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निर्भया केस : एक फरवरी को होगी चारों दोषियों को फांसी, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा दोषी पवन

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Published : Jan 17, 2020, 4:50 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 7:32 AM IST

16:49 January 17

निर्भया केस में नया डेथ वारंट जारी

नई दिल्ली : निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली की अदालत ने चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया है. इस नए डेथ वारंट के अनुसार अब एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जाएगी. इससे पहले भी अदालत ने 22 जनवरी का डेथ वारंट जारी किया था. इसी बीच एक दोषी पवन अब वारदात के समय अपने नाबालिग होने की याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है.

पवन ने 18 दिसंबर 2019 को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. पवन ने कहा था कि वारदात के वक्त वह नाबालिग था. अगले दिन यानी 19 दिसंबर को हाईकोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी थी. दुष्कर्मी पवन के वकील ने बताया कि हमने 19 दिसंबर के दिल्ली हाईकोर्ट के पवन की याचिका खारिज करने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा मामले के दोषी मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे जिसमें फांसी की तारीख को 22 जनवरी से टालने की मांग की गयी थी.

आज इससे पहले तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की अदालत से निर्भया मामले के चारों दोषियों के खिलाफ मौत की सजा पर अमल का फरमान (डेथ वॉरंट) फिर से जारी करने की मांग की थी.

लोक अभियोजक इरफान अहमद ने अदालत को बताया कि मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को खारिज कर दी है.

ये भी पढ़ें- निर्भया केस : राष्ट्रपति ने खारिज की दोषी मुकेश की दया याचिका, 'फंदे के और करीब' पहुंचे चारों दोषी

क्या था मामला
16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह युवकों ने चलती बस में गैंगरेप किया था. इसके बाद इन दरिंदों ने कड़कड़ाती ठंड में पीड़िता को बस के बाहर फेंक दिया था. तब उसके साथ लड़की का मित्र भी था.

पीड़िता को सबसे पहले सफदरजंगअस्पताल ले जाया गया. उसकी हालत नाजुक हो गई थी. बाद में इलाज के लिए पीड़िता को सिंगापुर भेजा गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.
मामले में एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल के अंदर फांसी लगा ली थी.

एक अन्य आरोपी नाबालिग है. उसे सुधार गृह में भेज दिया गया. 2015 में उसकी रिहाई हो गई.

16:49 January 17

निर्भया केस में नया डेथ वारंट जारी

नई दिल्ली : निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली की अदालत ने चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया है. इस नए डेथ वारंट के अनुसार अब एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जाएगी. इससे पहले भी अदालत ने 22 जनवरी का डेथ वारंट जारी किया था. इसी बीच एक दोषी पवन अब वारदात के समय अपने नाबालिग होने की याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है.

पवन ने 18 दिसंबर 2019 को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. पवन ने कहा था कि वारदात के वक्त वह नाबालिग था. अगले दिन यानी 19 दिसंबर को हाईकोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी थी. दुष्कर्मी पवन के वकील ने बताया कि हमने 19 दिसंबर के दिल्ली हाईकोर्ट के पवन की याचिका खारिज करने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा मामले के दोषी मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे जिसमें फांसी की तारीख को 22 जनवरी से टालने की मांग की गयी थी.

आज इससे पहले तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की अदालत से निर्भया मामले के चारों दोषियों के खिलाफ मौत की सजा पर अमल का फरमान (डेथ वॉरंट) फिर से जारी करने की मांग की थी.

लोक अभियोजक इरफान अहमद ने अदालत को बताया कि मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को खारिज कर दी है.

ये भी पढ़ें- निर्भया केस : राष्ट्रपति ने खारिज की दोषी मुकेश की दया याचिका, 'फंदे के और करीब' पहुंचे चारों दोषी

क्या था मामला
16 दिसंबर 2012 की रात दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह युवकों ने चलती बस में गैंगरेप किया था. इसके बाद इन दरिंदों ने कड़कड़ाती ठंड में पीड़िता को बस के बाहर फेंक दिया था. तब उसके साथ लड़की का मित्र भी था.

पीड़िता को सबसे पहले सफदरजंगअस्पताल ले जाया गया. उसकी हालत नाजुक हो गई थी. बाद में इलाज के लिए पीड़िता को सिंगापुर भेजा गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.
मामले में एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल के अंदर फांसी लगा ली थी.

एक अन्य आरोपी नाबालिग है. उसे सुधार गृह में भेज दिया गया. 2015 में उसकी रिहाई हो गई.

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2012 Delhi gang-rape case: A Delhi court issues fresh death warrant for convicts for 1st February, 6 am


Conclusion:
Last Updated : Jan 18, 2020, 7:32 AM IST
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