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उत्तराखंडः 1997 से अवैध रूप से रह रहा था जर्मन नागरिक, किसी को नहीं पड़ी भनक - जर्मन नागरिक जर्गन रुडोल्फ

उत्तराखंड के ऋषिकेश में मुनिकीरेती स्थित शत्रुघ्न घाट में बिना पासपोर्ट और वीजा के रह रहे एक जर्मन नागरिक का मामला सामने आया है. जिसके बाद से पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है. दरअसल, यहां एक जर्मन नागरिक साधु के भेष में अवैध रुप से रह रहा था. जानें क्या है पूरा मामला...

जर्मन नागरिक जर्गन रुडोल्फ
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Published : Sep 21, 2019, 10:10 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 10:28 AM IST

ऋषिकेश: उत्तराखंड की तीर्थनगरी ऋषिकेश में 1997 से एक जर्मन नागरिक साधु के भेष में अवैध रुप से रह रहा था. शुक्रवार को पुलिस और एलआईयू को मामले की भनक लगी. इसके बाद जांच के लिए नाव घाट पहुंची पुलिस ने विदेशी नागरिक से उसके दस्तावेज मांगे. इस पर विदेशी नागरिक ने स्वीकार किया कि उसके पास कोई पासपोर्ट, वीजा या निवास का कोई वैध दस्तावेज नहीं है. इसके बाद से पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है.

अवैध रुप से भारत में रह रहा जर्मन नागरिक

जानकारी के अनुसार ऋषिकेश में अवैध रूप से निवास कर रहा जर्मन नागरिक जर्गन रुडोल्फ साल 1981 में भारत आया था. पिछले 38 साल से वह महाराष्ट्र सहित दक्षिण भारत के विभिन्न शहरों में रहा. बीते 18 सालों से वह ऋषिकेश क्षेत्र में स्थान बदल-बदल कर रह रहा है. फिलहाल, उसका मौजूदा ठिकाना मुनिकीरेती स्थित शत्रुघ्न घाट बना हुआ है. जहां वह गंगा के किनारे बने घाट पर एक अस्थाई झोपड़ी डालकर रह रहा है.

पुलिस की पूछताछ में आरोपी जर्गन रुडोल्फ ने बताया कि जब 1981 में वह भारत आया था तब उसके पास वीजा पासपोर्ट सहित सभी दस्तावेज थे. साल 1997 में कुछ युवकों ने पैसे के लालच में उसके सभी दस्तावेज चुरा लिए. इसके बाद उसने जर्मन एंबेसी में मदद की गुहार लगाई गई थी. लेकिन एंबेसी से उसे कोई सहयोग नहीं मिला.

वहीं जर्मन नागरिक जर्गन रुडोल्फ का कहना है कि अब उसने भारतीय संस्कृति को अपना लिया है. सन्यास परंपरा के अनुसार अब उसका पुनर्जन्म हो चुका है. इसके बाद से उसका नया नाम आसाराम गिरी है.

ये भी पढ़े: भारत-अमेरिका अधिक शांतिपूर्ण व स्थिर दुनिया के निर्माण में योगदान दे सकते हैं : PM मोदी

मुनी की रेती थाना प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी ने बताया कि विदेशी नागरिक से पूछताछ की गई. उसके पास से किसी भी तरह के वैध दस्तावेज नहीं मिले हैं. विदेशी युवक ने बताया है कि कुछ वर्ष पहले उसके दस्तावेज चोरी हो गए हैं. इसके बाद से वह लगातार बिना पासपोर्ट वीजा के यहां रह रहा है. पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है.

ऋषिकेश: उत्तराखंड की तीर्थनगरी ऋषिकेश में 1997 से एक जर्मन नागरिक साधु के भेष में अवैध रुप से रह रहा था. शुक्रवार को पुलिस और एलआईयू को मामले की भनक लगी. इसके बाद जांच के लिए नाव घाट पहुंची पुलिस ने विदेशी नागरिक से उसके दस्तावेज मांगे. इस पर विदेशी नागरिक ने स्वीकार किया कि उसके पास कोई पासपोर्ट, वीजा या निवास का कोई वैध दस्तावेज नहीं है. इसके बाद से पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है.

अवैध रुप से भारत में रह रहा जर्मन नागरिक

जानकारी के अनुसार ऋषिकेश में अवैध रूप से निवास कर रहा जर्मन नागरिक जर्गन रुडोल्फ साल 1981 में भारत आया था. पिछले 38 साल से वह महाराष्ट्र सहित दक्षिण भारत के विभिन्न शहरों में रहा. बीते 18 सालों से वह ऋषिकेश क्षेत्र में स्थान बदल-बदल कर रह रहा है. फिलहाल, उसका मौजूदा ठिकाना मुनिकीरेती स्थित शत्रुघ्न घाट बना हुआ है. जहां वह गंगा के किनारे बने घाट पर एक अस्थाई झोपड़ी डालकर रह रहा है.

