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पेट्रोल और डीजल हुआ सस्ता, जानें क्या है कीमत - fuel prices drop

पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमत में कटौती की गई है. पेट्रोल कीमतों में 12 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई. वहीं डीजल के दाम 14 पैसे प्रति लीटर घटाए गए. पढे़ं खबर विस्तार से...

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पेट्रोल और डीजल
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Published : Mar 15, 2020, 12:31 PM IST

नई दिल्ली : पेट्रोल कीमतों में 12 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई. वहीं डीजल के दाम 14 पैसे प्रति लीटर घटाए गए. पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने वैश्विक कीमतों में गिरावट के रुख अनुरूप पेट्रोल-डीजल के दाम घटाए हैं.

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में अब पेट्रोल का दाम 69.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल 62.44 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है. उद्योग सूत्रों ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती कहीं ऊंची रहती, लेकिन सरकार ने शनिवार को ईंधन पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है.

पेट्रोलियम कंपनियों का कहना है कि वे खुदरा कीमतों में कटौती कम रख रही हैं, क्योंकि इन पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है. इन कंपनियों ने कहा कि उन्हें जो लाभ हुआ है उसे मूल्य वृद्धि के साथ समायोजित किया गया है. उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की वजह से ऐसा करना जरूरी है.

पढे़ं : सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क तीन रुपये प्रति लीटर बढ़ाया

सरकार ने शनिवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन-तीन रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की. इससे सरकार को 39,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा.

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क दो रुपये बढ़ाकर आठ रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. वहीं डीजल पर यह शुल्क दो रुपये बढ़कर अब चार रुपये प्रति लीटर हो गया है.

इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला सड़क उपकर भी एक-एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इस वृद्धि के बाद पेट्रोल पर अब उपकर सहित सभी तरह का उत्पाद शुल्क 22.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.83 रुपये प्रति लीटर हो गया है.

नरेंद्र मोदी सरकार ने जब पहली बार 2014 में सत्ता संभाली थी उस समय पेट्रोल पर कर की दर 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर थी. सरकार ने नवंबर, 2014 से जनवरी, 2016 के दौरान पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में नौ बार बढ़ोतरी की है.

इन 15 माह की अवधि के दौरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 11.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया गया. इससे 2016-17 में सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह 2014-15 के 99,000 करोड़ रुपये से दोगुना से अधिक होकर 2,42,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

नई दिल्ली : पेट्रोल कीमतों में 12 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई. वहीं डीजल के दाम 14 पैसे प्रति लीटर घटाए गए. पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने वैश्विक कीमतों में गिरावट के रुख अनुरूप पेट्रोल-डीजल के दाम घटाए हैं.

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में अब पेट्रोल का दाम 69.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल 62.44 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है. उद्योग सूत्रों ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती कहीं ऊंची रहती, लेकिन सरकार ने शनिवार को ईंधन पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है.

पेट्रोलियम कंपनियों का कहना है कि वे खुदरा कीमतों में कटौती कम रख रही हैं, क्योंकि इन पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है. इन कंपनियों ने कहा कि उन्हें जो लाभ हुआ है उसे मूल्य वृद्धि के साथ समायोजित किया गया है. उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की वजह से ऐसा करना जरूरी है.

पढे़ं : सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क तीन रुपये प्रति लीटर बढ़ाया

सरकार ने शनिवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन-तीन रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की. इससे सरकार को 39,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा.

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क दो रुपये बढ़ाकर आठ रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. वहीं डीजल पर यह शुल्क दो रुपये बढ़कर अब चार रुपये प्रति लीटर हो गया है.

इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला सड़क उपकर भी एक-एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. इस वृद्धि के बाद पेट्रोल पर अब उपकर सहित सभी तरह का उत्पाद शुल्क 22.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.83 रुपये प्रति लीटर हो गया है.

नरेंद्र मोदी सरकार ने जब पहली बार 2014 में सत्ता संभाली थी उस समय पेट्रोल पर कर की दर 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर थी. सरकार ने नवंबर, 2014 से जनवरी, 2016 के दौरान पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में नौ बार बढ़ोतरी की है.

इन 15 माह की अवधि के दौरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 11.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया गया. इससे 2016-17 में सरकार का उत्पाद शुल्क संग्रह 2014-15 के 99,000 करोड़ रुपये से दोगुना से अधिक होकर 2,42,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

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