श हैं, जो सरकारी नौकरी पाने के बाद कोरोना काल में बच्चों को पढ़ाने से बचने की कोशिश कर रहे हैं.