रियाद : जी 20 देशों के सम्मेलन के दौरान सऊदी के सुल्तान ने सभी राष्ट्रों से विकासशील देशों को 'मदद' मुहैया कराने का आग्रह किया. सऊदी अरब के सुल्तान सलमान बिन अब्दुल अजीज अल साऊद जी-20 देशों के आपातकालीन शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं. गुरुवार को यह सम्मेलन वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए शुरू हुआ.
जी-20 देशों की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सभी देश मिलकर वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5 ट्रिलियन डॉलर (50 खरब डॉलर) का निवेश करेंगे.
जी20 देशों के नेताओं ने कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए इससे लड़ने के लिये विश्व की अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर खर्च करने का बृहस्पतिवार को ऐलान किया.
चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस संक्रमण लगभग पूरे विश्व को अपने चपेट में ले चुका है. इसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी की दहलीज पर पहुंच गई है.
इसी के मद्देनजर सऊदी अरब के सुल्तान किंग सलमान की अध्यक्षता में जी20 देशों की आपातकालीन बैठक हुई.
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग वीडियो कांफ्रेंस के जरिये शामिल हुए.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्विटर पर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 देशों की इस बैठक को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित किया। उन्होंने बताया, 'प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से फैली महामारी से लड़ने के लिये जी20 नेताओं से ठोस योजना बनाने का आह्वान किया.
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उन्होंने वैश्विक समृद्धि व सहयोग दृष्टिकोण के केंद्र में संपूर्ण मानव जाति को रखने पर जोर दिया.'
प्रधानमंत्री मोदी ने चिकित्सकीय शोध एवं विकास के फायदों को खुले और मुक्त रूप से साझा करने की जरूरत पर भी बल दिया. प्रधानमंत्री ने विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं में सुधार की भी बातें की.
यह आपातकालीन बैठक ऐसे समय में हुई है जब कोरोना वायरस के संक्रमण से दुनिया भर में 21 हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं. इस मुद्दे पर सुस्ती बरतने को लेकर जी20 की आलोचना हो रही थी। इसके अलावा सऊदी अरब और रूस के बीच विवाद के कारण कच्चा तेल की कीमतें भी 30 डॉलर के स्तर से नीचे चली गई हैं.
बैठक के बाद जी20 देशों के नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा, 'हम इस साझा खतरे के प्रति संयुक्त मोर्चा बनाने के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. हम इस महामारी के सामाजिक, आर्थिक और वित्तीय असर को कम करने के लिये लक्षित राजकोषीय नीतियों, आर्थिक उपायों, गारंदी शुदा योजनाओं के माध्यम से वैश्विक अर्थव्यवस्था में पांच हजार अरब डॉलर डाल रहे हैं.'
जी20 देशों के नेताओं ने विकासशील देशों को इस महामारी से लड़ने में मदद करने के लिये वित्तीय पैकेज को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष जैसे संस्थानों के साथ मिलकर काम करने की भी बात कही.
सुल्तान सलमान ने बैठक में कहा, 'यह हमारी जिम्मेदारी है कि विकासशील देशों और अल्पविकसित देशों को इस संकट से उबारने के लिये बुनियादी संरचना बेहतर बनाने व क्षमता निर्माण करने में उनकी मदद करें.'
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बुधवार को जारी पूर्वानुमान में कहा कि इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. मूडीज ने इस साल अमेरिका की अर्थव्यवस्था में दो प्रतिशत और यूरोप की अर्थव्यवस्था में 2.2 प्रतिशत की गिरावट आने की भी आशंका व्यक्त की.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई को लेकर जी20 की आपातकालीन बैठक बुलाने पर जोर दे रहे थे.
हालांकि, इस बैठक से एक दिन पहले बुधवार को विकसित देशों के समूह जी7 की वार्ता में अमेरिका ने चीन के ऊपर सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाने में शामिल होने तथा महामारी को लेकर गलत सूचनाएं फैलाने में शामिल होने का आरोप लगाया.
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अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि इस वायरस का संक्रमण चीन के वुहान से शुरू हुआ है, लेकिन चीन सोशल मीडिया पर अभियान चलाने में संलिप्त है जिसमें अमेरिका को इसका जिम्मेदार बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जी7 देशों के राजनयिक उनसे इस बात पर सहमत हुए कि चीन भ्रामक सूचनाएं फैलाने में शामिल है.
चिनफिंग ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने संबोधन में कहा कि इस महामारी के खिलाफ पूर्णस्तरीय वैश्विक युद्ध की आवश्यकता है. उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिये व्यापार के अवरोधों को दूर करने तथा शुल्क में कटौती करने का भी प्रस्ताव दिया.
उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के समक्ष अप्रत्याशित चुनौती खड़ी कर दी है. इससे लड़ने के लिये दुनिया को एकजुट होने की जरूरत है. यह एक ऐसा वायरस है जो किसी सीमा को नहीं मानता है. यह हमारा साझा दुश्मन है. हमें इसपर नियंत्रण तथा इसके निदान के लिये एक ऐसा मजबूत वैश्विक नेटवर्क बनाने के लिये एक-साथ काम करने की जरूरत है, जैसा कभी देखा नहीं गया.'
चिनफिंग का यह बयान ऐसे समय आया है जब कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में जानकारियों में पारदर्शिता नहीं बरतने को लेकर चीन की चौतरफा आलोचनाएं हो रही हैं.
जी20 बैठक में सुल्तान सलमान ने कच्चा तेल की कीमतों को लेकर समन्वयित कदम उठाने की जरूरत पर भी बल दिया. हालांकि, रूस ने कहा कि इस बैठक में कच्चा तेल चर्चा का विषय नहीं था.
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इस बैठक में जी20 के सदस्य देशों के अलावा संक्रमण से प्रभावित अन्य देश जैसे स्पेन, जॉर्डन, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड तथा संयुक्त राष्ट्र और विश्वबैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी हिस्सा लिया.
इटली, स्पेन, जार्डन, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे जी-20 में शामिल कोरोना वायरस से प्रभावित देशों के प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे.
बता दें कि जी-20 में भारत के अलावा, अर्जेन्टीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की महामारी की महामारी 195 से ज्यादा देशों-क्षेत्रों में पैर पसार चुकी है. गुरुवार शाम 7.40 बजे तक (भारतीय समयानुसार) 22,342 लोगों की मौत हो चुकी है. दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 5,03,274 तक पहुंच चुकी है.