ETV Bharat / bharat

कटनी के स्वदेशी विद्यालय में एक रात रुके थे बापू, शहर को दिया था बारडोली का खिताब

आजादी के आंदोलन के दौरान गांधीजी ने देश के अलग-अलग हिस्सों का दौरा किया था. जहां-जहां भी बापू जाते थे, वे वहां के लोगों पर अमिट छाप छोड़ जाते थे. वहां के लोगों में राष्ट्रीयता की भावना घर कर जाती थी. ईटीवी भारत ऐसी ही जगहों से गांधी से जुड़ी कई यादें आपको प्रस्तुत कर रहा है. पेश है आज 43वीं कड़ी.

डिजाइन इमेज
author img

By

Published : Sep 29, 2019, 7:24 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 10:13 AM IST

ब्रिटिश हुकूमत की बेड़ियों में जकड़े देश को आजादी दिलाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मध्यप्रदेश से गहरा लगाव था. देश के ऐसे महान सपूत की यादों से मध्यप्रदेश का कटनी शहर भी अछूता नहीं है. देश की आवाम में आजादी की ज्वाला जलाते हुए बापू जब कटनी पहुंचे. तो पूरा शहर पलक पावड़ें बिछाकर राष्ट्रपिता के स्वागत के लिए खड़ा हो गया था. जिसके निशान आज भी इस शहर के जर्रे-जर्रे में मौजूद हैं.

कटनी के दलित बस्ती के पास स्थित राष्ट्रीय स्कूल में रात्रि विश्राम कर गांधीजी ने नगर का गौरव बढ़ाया था, तब जिस कमरे में गांधीजी रुके थे, आज भी स्कूल का वह कमरा गांधीजी की उन तमाम यादों को समेटे हैं. सुबह होते ही बापू हरिजन उद्धार यात्रा के लिए निकल पड़े थे. यहां पर लोगों से मिलकर आजादी की लड़ाई में शामिल होने आवाहन किया और फिर गांधी द्वार होते हुए सभा स्थल पहुंचे थे. देश भर में स्वदेशी का जोर है हर व्यक्ति समझ रहा है कि देश की तरक्की के लिए स्वदेशी का मंत्र अपनाना जरूरी है.

कटनी के स्वदेशी विद्यालय में एक रात रुके थे बापू

ये भी पढ़ें: वर्धा के सेवाग्राम में आज भी हैं गांधी के संदेश, युवा पीढ़ी के लिए बन रहा आकर्षण

आपको बता दें कि बाल गंगाधर तिलक ने इसके लिए अलख भी जगाई थी. इसकी निशानी आज भी कटनी में है. हालांकि यह निशानी भी अनूठी है जो विद्यालय के नाम से अपनी गरिमा को बरकरार रखे हुए हैं. बात हो रही है कटनी के तिलक राष्ट्रीय स्कूल की यह मध्य प्रदेश का एकमात्र स्वदेशी विद्यालय है किसी जमाने में इसका आकर्षण और वैभव इतना प्रसिद्ध था कि महात्मा गांधी ने यहां रात्रि विश्राम किया था.

जिस स्कूल में बापू रुके थे उस स्कूल की स्थापना 1921 में की गई थी बाबू के प्रिय स्कूल तिलक राष्ट्रीय उमा विद्यालय में आज भी सैकड़ों की तादात में बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं कक्षा एक से बारहवीं तक 500 बच्चे अध्ययन कर रहे हैं. इस स्कूल पढ़कर निकले बच्चों ने अपने शहर का नाम राष्ट्रीय स्तर तक ऊंचा किया है. धरवारा निवासी ओपी गर्ग जहां डीजी रह चुके हैं वहीं ज्योति प्रकाश नायडू अटल जी की सरकार के समय पीएमओ में रहे हैं. स्टूडेंट उत्तराखंड इलेक्ट्रिक बोर्ड के चेयरमैन हैं. यही वजह है कि आज यहां काम करने वाले खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं. यही वजह है कि आज भी कटनी शहर में बापू से जुड़ी यादे हमे देखने को मिलती है.

ब्रिटिश हुकूमत की बेड़ियों में जकड़े देश को आजादी दिलाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मध्यप्रदेश से गहरा लगाव था. देश के ऐसे महान सपूत की यादों से मध्यप्रदेश का कटनी शहर भी अछूता नहीं है. देश की आवाम में आजादी की ज्वाला जलाते हुए बापू जब कटनी पहुंचे. तो पूरा शहर पलक पावड़ें बिछाकर राष्ट्रपिता के स्वागत के लिए खड़ा हो गया था. जिसके निशान आज भी इस शहर के जर्रे-जर्रे में मौजूद हैं.

कटनी के दलित बस्ती के पास स्थित राष्ट्रीय स्कूल में रात्रि विश्राम कर गांधीजी ने नगर का गौरव बढ़ाया था, तब जिस कमरे में गांधीजी रुके थे, आज भी स्कूल का वह कमरा गांधीजी की उन तमाम यादों को समेटे हैं. सुबह होते ही बापू हरिजन उद्धार यात्रा के लिए निकल पड़े थे. यहां पर लोगों से मिलकर आजादी की लड़ाई में शामिल होने आवाहन किया और फिर गांधी द्वार होते हुए सभा स्थल पहुंचे थे. देश भर में स्वदेशी का जोर है हर व्यक्ति समझ रहा है कि देश की तरक्की के लिए स्वदेशी का मंत्र अपनाना जरूरी है.

कटनी के स्वदेशी विद्यालय में एक रात रुके थे बापू

ये भी पढ़ें: वर्धा के सेवाग्राम में आज भी हैं गांधी के संदेश, युवा पीढ़ी के लिए बन रहा आकर्षण

आपको बता दें कि बाल गंगाधर तिलक ने इसके लिए अलख भी जगाई थी. इसकी निशानी आज भी कटनी में है. हालांकि यह निशानी भी अनूठी है जो विद्यालय के नाम से अपनी गरिमा को बरकरार रखे हुए हैं. बात हो रही है कटनी के तिलक राष्ट्रीय स्कूल की यह मध्य प्रदेश का एकमात्र स्वदेशी विद्यालय है किसी जमाने में इसका आकर्षण और वैभव इतना प्रसिद्ध था कि महात्मा गांधी ने यहां रात्रि विश्राम किया था.

जिस स्कूल में बापू रुके थे उस स्कूल की स्थापना 1921 में की गई थी बाबू के प्रिय स्कूल तिलक राष्ट्रीय उमा विद्यालय में आज भी सैकड़ों की तादात में बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं कक्षा एक से बारहवीं तक 500 बच्चे अध्ययन कर रहे हैं. इस स्कूल पढ़कर निकले बच्चों ने अपने शहर का नाम राष्ट्रीय स्तर तक ऊंचा किया है. धरवारा निवासी ओपी गर्ग जहां डीजी रह चुके हैं वहीं ज्योति प्रकाश नायडू अटल जी की सरकार के समय पीएमओ में रहे हैं. स्टूडेंट उत्तराखंड इलेक्ट्रिक बोर्ड के चेयरमैन हैं. यही वजह है कि आज यहां काम करने वाले खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं. यही वजह है कि आज भी कटनी शहर में बापू से जुड़ी यादे हमे देखने को मिलती है.

Intro:Body:Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 10:13 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.