पुलिस की पूछताछ में आरोपी जर्गन रुडोल्फ ने बताया कि जब 1981 में वह भारत आया था तब उसके पास वीजा पासपोर्ट सहित सभी दस्तावेज थे. साल 1997 में कुछ युवकों ने पैसे के लालच में उसके सभी दस्तावेज चुरा लिए. इसके बाद उसने जर्मन एंबेसी में मदद की गुहार लगाई गई थी. लेकिन एंबेसी से उसे कोई सहयोग नहीं मिला.

वहीं जर्मन नागरिक जर्गन रुडोल्फ का कहना है कि अब उसने भारतीय संस्कृति को अपना लिया है. सन्यास परंपरा के अनुसार अब उसका पुनर्जन्म हो चुका है. इसके बाद से उसका नया नाम आसाराम गिरी है.

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मुनी की रेती थाना प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी ने बताया कि विदेशी नागरिक से पूछताछ की गई. उसके पास से किसी भी तरह के वैध दस्तावेज नहीं मिले हैं. विदेशी युवक ने बताया है कि कुछ वर्ष पहले उसके दस्तावेज चोरी हो गए हैं. इसके बाद से वह लगातार बिना पासपोर्ट वीजा के यहां रह रहा है. पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है.

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ऋषिकेश-- बिना पासपोर्ट और वीजा के पिछले 18 वर्षों से एक जर्मन नागरिक साधु के वेश में तीर्थ नगरी में डेरा डाले हुए हैं कई साल से अवैध निवास कर रहे विदेशी नागरिक के बारे में पुलिस और एलआईयू को शुक्रवार को पता चला सूचना मिलने के बाद मुनिकीरेती क्षेत्र स्थित नाव घाट पहुंची पुलिस इस दौरान विदेशी नागरिक से उसके वैध दस्तावेज मांगे गए इस पर उसने काफी देर तक एलआईयू टीम को अपनी बातों के झांसे में उलझा रखा आखिरकार स्वीकार किया कि उसके पास कोई पासपोर्ट वीजा या निवास का कोई वैध दस्तावेज नहीं है।


Body:वी/ओ-- मिली जानकारी के अनुसार अवैध रूप से निवास कर रहा जर्मन नागरिक जर्गन रुडोल्फ जोकि 1981 में भारत आया था इस दौरान पिछले 38 साल से वह महाराष्ट्र सहित दक्षिण भारत के विभिन्न शहरों में रहा पिछले 18 वर्षो से वह ऋषिकेश क्षेत्र में स्थान बदल बदल कर रहा है फिलहाल उसका मौजूदा ठिकाना मुनिकीरेती स्थित शत्रुघ्न घाट बना हुआ है वह गंगा के किनारे बने घाट पर एक अस्थाई झोपड़ी डालकर रह रहा है। अवैध तरीके से रहने की सूचना मिलने के बाद आज दोपहर तकरीबन 12:00 बजे मुनी की रेती पुलिस और एलआईयू सब इंस्पेक्टर उमा चौहान अपने टीम के साथ पूछताछ करने पहुंची जहां पूछताछ के दौरान जर्गन रुडोल्फ ने पहले तो आनाकानी की बाद में अपना मूल निवास भी बताने से इंकार कर दिया बाद में उसने कुछ दस्तावेज दिखाएं जिसके मुताबिक वह जर्मन नागरिक है बातचीत में उसने बताया कि वह 1981 में भारत आ गया था तब से वह गेरुआ वस्त्र पहने पिछले 18 वर्षों से तीर्थ नगरी में अलग-अलग स्थानों पर रह रहा है ।


Conclusion:वी/ओ-- बातचीत में अवैध प्रवास के आरोपी जर्गन रुडोल्फ का कहना है कि मेरे पास वीजा पासपोर्ट सहित सभी वह दस्तावेज थे कई साल पहले कुछ युवकों ने पैसे की लालच में मेरे सारे दस्तावेज चुरा लिए थे मेरे पास पैसे भी नहीं है जर्मन एंबेसी में एक बार मदद की गुहार लगाई गई थी इसके बावजूद एंबेसी के लोग मेरा सहयोग नहीं कर रहे हैं उसका कहना है कि अब मैंने भारतीय संस्कृति को अपना लिया है सन्यास परंपरा के अनुसार मेरा अब पुनर्जन्म हो चुका है मेरा नया नाम आसाराम गिरी है।

मुनी की रेती थाना प्रभारी निरीक्षक आरके सकलानी ने बताया कि विदेशी नागरिक के अवैध रूप से रहने की सूचना मिलने के बाद युवक से पूछताछ की गई जहां पर उसके पास से किसी भी तरह के वैध दस्तावेज नहीं मिले हैं विदेशी युवक ने बताया है कि कुछ वर्ष पहले उसके दस्तावेज चोरी हो गए हैं जिसके बाद से वह लगातार बिना पासपोर्ट वीजा के यहां रह रहा है पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है वहीं विदेशी युवक के खिलाफ संबंधित मामले की जांच में पुलिस जुट गई है।

बाईट--आर के सकलानी(प्रभारी निरीक्षक,मुनि की रेती थाना)
Last Updated : Oct 1, 2019, 10:28 AM IST
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