तिरुवनंतपुरम : लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व भारतीय राजनयिक टीपी श्रीनिवासन ने कहा कि चीन जानबूझ कर एलएसी पर तनाव पैदा करना चाहता है.
ऑस्ट्रिया और स्लोवेनिया में भारतीय राजदूत के रूप में सेवा दे चुके श्रीनिवासन ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण चीन इस समय अधिक आक्रामक मुद्रा में है.
उन्होंने कहा कि 1962 में चीन ने भारत के साथ युद्ध लड़ा था, जब अमेरिका क्यूबा के खिलाफ जंग में व्यस्त था. जिस दिन क्यूबा संकट समाप्त हुआ, चीन ने भारत के खिलाफ युद्ध रोक दिया और अपने सैनिकों को वापस ले लिया था, क्योंकि चीन को पता था कि अमेरिका से भारत को मदद मिल सकती है.
संयुक्त राष्ट्र में भी कार्य कर चुके श्रीनिवासन ने कहा कि अब चीन को पता है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत को अमेरिका से कोई मदद नहीं मिलेगाी.
उन्होंने कहा कि चीन 'आपदा में अवसर' खोजने की कोशिश कर रहा है. वह ताइवान और हांगकांग के साथ भी आक्रामक रवैया अपना रहा है.
उन्होंने कहा कि यह आक्रामकता का सामान्य चलन है. चाहे वह स्थानीय स्तर पर हो या फिर कमांडरों के स्तर पर है. यह उच्चतम स्तर पर अनुमति से भी हो सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि आमतौर पर जब सीमाओं पर झड़प होती है तो हम सैन्य स्तर या राजनयिक स्तर पर चर्चा करते हैं, जिससे मामले सामान्य हो जाते हैं. लेकिन इस बार चीन की तरफ से ज्यादा आक्रामकता दिख रही है, जो जानबूझकर अधिक तनाव पैदा करने की नीति है.