नई दिल्लीः पाकिस्तान इस बात का साक्षी है कि इमरान खान के सत्ता में आने के बाद से भारत के प्रति उसके कूटनीतिक संबंधों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं. हालात तब और भी बदत्तर हो गए, जब पठनाकोट एयरबेस पर आतंकी हमला हुआ. उसके बाद से भारत और पाक के बीच बैठकर कोई वार्ता नहीं हो सकी. ये बात पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश ने कही है.
उन्होंने आगे कहा कि आतंकी हमला और वार्ता दोनों एक साथ नहीं हो सकते. पुलावामा हमले ने दोनों देशों के रिश्तों को और भी कमजोर किया है. यह उसी तरह है जिस तरह 1971 में हुए युद्ध के दौरान दोनों देशों के लड़ाकू विमानों ने पहली बार सीमा रेखा पार कर युद्ध किया था.
उन्होंने कहा कि जब भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया. उसके बाद पाकिस्तान के नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था और उन पर आरोप लगाए.
विदेश मंत्रालय के पूर्व प्रवक्ता और पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश ने कहा कि पाक अपने यहां पनप रहे आतंक को रोकने में नकाम रहा है. उन्होंने कहा कि भारत का विकास करने का एजेंडे है और पाकिस्तान अपने देश में ये करने में असफल रहा है और वह ठीक इसके विपरीत करने की कोशिश करता है.
पूर्व प्रवक्ता ने कहा कि हम ऐसे देश के साथ कैसे संबंध बना सकते हैं, जो शांति भंग और आतंकवाद को बढ़ाव देता हो. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान एक समान्य पड़ोसी देश नहीं है. पाक हमेशा से बड़े स्तर पर हाथियारों का प्रसार करता रहा है और भारत के खिलाफ आतंकवाद को खड़ा करता है.
उन्होंने कहा कि भारत ने जब भी अतीत की बातें भूलाकर पाकिस्तान के साथा वार्ता करने की कोशिश की है, तब-तब पाकिस्तान ने आतंकवाद को और बढ़ावा दिया है.
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विष्णु ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा अपने भाषणों में बदलाव की बातें करता है लेकिन उस पर यकीन नहीं किया जा सकता. जिस देश के नेता पीएम मोदी के खिलाफ भाषण देते रहते हैं और उन पर आरोप लगाते हैं, वह देश विश्वास के लायक नहीं है.
उन्होंने कहा कि इमरान खान डूबते हुए जहाज के एक नाकाम कप्तान हैं, जिन्हें ये नहीं पता कि उन्हें करना क्या है. उन्होंने कहा कि इमरान जितना अपने आप को उजागर करेंगे, उतना ही उनका असली चेहरा दुनिया के सामने आएगा.