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CBI को राफेल मामले में प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए : भूषण-शौरी

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Published : Nov 15, 2019, 8:18 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 8:51 PM IST

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने मीडिया को संबोधित किया.

अरुण शौरी ने फैसले को हास्यास्पद बताया

नई दिल्ली : वकील प्रशांत भूषण और पूर्व भाजपा नेता अरुण शौरी ने शुक्रवार को कहा कि सीबीआई को राफेल सौदे के मामले में प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए. एक दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस मामले में क्लीन चिट दी है.

उच्चतम न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने पर मोदी सरकार को क्लीन चिट देने के पिछले साल सुनाये गये फैसले पर पुनर्विचार के लिए भूषण, शौरी और पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा की याचिका समेत अन्य याचिकाओं को गुरूवार को खारिज कर दिया.

CBI को राफेल मामले में प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए

भूषण ने कहा कि सीबीआई तीन न्यायाधीशों की शीर्ष अदालत की पीठ के फैसले के बावजूद उनकी शिकायत पर जांच करने के लिए बाध्य है.

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर सीबीआई ऐसा नहीं करती तो वे फिर उच्चतम न्यायालय में जाएंगे. संवाददाताओं को शौरी ने भी संबोधित किया. इस दौरान सिन्हा उपस्थित नहीं थे.

भूषण ने अपने पक्ष को पुख्ता करने के लिए न्यायमूर्ति के एम जोसेफ के फैसले का जिक्र किया जो फैसला सुनाने वाली प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल रहे हैं.

न्यायमूर्ति जोसेफ ने अलग फैसले में कहा कि सीबीआई से मौजूदा सरकार से पूरी तरह स्वतंत्र होकर काम करने की तथा सर्वोच्च स्तर के पेशेवर तौर-तरीकों की अपेक्षा की जाती है.

भूषण ने कहा, 'सीबीआई को मामले की जांच के लिए सरकार की अनुमति मांगनी होगी और उसके पास ऐसा करने के लिए तीन महीने का समय है.'

पढ़ें : राफेल मामला: SC के फैसले पर प्रशांत भूषण की प्रतिक्रिया

अगर सीबीआई ऐसा नहीं करती है तो उसे मामले की जांच नहीं करने के कारण बताने होंगे.

सिन्हा, शौरी और भूषण ने पिछले साल अक्टूबर में उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया था कि राफेल सौदे में प्राथमिकी दर्ज की जाए.

शीर्ष अदालत ने 14 दिसंबर, 2018 को फैसले में कहा था कि 36 राफेल लड़ाकू विमानों को खरीदने में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह का कोई कारण नहीं है.

तीनों याचिकाकर्ताओं ने 14 दिसंबर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए जनवरी में शीर्ष अदालत में गुहार लगाई थी.

नई दिल्ली : वकील प्रशांत भूषण और पूर्व भाजपा नेता अरुण शौरी ने शुक्रवार को कहा कि सीबीआई को राफेल सौदे के मामले में प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए. एक दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस मामले में क्लीन चिट दी है.

उच्चतम न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने पर मोदी सरकार को क्लीन चिट देने के पिछले साल सुनाये गये फैसले पर पुनर्विचार के लिए भूषण, शौरी और पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा की याचिका समेत अन्य याचिकाओं को गुरूवार को खारिज कर दिया.

CBI को राफेल मामले में प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए

भूषण ने कहा कि सीबीआई तीन न्यायाधीशों की शीर्ष अदालत की पीठ के फैसले के बावजूद उनकी शिकायत पर जांच करने के लिए बाध्य है.

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर सीबीआई ऐसा नहीं करती तो वे फिर उच्चतम न्यायालय में जाएंगे. संवाददाताओं को शौरी ने भी संबोधित किया. इस दौरान सिन्हा उपस्थित नहीं थे.

भूषण ने अपने पक्ष को पुख्ता करने के लिए न्यायमूर्ति के एम जोसेफ के फैसले का जिक्र किया जो फैसला सुनाने वाली प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल रहे हैं.

न्यायमूर्ति जोसेफ ने अलग फैसले में कहा कि सीबीआई से मौजूदा सरकार से पूरी तरह स्वतंत्र होकर काम करने की तथा सर्वोच्च स्तर के पेशेवर तौर-तरीकों की अपेक्षा की जाती है.

भूषण ने कहा, 'सीबीआई को मामले की जांच के लिए सरकार की अनुमति मांगनी होगी और उसके पास ऐसा करने के लिए तीन महीने का समय है.'

पढ़ें : राफेल मामला: SC के फैसले पर प्रशांत भूषण की प्रतिक्रिया

अगर सीबीआई ऐसा नहीं करती है तो उसे मामले की जांच नहीं करने के कारण बताने होंगे.

सिन्हा, शौरी और भूषण ने पिछले साल अक्टूबर में उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया था कि राफेल सौदे में प्राथमिकी दर्ज की जाए.

शीर्ष अदालत ने 14 दिसंबर, 2018 को फैसले में कहा था कि 36 राफेल लड़ाकू विमानों को खरीदने में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह का कोई कारण नहीं है.

तीनों याचिकाकर्ताओं ने 14 दिसंबर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए जनवरी में शीर्ष अदालत में गुहार लगाई थी.

Intro:New Delhi: A day after Supreme Court dismissed review pleas in the multi-million dollar Rafale deal, former Minister of Communications and Technology in the Vajpayee government, Arun Shourie has called the judgment ridiculous.


Body:Shourie, who has been a petitioner in the case made these contentious remarks while addressing the media along with senior Supreme Court lawyer Prashant Bhushan at the Press club.

Expressing his displeasure over the verdict, the former Union Minister accused the apex court of not dealing with the facts and hiding itself in a self manufactured Burqa. He said, "the fact that the court gave such a ridiculous judgment. If the court calls me for contempt of court I have my lawyer ready (pointing towards Prashant Bhushan). The ridiculous judgment gave us the opportunity to further put facts to the court through our review petition."

Both Prashant Bhushan and Arun Shourie accused the CBI of ignoring their year long demand for an investigation. Senior advocate Prashant Bhushan said, "there is no impediment of part of the CBI. It has been sitting over our complaint for past one year. We now call upon the government to let CBI probe if they have done nothing wrong."




Conclusion:Prashant Bhushan also claimed that the SC verdict also bring out some astounding facts which are: the CAG report was submitted by the government in Parliament and Dassault dealing with Anil Ambani's firm since 2012. Both these he called false.

Though the political corridors continues to remain ignited over the entire issue. The ruling BJP is all set to hold a nationwide protest against Gandhi scion and former Congress Rahul Gandhi on Saturday for accusing PM of taking away contract from Hindustan Aeronautical Limited and giving it to Anil Ambani's Reliance group. Meanwhile, the Congress continues for the Joint Parliamentary probe in the case.




Last Updated : Nov 15, 2019, 8:51 PM IST
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