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राकेश अस्थाना के खिलाफ थे ठोस सबूत ः पूर्व जांच अधिकारी - संजीव अग्रवाल

दिल्ली की एक अदालत को शुक्रवार को बताया गया कि रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ ठोस सबूत थे. इस मामले में अस्थाना को हाल ही में क्लीन चिट दी गई थी. पढ़ें पूरी खबर...

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राकेश अस्थाना
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Published : Feb 28, 2020, 10:11 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 9:55 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत को सीबीआई ने शुक्रवार को बताया कि रिश्वतखोरी के मामले में जांच एजेंसी के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ ठोस सबूत थे, लेकिन जांच अधिकारी उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे थे. इस मामले में हाल ही में अस्थाना को क्लीन चिट दे दी गई.

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल को मामले के पूर्व जांच अधिकारी अजय कुमार बस्सी ने बताया कि वर्तमान जांच अधिकारी सतीश डागर अस्थाना और अन्य सरकारी कर्मचारियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे.

अदालत ने इस मामले में सीबीआई की जांच को लेकर 12 फरवरी को अप्रसन्नता जाहिर की थी और पूछा था कि बड़ी भूमिकाओं वाले आरोपी खुलेआम क्यों घूम रहे हैं, जबकि जांच एजेंसी ने अपने ही पुलिस उपाधीक्षक को गिरफ्तार कर लिया.

अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार का नाम आरोपपत्र के 12वें कॉलम में था, क्योंकि उन्हें आरोपी बनाए जाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे. कुमार को 2018 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत मिल गई थी.

ये भी पढ़ें-कोर्ट का सीबीआई से सवाल, अस्थाना का लाई डिटेक्टर परीक्षण क्यों नहीं हुआ

सीबीआई ने हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना की शिकायत के आधार पर अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सना 2017 के उस मामले में जांच का सामना कर रहा है, जिसमें मांस व्यापारी मोइन कुरैशी की भी संलिप्तता है.

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत को सीबीआई ने शुक्रवार को बताया कि रिश्वतखोरी के मामले में जांच एजेंसी के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ ठोस सबूत थे, लेकिन जांच अधिकारी उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे थे. इस मामले में हाल ही में अस्थाना को क्लीन चिट दे दी गई.

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल को मामले के पूर्व जांच अधिकारी अजय कुमार बस्सी ने बताया कि वर्तमान जांच अधिकारी सतीश डागर अस्थाना और अन्य सरकारी कर्मचारियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे.

अदालत ने इस मामले में सीबीआई की जांच को लेकर 12 फरवरी को अप्रसन्नता जाहिर की थी और पूछा था कि बड़ी भूमिकाओं वाले आरोपी खुलेआम क्यों घूम रहे हैं, जबकि जांच एजेंसी ने अपने ही पुलिस उपाधीक्षक को गिरफ्तार कर लिया.

अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार का नाम आरोपपत्र के 12वें कॉलम में था, क्योंकि उन्हें आरोपी बनाए जाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे. कुमार को 2018 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत मिल गई थी.

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सीबीआई ने हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना की शिकायत के आधार पर अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सना 2017 के उस मामले में जांच का सामना कर रहा है, जिसमें मांस व्यापारी मोइन कुरैशी की भी संलिप्तता है.

Last Updated : Mar 2, 2020, 9:55 PM IST
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