लखनऊ : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई सहित महाराष्ट्र के अनेक शहरों में 'लॉक डाउन' घोषित हो जाने के बाद वहां से लौटे करीब एक हजार नेपाली मजदूर 'जनता कर्फ्यू' की वजह से बस न मिल पाने के कारण मथुरा में ही ठहरे हुए हैं.
मध्य रेलवे की ट्रेनों से बीती रात से मथुरा जंक्शन पर पहुंच रहे इन नेपाली मजदूरों की तादाद इतनी ज्यादा बढ़ गई कि उन्हें अन्यत्र जाने को कह दिया गया.
इसके बाद शहर के पुराने बस स्टैण्ड पहुंचे इन मजदूरों में से एक पदम सिंह ने बताया, 'हम लोग बरसों से महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, चिंचवाड़ आदि शहरों में काम करते आ रहे हैं. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि हमें एकदम से घर वापस चले जाने को कहा गया हो. लेकिन अब टलॉक डाउनट के चलते वहां करने को कुछ भी नहीं रह गया है.'
उन्होंने बताया, 'जल्द स्थितियां सुधरने के कोई आसार नहीं हैं इसलिए हम सभी को वापस जाना पड़ रहा है. परंतु फिलहाल बसें भी बंद हैं. हममें से ज्यादातर लोग नेपाल के गौरीफांटा शहर के आसपास के रहने वाले हैं. समझ में नहीं आ रहा है कि हम अब क्या करें, कहां जाएं. हमने यहां के जिला प्रशासन से मदद मांगी है.'
इस बारे में सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. मनोज कुमार सिंह ने बताया, 'हमने जानकारी मिलते ही सभी नागरिकों का चिकित्सकीय परीक्षण शुरु करा दिया है. चार-पांच सौ मजदूरों को देखा जा चुका है. अभी तक उनमें से कोई भी व्यक्ति संक्रमित नहीं मिला है.'
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एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया, 'इन सभी को नेपाल बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की जा रही है. चूंकि, इस समय दिन में ‘जनता कर्फ्यू’ लागू है जिसके कारण अभी इन लोगों को यहां से भेज भी दिया जाएगा, तो आगे वाले जनपदों में रोक दिया जाएगा. सभी रास्ते सील किए जा चुके हैं.'
सिंह ने कहा 'इसलिए इन्हें रात तक यहीं रोक कर, बाद में भेजा जाएगा. इनके लिए जरूरी सामान खरीदने हेतु बस स्टैण्ड के आसपास की कुछ दुकानें खुली रहने दी गई हैं. इनके साथियों के आने का सिलसिला जारी है. शाम तक जितने भी आ जाएंगे, उन्हें रवाना कर दिया जाएगा.'