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जीओएम की अपील- घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए दिशा निर्देशों का पालन हो

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Published : May 15, 2020, 8:51 PM IST

कोरोना वायरस को लेकर आज मंत्रियों के समूह (जीओएम) की 15वीं बैठक हुई. बैठक में प्रवासी मजदूरों और विदेश से लौटे लोगों के लिए सभी प्रोटोकॉल और दिशा निर्देशों के पालन करने की अपील दोहराई गई.

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मंत्रियों के समूह

नई दिल्ली : कोविड-19 पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) की 15वीं बैठक शुक्रवार को हुई. बैठक में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रवासी मजदूरों और विदेश से लौटे लोगों के लिए सभी प्रोटोकॉल और दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील दोहराई गई.

दरअसल सरकारी सूत्रों ने कहा कि बैठक में विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आने वाले प्रवासी मजदूरों और विदेश से आने वाले लोगों के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा हुई.

हालांकि जीओएम ने उन रिपोर्टों पर ध्यान दिया, जिसमें कोरोना के मामले में प्रवासियों के वापसी के बाद राज्यों में बढ़ोतरी हुई है. कई राज्यों ने यहां तक ​​शिकायत की है कि मजदूरों के आने से राज्यों की रोजगार की समस्या बढ़ जाएगी.

जीओएम को सूचित किया गया था कि 30 नगरपालिका क्षेत्र हैं, जहां पर भारत में कोरोना मामले का 79 प्रतिशत हिस्सा हैं.

अधिकारियों ने कहा, 'मंत्रियों के समूह ने चर्चा की कि कोविड-19 के प्रबंधन में रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. इसमें सबसे अधिक संख्या में संक्रमण और संपर्क का समय पर पता लगाना सबसे अच्छा तरीका है.'

गौरतलब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में शेष विश्व की तुलना में भारत की स्थिति की समीक्षा की गई. कुल मिलाकर 2,94,469 मौतों के साथ कोरोना के सकारात्मक मामलों की कुल संख्या 42,48,389 है और मृत्यु दर 6.92 प्रतिशत है. वहीं भारत में कुल सकारात्मक मामलों की संख्या 81,970 है, 2649 लोगों की मौत हुई है और मृत्यु दर 3.23 प्रतिशत है.

केंद्रीय मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि पिछले 24 घंटों में 1685 मरीज ठीक हो गए. अधिकारियों ने कहा, 'यह कुल सही होने का दर 34.06 प्रतिशत है.'

भारत की दोहरीकरण दर अब 12.9 दिन है जबकि पिछले सप्ताह के दौरान प्री लॉकडाउन अवधि में मामले की मृत्यु दर (सीएफआर) भी 3.2 प्रतिशत से घटकर 2.1 प्रतिशत हो गई है.

जीओएम ने यह भी कहा कि देश में चिकित्सा का बुनियादी ढांचा को कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए नया रूप दिया गया है. वर्तमान में भारत में 919 समर्पित कोविड अस्पताल, 2036 कोविड स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और 5739 कोविड देखभाल केंद्र हैं, जिनमें आवश्यक संख्या में बेड हैं. भारत की पीपीई और एन-95 मास्क उत्पादन क्षमता प्रतिदिन तीन लाख तक पहुंच गई है.

पढ़ें : प्रवासियों, विदेश से आने वालों की होगी आरटी-पीसीआर आधारित 'पूल टेस्टिंग'

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने, जो बैठक में उपस्थित थे. कहा कि भारत की परीक्षण क्षमता 509 प्रयोगशालाओं के माध्यम से प्रतिदिन एक लाख तक बनाई गई है.

भार्गव ने कहा, 'अब तक देश में लगभग 20 लाख जांच आयोजित किए जा चुके हैं.'

जीओएम ने सूचित किया है कि लगभग 12,000 भारतीयों को पहले ही विदेश से वापस लाया जा चुका है और उन्हें संबंधित राज्यों में वापस भेजा जा रहा है.

जीओएम बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, जहाजरानी और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख लाल मंडाविया और कई अन्य शीर्ष सरकारी अधिकारी शामिल थे.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए स्थानीय सरकारों से तंबाकू उत्पादों की बिक्री और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर रोक लगाने की अपील की. हर्षवर्धन ने कहा कि धूम्रपान करने वाले तंबाकू उपयोगकर्ताओं में सार्वजनिक स्थानों पर या अन्यथा थूकने की प्रवृत्ति होती है.

