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हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी, बाजरे की सरकारी खरीद हुई तेज

हरियाणा में प्रतिदिन के हिसाब से किसानों को 3500 टोकन ही दिए जा रहे थे. अब सरकार ने किसानों की मांग पर टोकन देने की संख्या को तीन गुना बढ़ा दिया है.

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Published : Oct 24, 2020, 8:17 PM IST

Updated : Oct 24, 2020, 10:04 PM IST

public procurement
सरकारी खरीद

नई दिल्ली : हरियाणा में किसानों के संघर्ष को सफलता मिली है. राज्य सरकार ने मंडियों में बाजरे की खरीद में तेजी लाने का वादा किया है. राज्य सरकार ने कहा है कि 15 नवंबर तक बाजरे की खरीद पूरी कर ली जाएगी. सरकार ने घोषणा की थी कि किसानों के पूरे उत्पादन को 2150 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी पर खरीदा जाएगा, लेकिन जब किसान अपने उत्पाद के साथ मंडियों में पहुंचना शुरू हुए तो इसकी गति बहुत धीमी थी.

टोकन तीन गुना बढ़े

हरियाणा में प्रतिदिन के हिसाब से किसानों को 3500 टोकन ही दिए जा रहे थे. टोकन मिलने के बाद ही किसान मंडी में फसल को बेच सकते हैं. कम टोकन मिलने के कारण मंडियों में प्रतिदिन 100 से 125 किसान ही आ पा रहे थे. रेवाड़ी में जय किसान आंदोलन से जुड़े किसान 8 दिन से इस मांग के साथ धरना प्रदर्शन कर रहे थे कि टोकन की संख्या बढ़ाई जाए.

योगेंद्र यादव का बयान

स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि जय किसान आंदोलन के तहत उन्होंने इसके लिए मुहिम चलाई और 7 जिलों में 12 मंडियों का दौरा कर एक रिपोर्ट तैयार की. उसके बाद किसान नेता हरियाण के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल से मिले और रिपोर्ट सौंप कर खरीद में तेजी लाने के लिए प्रतिदिन टोकन को तीन गुना तक बढ़ाने की मांग रखी. अब सरकार ने किसानों के इस मांग को मान लिया है और शनिवार से प्रतिदिन लगभग 10 हजार किसानों को मंडियों में बुलाया जाएगा और बाजरे की खरीद सरकारी रेट पर की जाएगी.

कुछ समस्याएं अभी भी

योगेंद्र यादव ने कहा कि कुछ समस्याएं अभी भी किसानों के सामने हैं. बहुत से किसानों को भुगतान नहीं मिला है. किसानों को इस बात की जानकारी नहीं मिल पा रही है कि टोकन मिलने के बाद उनका नंबर कब आएगा और वह मंडी जाकर अपना बाजरा कैसे बेचें? इसके अलावा खरीद पर कुछ लिमिट भी लगाई गई है. इन समस्याओं को लेकर जय किसान आंदोलन ने संघर्ष जारी रखने की बात कही है. योगेंद्र यादव ने कहा कि वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में भी हैं और उनसे मुलाकात कर किसानों की समस्याएं उनके सामने रख रहे हैं.

नई दिल्ली : हरियाणा में किसानों के संघर्ष को सफलता मिली है. राज्य सरकार ने मंडियों में बाजरे की खरीद में तेजी लाने का वादा किया है. राज्य सरकार ने कहा है कि 15 नवंबर तक बाजरे की खरीद पूरी कर ली जाएगी. सरकार ने घोषणा की थी कि किसानों के पूरे उत्पादन को 2150 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी पर खरीदा जाएगा, लेकिन जब किसान अपने उत्पाद के साथ मंडियों में पहुंचना शुरू हुए तो इसकी गति बहुत धीमी थी.

टोकन तीन गुना बढ़े

हरियाणा में प्रतिदिन के हिसाब से किसानों को 3500 टोकन ही दिए जा रहे थे. टोकन मिलने के बाद ही किसान मंडी में फसल को बेच सकते हैं. कम टोकन मिलने के कारण मंडियों में प्रतिदिन 100 से 125 किसान ही आ पा रहे थे. रेवाड़ी में जय किसान आंदोलन से जुड़े किसान 8 दिन से इस मांग के साथ धरना प्रदर्शन कर रहे थे कि टोकन की संख्या बढ़ाई जाए.

योगेंद्र यादव का बयान

स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि जय किसान आंदोलन के तहत उन्होंने इसके लिए मुहिम चलाई और 7 जिलों में 12 मंडियों का दौरा कर एक रिपोर्ट तैयार की. उसके बाद किसान नेता हरियाण के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल से मिले और रिपोर्ट सौंप कर खरीद में तेजी लाने के लिए प्रतिदिन टोकन को तीन गुना तक बढ़ाने की मांग रखी. अब सरकार ने किसानों के इस मांग को मान लिया है और शनिवार से प्रतिदिन लगभग 10 हजार किसानों को मंडियों में बुलाया जाएगा और बाजरे की खरीद सरकारी रेट पर की जाएगी.

कुछ समस्याएं अभी भी

योगेंद्र यादव ने कहा कि कुछ समस्याएं अभी भी किसानों के सामने हैं. बहुत से किसानों को भुगतान नहीं मिला है. किसानों को इस बात की जानकारी नहीं मिल पा रही है कि टोकन मिलने के बाद उनका नंबर कब आएगा और वह मंडी जाकर अपना बाजरा कैसे बेचें? इसके अलावा खरीद पर कुछ लिमिट भी लगाई गई है. इन समस्याओं को लेकर जय किसान आंदोलन ने संघर्ष जारी रखने की बात कही है. योगेंद्र यादव ने कहा कि वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में भी हैं और उनसे मुलाकात कर किसानों की समस्याएं उनके सामने रख रहे हैं.

Last Updated : Oct 24, 2020, 10:04 PM IST
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