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केरल : CPM कार्यकर्ताओं पर UAPA लागू करने के फैसले में हो सकता है बदलाव

केरल में सरकार दो CPM कार्यकर्ताओं पर UAPA लागू करने के फैसले में बदलाव कर सकती है. केरल पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि फिलहाल मामले की केवल प्रारंभिक जांच की गई है. इस मामले के सभी पहलुओं की जांच के बाद सबूत एकत्र किए जाएंगे और समीक्षा की जाएगी कि क्या यूएपीए लगाना एक वैध कदम है. इसके बाद अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी. जानें क्या है पूरा मामला...

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Published : Nov 3, 2019, 8:02 AM IST

Updated : Nov 3, 2019, 11:14 PM IST

तिरुवनंतपुरम : सरकार ने कोझिकोड जिले में दो सीपीएम कार्यकर्ताओं पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन (UAPA) लागू करने के फैसले पर दोबारा विचार कर सकती है.

दरअसल डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने कोझीकोड में दो सीपीएम कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) चार्ज करने की कार्रवाई की समीक्षा करने का निर्देश दिया है. राज्य के पुलिस प्रमुख ने इस संबंध में एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर और नॉर्थ जोन आईजी को निर्देश दिए.

केरल पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि फिलहाल मामले की केवल प्रारंभिक जांच की गई है. इस मामले के सभी पहलुओं की जांच के बाद सबूत एकत्र किए जाएंगे और समीक्षा की जाएगी कि क्या यूएपीए लगाना एक वैध कदम है. इसके बाद अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.

बता दें कि CPM के दो छात्र कार्यकर्ता के खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई का व्यापक आलोचना हो रहा है. दरअसल पार्टी के कोझीकोड इकाई और नेताओं ने इस निर्णय का विरोध किया है. इसके बाद सरकार ने पुलिस को कार्रवाई का समीक्षा करने का निर्देश दिया.

इस भी पढ़ें- केरल : नाबालिग बहनों की हत्या के आरोपियों की रिहाई, कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन

इस बीच एलडीएफ के संयोजक ए विजयराघवन ने कहा कि पार्टी दोनों कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी है. इन्हें पुलिस ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया है. इन्हें माओवादी लिंक के लिए गिरफ्तार किया गया है. UAPA के तहत गिरफ्तार करने से पुलिस की किरकिरी हुई है.

उन्होंने कहा कि गलती को सुधारा जाएगा और बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के पुलिस द्वारा UAPA को लागू करना का निर्णय लिया गया. सीपीएम क्षेत्र समिति ने अपनी पार्टी के दो कार्यकर्ताओं पर UAPA लागू करना और उनकी गिरफ्तार करने के खिलाफ प्रस्ताव लाया है. सीपीएम कोझीकोड दक्षिण क्षेत्र समिति के प्रस्ताव में कहा गया है कि माओवादियों के लिए पैम्फलेट लिखना और वितरण करना करने पर यूएपीए लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है.

जिला समिति के सदस्य टीपी दासन ने इसमें भाग लिया और प्रस्ताव पास किया कि यूएपीए को वापस लिया जाए. इसमें कहा गया कि पर्चे रखने और बांटने पर यूएपीए लगाना गलत है और अलोकतांत्रिक है.

सीपीएम जिला समिति ने दो सीपीएम कार्यकर्ताओं पर UAPA के तहत कार्रवाई खिलाफ कहा कि यह जल्दबाजी में किया गया था.

तिरुवनंतपुरम : सरकार ने कोझिकोड जिले में दो सीपीएम कार्यकर्ताओं पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन (UAPA) लागू करने के फैसले पर दोबारा विचार कर सकती है.

दरअसल डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने कोझीकोड में दो सीपीएम कार्यकर्ताओं के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) चार्ज करने की कार्रवाई की समीक्षा करने का निर्देश दिया है. राज्य के पुलिस प्रमुख ने इस संबंध में एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर और नॉर्थ जोन आईजी को निर्देश दिए.

केरल पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि फिलहाल मामले की केवल प्रारंभिक जांच की गई है. इस मामले के सभी पहलुओं की जांच के बाद सबूत एकत्र किए जाएंगे और समीक्षा की जाएगी कि क्या यूएपीए लगाना एक वैध कदम है. इसके बाद अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.

बता दें कि CPM के दो छात्र कार्यकर्ता के खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई का व्यापक आलोचना हो रहा है. दरअसल पार्टी के कोझीकोड इकाई और नेताओं ने इस निर्णय का विरोध किया है. इसके बाद सरकार ने पुलिस को कार्रवाई का समीक्षा करने का निर्देश दिया.

इस भी पढ़ें- केरल : नाबालिग बहनों की हत्या के आरोपियों की रिहाई, कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन

इस बीच एलडीएफ के संयोजक ए विजयराघवन ने कहा कि पार्टी दोनों कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी है. इन्हें पुलिस ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया है. इन्हें माओवादी लिंक के लिए गिरफ्तार किया गया है. UAPA के तहत गिरफ्तार करने से पुलिस की किरकिरी हुई है.

उन्होंने कहा कि गलती को सुधारा जाएगा और बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के पुलिस द्वारा UAPA को लागू करना का निर्णय लिया गया. सीपीएम क्षेत्र समिति ने अपनी पार्टी के दो कार्यकर्ताओं पर UAPA लागू करना और उनकी गिरफ्तार करने के खिलाफ प्रस्ताव लाया है. सीपीएम कोझीकोड दक्षिण क्षेत्र समिति के प्रस्ताव में कहा गया है कि माओवादियों के लिए पैम्फलेट लिखना और वितरण करना करने पर यूएपीए लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है.

जिला समिति के सदस्य टीपी दासन ने इसमें भाग लिया और प्रस्ताव पास किया कि यूएपीए को वापस लिया जाए. इसमें कहा गया कि पर्चे रखने और बांटने पर यूएपीए लगाना गलत है और अलोकतांत्रिक है.

सीपीएम जिला समिति ने दो सीपीएम कार्यकर्ताओं पर UAPA के तहत कार्रवाई खिलाफ कहा कि यह जल्दबाजी में किया गया था.

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Thiruvananthapuram: The government is likely to reconsider the decision of imposing UAPA to two CPM activists on the Maoist affiliation in Kozhikode district. There was immense pressure on the government even from CPM.   Prosecution proceedings in UAPA-imposed cases require the approval of the government-appointed UAPA authority. The government is trying to prevent this. The Authority is headed by a retired High Court judge. Since this government came to power, prosecution proceedings is denied in many UAPA imposed cases.   Kerala police (north zone) IG Ashok Yadav IPS said that the Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) charged against two CPI activists will not be revoked. The two activists remanded for 14 days.    


Conclusion:
Last Updated : Nov 3, 2019, 11:14 PM IST
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