नई दिल्ली : कोविड-19 पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) की 15वीं बैठक शुक्रवार को हुई. बैठक में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रवासी मजदूरों और विदेश से लौटे लोगों के लिए सभी प्रोटोकॉल और दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील दोहराई गई.

दरअसल सरकारी सूत्रों ने कहा कि बैठक में विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आने वाले प्रवासी मजदूरों और विदेश से आने वाले लोगों के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा हुई.

हालांकि जीओएम ने उन रिपोर्टों पर ध्यान दिया, जिसमें कोरोना के मामले में प्रवासियों के वापसी के बाद राज्यों में बढ़ोतरी हुई है. कई राज्यों ने यहां तक ​​शिकायत की है कि मजदूरों के आने से राज्यों की रोजगार की समस्या बढ़ जाएगी.

जीओएम को सूचित किया गया था कि 30 नगरपालिका क्षेत्र हैं, जहां पर भारत में कोरोना मामले का 79 प्रतिशत हिस्सा हैं.

अधिकारियों ने कहा, 'मंत्रियों के समूह ने चर्चा की कि कोविड-19 के प्रबंधन में रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. इसमें सबसे अधिक संख्या में संक्रमण और संपर्क का समय पर पता लगाना सबसे अच्छा तरीका है.'

गौरतलब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में शेष विश्व की तुलना में भारत की स्थिति की समीक्षा की गई. कुल मिलाकर 2,94,469 मौतों के साथ कोरोना के सकारात्मक मामलों की कुल संख्या 42,48,389 है और मृत्यु दर 6.92 प्रतिशत है. वहीं भारत में कुल सकारात्मक मामलों की संख्या 81,970 है, 2649 लोगों की मौत हुई है और मृत्यु दर 3.23 प्रतिशत है.

केंद्रीय मंत्रालय के आंकड़ों में कहा गया है कि पिछले 24 घंटों में 1685 मरीज ठीक हो गए. अधिकारियों ने कहा, 'यह कुल सही होने का दर 34.06 प्रतिशत है.'

भारत की दोहरीकरण दर अब 12.9 दिन है जबकि पिछले सप्ताह के दौरान प्री लॉकडाउन अवधि में मामले की मृत्यु दर (सीएफआर) भी 3.2 प्रतिशत से घटकर 2.1 प्रतिशत हो गई है.

जीओएम ने यह भी कहा कि देश में चिकित्सा का बुनियादी ढांचा को कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए नया रूप दिया गया है. वर्तमान में भारत में 919 समर्पित कोविड अस्पताल, 2036 कोविड स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और 5739 कोविड देखभाल केंद्र हैं, जिनमें आवश्यक संख्या में बेड हैं. भारत की पीपीई और एन-95 मास्क उत्पादन क्षमता प्रतिदिन तीन लाख तक पहुंच गई है.

पढ़ें : प्रवासियों, विदेश से आने वालों की होगी आरटी-पीसीआर आधारित 'पूल टेस्टिंग'

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने, जो बैठक में उपस्थित थे. कहा कि भारत की परीक्षण क्षमता 509 प्रयोगशालाओं के माध्यम से प्रतिदिन एक लाख तक बनाई गई है.

भार्गव ने कहा, 'अब तक देश में लगभग 20 लाख जांच आयोजित किए जा चुके हैं.'

जीओएम ने सूचित किया है कि लगभग 12,000 भारतीयों को पहले ही विदेश से वापस लाया जा चुका है और उन्हें संबंधित राज्यों में वापस भेजा जा रहा है.

जीओएम बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, जहाजरानी और रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख लाल मंडाविया और कई अन्य शीर्ष सरकारी अधिकारी शामिल थे.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए स्थानीय सरकारों से तंबाकू उत्पादों की बिक्री और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर रोक लगाने की अपील की. हर्षवर्धन ने कहा कि धूम्रपान करने वाले तंबाकू उपयोगकर्ताओं में सार्वजनिक स्थानों पर या अन्यथा थूकने की प्रवृत्ति होती है.

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