मुंबई: केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि सरकार ने सिंधु जल संधि का उल्लंघन किए बिना हिमालय से निकलने वाली नदियों के पानी को पाकिस्तान की तरफ जाने से रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
शेखावत ने कहा, 'सिंधु संधि के तहत पाकिस्तान को प्रवाहित होने वाले पानी को रोकने का काम शुरू हो चुका है. मैं उस पानी की बात कर रहा हूं, जो पाकिस्तान को जाता है और सिंधु जल संधि को तोड़ने की बात नहीं कर रहा.'
बता दें, पुलवामा में आतंकी हमले और भारत द्वारा बालाकोट में आतंकी शिविर पर एयरस्ट्राइक हुई थी. इसके बाद पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों के निचले स्तर पर पहुंच गया. इसलिए बयान महत्वपूर्ण है.
हालांकि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा देने वाले प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में खासा गिरावट आयी है.
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दरअसल शेखावत ने कहा, 'मसला यह है कि किस तरह हम पाकिस्तान को जाने वाले अतिरिक्त पानी को रोककर उनका इस्तेमाल कर सकते हैं. जलग्रहण क्षेत्र के बाहर कुछ जलाशय और नदियां हैं. हम उनकी दिशा को मोड़ेंगे और जरूरत होने पर पानी का इस्तेमाल कर पाएंगे.'
उन्होंने कहा कि आज हमारे सभी जलाशय भरे हुए हैं. हम पाकिस्तान जाने वाले पानी का अब इस्तेमाल कर सकते हैं और इसे रावी की ओर मोड़ देंगे.
मंत्री ने कहा कि बांध केवल बिजली उत्पादन के लिए ही नहीं बनाए जाते बल्कि पानी की कम उपलब्धता वाले समय में भी इनका इस्तेमाल होता है.
गौरतलब है सितंबर 1960 के सिंधु जल समझौते में दोनों देशों से गुजरने वाली सिंधु और सहायक नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर नियमों का उल्लेख है.