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प्रशांत किशोर का NRC पर सवाल, गिरिराज बोले - राष्ट्रहित के लिए NRC जरूरी

एनआरसी के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का सहयोगी दल जेडीयू विरोध में है. प्रशांत किशोर द्वारा एनआरसी पर सवाल उठाए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रतिक्रिया दी. जानें क्या कुछ कहा केंद्रीय मंत्री ने...

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Published : Nov 21, 2019, 9:59 PM IST

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नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया और कहा कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. हालांकि, बीजेपी के गठबंधन सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) एनआरसी के विरोध में है. जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एनआरसी पर सवाल उठाए हैं. इस पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राष्ट्रहित के लिए एनआरसी जरूरी है.

गिरिराज सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, 'कौन विरोध कर रहा है और कौन एनआरसी के पक्ष में है, मुझे इससे मतलब नहीं है. लेकिन एनआरसी देश के लिए अनिवार्य है.'

गिरिराज सिंह से बातचीत

उन्होंने कहा कि स्व. इंदिरा गांधी ने भी 1971 में कहा था कि हमारी जनसंख्या इतनी बढ़ रही है कि हम दूसरों का भार नहीं सह सकते. सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी में इच्छाशक्ति की कमी थी और उन्होंने वोट के आगे घुटने टेक दिये.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमित शाह में राष्ट्र के लिए हिम्मत है और राष्ट्रहित के लिए विदेशी घुसपैठियों का हटना जरूरी है, जो भी राजनीतिक दल देश का भला चाहते हैं, वे एनआरसी का समर्थन करेंगे.

इसके पूर्व प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया था, '15 से अधिक राज्यों में गैर बीजेपी मुख्यमंत्री हैं और ये ऐसे राज्य हैं, जहां देश की 55 फीसदी से अधिक जनसंख्या है. आश्चर्य यह है कि उनमें से कितने लोगों से एनआरसी पर विमर्श किया गया और कितने अपने-अपने राज्य में इसे लागू कराने के लिए तैयार हैं.'

प्रशांत किशोर ने NRC को लेकर बिना नाम लिए BJP पर हमला बोला

गौरतलब है कि गृहमंत्री शाह ने राज्यसभा में कहा था कि किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है. सरकार मानती है कि सारे धर्म के जो शरणार्थी बाहर से आए हैं, उन्हें नागरिकता दी जाए. सरकार चाहती है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाए.

जेडीयू के अलावा बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी दल भी एनआरसी के विरोध में हैं.

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया और कहा कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. हालांकि, बीजेपी के गठबंधन सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) एनआरसी के विरोध में है. जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एनआरसी पर सवाल उठाए हैं. इस पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राष्ट्रहित के लिए एनआरसी जरूरी है.

गिरिराज सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा, 'कौन विरोध कर रहा है और कौन एनआरसी के पक्ष में है, मुझे इससे मतलब नहीं है. लेकिन एनआरसी देश के लिए अनिवार्य है.'

गिरिराज सिंह से बातचीत

उन्होंने कहा कि स्व. इंदिरा गांधी ने भी 1971 में कहा था कि हमारी जनसंख्या इतनी बढ़ रही है कि हम दूसरों का भार नहीं सह सकते. सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी में इच्छाशक्ति की कमी थी और उन्होंने वोट के आगे घुटने टेक दिये.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमित शाह में राष्ट्र के लिए हिम्मत है और राष्ट्रहित के लिए विदेशी घुसपैठियों का हटना जरूरी है, जो भी राजनीतिक दल देश का भला चाहते हैं, वे एनआरसी का समर्थन करेंगे.

इसके पूर्व प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया था, '15 से अधिक राज्यों में गैर बीजेपी मुख्यमंत्री हैं और ये ऐसे राज्य हैं, जहां देश की 55 फीसदी से अधिक जनसंख्या है. आश्चर्य यह है कि उनमें से कितने लोगों से एनआरसी पर विमर्श किया गया और कितने अपने-अपने राज्य में इसे लागू कराने के लिए तैयार हैं.'

प्रशांत किशोर ने NRC को लेकर बिना नाम लिए BJP पर हमला बोला

गौरतलब है कि गृहमंत्री शाह ने राज्यसभा में कहा था कि किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है. सरकार मानती है कि सारे धर्म के जो शरणार्थी बाहर से आए हैं, उन्हें नागरिकता दी जाए. सरकार चाहती है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाए.

जेडीयू के अलावा बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी दल भी एनआरसी के विरोध में हैं.

Intro:प्रशांत किशोर ने NRC पर उठाया सवाल, गिरिराज सिंह बोले- राष्ट्र हित के लिए जरूरी है एनआरसी

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में एनआरसी के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा है कि एनआरसी के आधार पर नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और इसे पूरे देश में लागू करेंगे, किसी भी धर्म विशेष के लोगों को इसके कारण डरने की जरूरत नहीं है, यह,उन्होंने कहा कि सरकार मानती है कि सारे धर्म के जो शरणार्थी बाहर से आए हैं उन्हें नागरिकता दी जाए




Body:अमित शाह ने कहा है कि सरकार चाहती है की पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन पारसी और ईसाई धर्म के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाए

वहीं बीजेपी की सहयोगी दल जदयू एनआरसी पर अलग स्टैंड अपनाई हुई है, वह काफी पहले से इसके विरोध में है, जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एनआरसी के मुद्दे पर ट्वीट किया- '15 से अधिक राज्यों में गैर बीजेपी मुख्यमंत्री हैं और यह ऐसे राज्य हैं जहां देश की 55 फीसदी से अधिक जनसंख्या है, आश्चर्य यह है कि उनमें से कितने लोगों से एनआरसी पर विमर्श किया गया और कितने अपने-अपने राज्य में इसे लागू कराने के लिए तैयार हैं'

वहीं बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और कुछ और विपक्षी दल एनआरसी के विरोध में हैं.


Conclusion:प्रशांत किशोर के ट्वीट पर गिरिराज सिंह ने कहा कि कौन विरोध कर रहा है और कौन एनआरसी के पक्ष में है मुझे इससे मतलब नहीं है, एनआरसी देश के लिए अनिवार्य है

गिरिराज सिंह ने कहा कि 1971 में स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने भी कहा था कि हमारी जनसंख्या इतनी बढ़ रही है कि हम दूसरों का भार नहीं सह सकते हैं, गिरिराज सिंह ने कहा कि लेकिन इंदिरा गांधी में इच्छा शक्ति की कमी थी और उन्होंने वोट के आगे घुटने टेक दिए

गिरिराज सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह में राष्ट्र के लिए हिम्मत है और राष्ट्र हित के लिए विदेशी घुसपैठियों का हटना जरूरी है,जो सियासी दल देश का भला चाहती होंगी वह nrc का समर्थन करेंगी
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