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राज्य सभा से विदाई पर भावुक हुए गुलाम नबी आजाद, सुनें पूरा भाषण - गुलाम नबी आजाद पीएम मोदी

राज्य सभा में आज नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद का अंतिम कार्य दिवस है. इस मौके पर अपनी विदाई को लेकर आजाद काफी भावुक हो गए. उन्होंने अपने अंतिम वक्तव्य में कहा कि प्रधानमंत्री, डिप्टी चेयरमैन समेत सदन में मौजूद तमाम साथियों ने जिस तरह से भावुक होकर मेरे बारे में कुछ कहा, वे सोच में पड़ गए हैं, कि क्या कहें.

ज्य सभा से विदाई पर गुलाम नबी आजाद
ज्य सभा से विदाई पर गुलाम नबी आजाद
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Published : Feb 9, 2021, 12:50 PM IST

Updated : Feb 9, 2021, 2:29 PM IST

नई दिल्ली : राज्य सभा में गुलाम नबी आजाद ने आज अपने विदाई भाषण में 41 साल के विधायी कैरियर का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वे हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि पूरा कैरियर संघर्ष का जमाना रहा है.

राज्य सभा से विदाई पर भावुक हुए गुलाम नबी आजाद (भाग -1)

उन्होंने कहा कि वे 41 साल के अनुभव को कहने में हफ्ते, महीने लग सकते हैं, इसलिए वे शायरों के कुछ शेर के माध्यम से अपनी बातें संक्षेप में कहना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि वे जम्मू से हैं, लेकिन उनका जिला मुस्लिम बहुल आबादी वाला है, इसलिए कश्मीर से ज्यादा प्रभावित रहा है, विशेष रूप से मुस्लिम लोगों में.

राज्य सभा से विदाई पर भावुक हुए गुलाम नबी आजाद (भाग -2)

आजाद ने बताया कि अपने युवा दिनों में वे गांधी, नेहरू और मौलाना आजाद को पढ़ते थे. उन्होंने कहा कि देशभक्ति की जो सीख मिली है, वहीं से आई है.

उन्होंने कहा कि जो लोग बर्फ में हैं उनके लिए वे शेर पढ़ना चाहते हैं.

'खून की मांग है इस देश की रक्षा के लिए, मेरे नजदीक ये कुर्बानी बहुत छोटी है दे दो.'....गुलाम नबी आजाद

इससे पहले पीएम मोदी ने भी गुलाम नबी आजाद के योगदान को याद कर भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद दल के साथ सदन और देश की चिंता करने वाले शख्स हैं. उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद के बाद जो लोग उनके पद पर आएंगे उनका स्थान भर पाना मुश्किल होगा. पीएम मोदी सांसदों के योगदान का जिक्र करते हुए भावुक भी हो गए.

यह भी पढ़ें: राज्यसभा से गुलाम नबी आजाद की विदाई, भर आईं पीएम मोदी की आंखें

बता दें कि राज्य सभा से कई सांसद रिटायर होने वाले हैं. इनमें जम्मू-कश्मीर से मीर मोहम्मद फैयाज, शमशेर सिंह मन्हास, गुलाम नबी आजाद और नाजीर अहमद शामिल हैं.

नई दिल्ली : राज्य सभा में गुलाम नबी आजाद ने आज अपने विदाई भाषण में 41 साल के विधायी कैरियर का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वे हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि पूरा कैरियर संघर्ष का जमाना रहा है.

राज्य सभा से विदाई पर भावुक हुए गुलाम नबी आजाद (भाग -1)

उन्होंने कहा कि वे 41 साल के अनुभव को कहने में हफ्ते, महीने लग सकते हैं, इसलिए वे शायरों के कुछ शेर के माध्यम से अपनी बातें संक्षेप में कहना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि वे जम्मू से हैं, लेकिन उनका जिला मुस्लिम बहुल आबादी वाला है, इसलिए कश्मीर से ज्यादा प्रभावित रहा है, विशेष रूप से मुस्लिम लोगों में.

राज्य सभा से विदाई पर भावुक हुए गुलाम नबी आजाद (भाग -2)

आजाद ने बताया कि अपने युवा दिनों में वे गांधी, नेहरू और मौलाना आजाद को पढ़ते थे. उन्होंने कहा कि देशभक्ति की जो सीख मिली है, वहीं से आई है.

उन्होंने कहा कि जो लोग बर्फ में हैं उनके लिए वे शेर पढ़ना चाहते हैं.

'खून की मांग है इस देश की रक्षा के लिए, मेरे नजदीक ये कुर्बानी बहुत छोटी है दे दो.'....गुलाम नबी आजाद

इससे पहले पीएम मोदी ने भी गुलाम नबी आजाद के योगदान को याद कर भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद दल के साथ सदन और देश की चिंता करने वाले शख्स हैं. उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद के बाद जो लोग उनके पद पर आएंगे उनका स्थान भर पाना मुश्किल होगा. पीएम मोदी सांसदों के योगदान का जिक्र करते हुए भावुक भी हो गए.

यह भी पढ़ें: राज्यसभा से गुलाम नबी आजाद की विदाई, भर आईं पीएम मोदी की आंखें

बता दें कि राज्य सभा से कई सांसद रिटायर होने वाले हैं. इनमें जम्मू-कश्मीर से मीर मोहम्मद फैयाज, शमशेर सिंह मन्हास, गुलाम नबी आजाद और नाजीर अहमद शामिल हैं.

Last Updated : Feb 9, 2021, 2:29 PM IST
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