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24 घंटे में चार नवजात की मौत, स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल

शहडोल जिले में एक बार फिर से नवजातों की मौत का मामला सामने आया है, जिसके बाद से ही स्वास्थ्य अमला सवालों के घेरे में है.

24 घंटे में चार नवजात बच्चों की मौत
24 घंटे में चार नवजात बच्चों की मौत
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Published : Nov 29, 2020, 5:16 PM IST

शहडोल : मध्य प्रदेश के शहडोल जिले का स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से सवालों के घेरे में है, जहां पिछले 24 घंटे के अंदर चार नवजातों की मौत हो गई है, जिसमें चार माह से लेकर चार महीने तक के बच्चे शामिल हैं. बताया जा रहा है कि पीआईसीयू में तीन और एसएनसीयू में एक बच्चे की मौत हो गई है.

नवजात बच्चों की मौत से मचा हड़कंप
पिछले 24 घंटे में एक बार फिर से चार नवजातों की मौत हो गई है, जिसमें 4 माह से लेकर 4 महीने तक के बच्चे शामिल हैं. जिनकी मौत हुई है, उसमें बुढ़ार के अरझुली का एक चार माह का बच्चा पुष्पराज, सिंहपुर के बोड़री गांव का तीन माह का बच्चा राज कोल, दो माह का प्रियांश शामिल है, जो पीआईसीयू में भर्ती थे. वहीं तीन दिन की निशा की भी एसएनसीयू में मौत हो गई है. इस हादसे के बाद से हड़कंप की स्थिति बन गई है. हालांकि, काफी समय तक बच्चों की मौत से संबंध में अस्पताल प्रबंधन छिपाता रहा.

पढ़ें : महाराष्ट्र के धारावी में लिफ्ट दुर्घटना, पांच साल के बच्चे की मौत

पहले भी आ चुका है ऐसा ही मामला
गौरतलब है कि, इससे पहले भी करीब एक साल पहले 24 घंटे के अंदर 6 बच्चों की मौत जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू वार्ड में हो गई थी, जिसमें मामले के तूल पकड़ने के बाद खुद तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट जिला चिकित्सालय पहुंचे थे, जहां सिविल सर्जन और सीएमएचओ पर कार्रवाई की गई थी.

शहडोल : मध्य प्रदेश के शहडोल जिले का स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से सवालों के घेरे में है, जहां पिछले 24 घंटे के अंदर चार नवजातों की मौत हो गई है, जिसमें चार माह से लेकर चार महीने तक के बच्चे शामिल हैं. बताया जा रहा है कि पीआईसीयू में तीन और एसएनसीयू में एक बच्चे की मौत हो गई है.

नवजात बच्चों की मौत से मचा हड़कंप
पिछले 24 घंटे में एक बार फिर से चार नवजातों की मौत हो गई है, जिसमें 4 माह से लेकर 4 महीने तक के बच्चे शामिल हैं. जिनकी मौत हुई है, उसमें बुढ़ार के अरझुली का एक चार माह का बच्चा पुष्पराज, सिंहपुर के बोड़री गांव का तीन माह का बच्चा राज कोल, दो माह का प्रियांश शामिल है, जो पीआईसीयू में भर्ती थे. वहीं तीन दिन की निशा की भी एसएनसीयू में मौत हो गई है. इस हादसे के बाद से हड़कंप की स्थिति बन गई है. हालांकि, काफी समय तक बच्चों की मौत से संबंध में अस्पताल प्रबंधन छिपाता रहा.

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पहले भी आ चुका है ऐसा ही मामला
गौरतलब है कि, इससे पहले भी करीब एक साल पहले 24 घंटे के अंदर 6 बच्चों की मौत जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू वार्ड में हो गई थी, जिसमें मामले के तूल पकड़ने के बाद खुद तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट जिला चिकित्सालय पहुंचे थे, जहां सिविल सर्जन और सीएमएचओ पर कार्रवाई की गई थी.

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