नई दिल्ली: कांग्रेस अपने उस बयान से पलट गई है, जिसमें कहा गया था कि पार्टी प्रधानमंत्री पद पर दावेदारी पेश नहीं करेगी. पार्टी के महासचिव गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पांच साल तक सरकार चलानी है, तो नेतृत्व का मौका सबसे बड़ी पार्टी को ही मिलनी चाहिए.
सूत्रों की माने तो पार्टी हाईकमान ने गुलाम नबी आजाद को डांट लगाई है. आजाद ने कल इससे उलट बयान दिया था.
एक दिन पहले ही आजाद ने कहा था कि पीएम पद को लेकर पार्टी त्याग करने को तैयार है. वह चाहते हैं कि क्षेत्रीय दल को यह मौका मिले. उनके बयान के बाद यह चर्चा शुरू हो गई थी कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों का सहयोग करेगी. वह गैर एनडीए दलों का सहयोग करने के लिए तैयार है.
आजाद ने ये भी कहा था, 'हमारा लक्ष्य हमेशा यह रहा है कि एनडीए की सरकार सत्ता में वापस नहीं लौटनी चाहिए. हम सर्वसम्मति से लिए गए फैसले के साथ जाएंगे. जब तक हमें पीएम पद का ऑफर नहीं किया जाता, हम कुछ नहीं कहेंगे.'हालांकि, अब कांग्रेस ने यू टर्न ले लिया है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'कांग्रेस पीएम पद की दावेदारी की इच्छुक नहीं है या फिर कांग्रेस पीएम पद पर दावा पेश नहीं करेगी, यह सच नहीं है. कांग्रेस देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है. अगर हमें पांच साल तक सरकार चलानी है तो सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी को ही इसका मौका मिलना चाहिए.'
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ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस ने क्षेत्रीय दलों पर दबाव बनाने के लिए यह बयान जारी किया है. पार्टी चाहती है कि इस कदम से वह कई दलों को अपने साथ जोड़ सकती है. सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस नए गठबंधन का हर हाल में नेतृत्व करना चाहती है. वह सिर्फ बाहर से समर्थन देकर सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है.