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सीएए के विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाएगी गहलोत सरकार

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन जारी हैं. राजस्थान सरकार ने भी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास कर दिया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के इस कानून का पुरजोर विरोध करती है.

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Published : Mar 15, 2020, 12:03 AM IST

जयपुर : केरल और पंजाब की तर्ज पर गहलोत सरकार सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी. गहलोत सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी को सुप्रीम कोर्ट में सूट दायर करने के निर्देश दिए हैं.

दरअसल, केरल के बाद पंजाब सरकार ने भी नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते हुए इसके खिलाफ सूट दायर करने का निर्णय लिया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सार्वजनिक मंचों पर सीएए को पूरी तरह पक्षपाती और भारतीय संविधान के धर्म निरपेक्ष ताने-बाने को तहस-नहस करने वाला असंवैधानिक कानून बताते रहे हैं. गहलोत कैबिनेट ने गत महीने सीएए के खिलाफ संकल्प प्रस्ताव भी पारित किया था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन जारी हैं. राजस्थान सरकार ने भी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास कर दिया था. प्रस्ताव पारित किए जाने के दौरान बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में जमकर नारेबाजी की थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के इस कानून का पुरजोर विरोध करती है.

यह भी पढ़ें- मैप में देखें कैसे इटली से केरल पहुंचे कोरोना के दो मरीज

आपको बता दें कि केरल और पंजाब सरकार भी नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुकी है. इतना ही नहीं, केरल सरकार इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का भी रुख कर चुकी है.

उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार के इस कदम से अब राज्य की राजनीति हलकों में एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाएगा. राज्य के मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा अब गहलोत सरकार के इस निर्णय का विरोध कर सकती है.

जयपुर : केरल और पंजाब की तर्ज पर गहलोत सरकार सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी. गहलोत सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी को सुप्रीम कोर्ट में सूट दायर करने के निर्देश दिए हैं.

दरअसल, केरल के बाद पंजाब सरकार ने भी नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते हुए इसके खिलाफ सूट दायर करने का निर्णय लिया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सार्वजनिक मंचों पर सीएए को पूरी तरह पक्षपाती और भारतीय संविधान के धर्म निरपेक्ष ताने-बाने को तहस-नहस करने वाला असंवैधानिक कानून बताते रहे हैं. गहलोत कैबिनेट ने गत महीने सीएए के खिलाफ संकल्प प्रस्ताव भी पारित किया था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन जारी हैं. राजस्थान सरकार ने भी संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पास कर दिया था. प्रस्ताव पारित किए जाने के दौरान बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में जमकर नारेबाजी की थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के इस कानून का पुरजोर विरोध करती है.

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आपको बता दें कि केरल और पंजाब सरकार भी नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुकी है. इतना ही नहीं, केरल सरकार इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का भी रुख कर चुकी है.

उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार के इस कदम से अब राज्य की राजनीति हलकों में एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाएगा. राज्य के मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा अब गहलोत सरकार के इस निर्णय का विरोध कर सकती है.

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