नई दिल्ली: अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव और बॉलीवुड अभिनेत्री नगमा ने मोदी सरकार के तीन तलाक विधेयक को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए नगमा ने कहा है कि मुस्लिम महिलाएं बदहाल हैं, अशिक्षित हैं और गुरबत में हैं. सरकार अगर वास्तव में मुस्लिम महिलाओं का कल्याण करना चाहती है, तो उन्हें उनकी शिक्षा और गरीबी दूर करने की बात करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश के गांवों में कब्रगाह के लिए जमीनें कम हो रही हैं. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.
नगमा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि केवल मुस्लिम समुदाय की महिलाओं पर ही अत्याचार हो रहा है, बल्कि हर समुदाय की महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है.
नगमा ने कहा कि हम सरकार से महिला आरक्षण बिल की मांग करते हैं ताकि संसद में महिलाओं के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया जा सके और उनकी समस्याओं को सामने रख कर दूर किया जा सके.
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह बात किसी से छिपी नहीं है कि मुस्लिम महिलाओं की शादी कम उम्र में ही कर दी जाती है, उनको शिक्षा नहीं मिल पाती है. इसलिए, पहले उन्हें यह सब सुविधाएं दी जानी चाहिए.
क्या वह बिल के विरोध में हैं, इस पर नगमा ने कहा कि उन्हें बिल पर कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन इसमें सिविल मामले को आपराधिक मामले की तरह ट्रीट किया जा रहा है, यह सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि इस बिल में महिलाओं के जीवन यापन और उनके बच्चों की परवरिश के लिए फंड की व्यवस्था के लिए संशोधन करना जरूरी है.
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बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मेरठ सीट पर नगमा चौथे नंबर पर रही थीं. उन्हें 42911 वोट मिले थे. हालांकि, लोकसभा चुनाव-2019 में मेरठ सीट पर कांग्रेस ने इस बार उन्हें मौका नहीं दिया. नगमा के बदले कांग्रेस ने हरेंद्र अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया था.
नगमा पुदुचेरी और जम्मू कश्मीर की कांग्रेस प्रभारी रह चुकी हैं.