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इमरान के सत्ता में आने से भारत-पाक के कूटनीतिक संबंधों में आई कमी : पूर्व राजदूत

भारत के पूर्व राजदूत ने पाक पीएम को कहा कि वह बदलाव की केवल बातें करते हैं. उन्होंने कहा कि इमरान खान एक डूबते हुए जहाज के नाकाम कप्तान हैं. जानें और क्या कुछ बोले पूर्व राजदूत...

पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश
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Published : Oct 2, 2019, 11:39 PM IST

नई दिल्लीः पाकिस्तान इस बात का साक्षी है कि इमरान खान के सत्ता में आने के बाद से भारत के प्रति उसके कूटनीतिक संबंधों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं. हालात तब और भी बदत्तर हो गए, जब पठनाकोट एयरबेस पर आतंकी हमला हुआ. उसके बाद से भारत और पाक के बीच बैठकर कोई वार्ता नहीं हो सकी. ये बात पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश ने कही है.

उन्होंने आगे कहा कि आतंकी हमला और वार्ता दोनों एक साथ नहीं हो सकते. पुलावामा हमले ने दोनों देशों के रिश्तों को और भी कमजोर किया है. यह उसी तरह है जिस तरह 1971 में हुए युद्ध के दौरान दोनों देशों के लड़ाकू विमानों ने पहली बार सीमा रेखा पार कर युद्ध किया था.

उन्होंने कहा कि जब भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया. उसके बाद पाकिस्तान के नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था और उन पर आरोप लगाए.

विदेश मंत्रालय के पूर्व प्रवक्ता और पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश ने कहा कि पाक अपने यहां पनप रहे आतंक को रोकने में नकाम रहा है. उन्होंने कहा कि भारत का विकास करने का एजेंडे है और पाकिस्तान अपने देश में ये करने में असफल रहा है और वह ठीक इसके विपरीत करने की कोशिश करता है.

पूर्व प्रवक्ता ने कहा कि हम ऐसे देश के साथ कैसे संबंध बना सकते हैं, जो शांति भंग और आतंकवाद को बढ़ाव देता हो. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान एक समान्य पड़ोसी देश नहीं है. पाक हमेशा से बड़े स्तर पर हाथियारों का प्रसार करता रहा है और भारत के खिलाफ आतंकवाद को खड़ा करता है.

उन्होंने कहा कि भारत ने जब भी अतीत की बातें भूलाकर पाकिस्तान के साथा वार्ता करने की कोशिश की है, तब-तब पाकिस्तान ने आतंकवाद को और बढ़ावा दिया है.

पढ़ेंः मलीहा लोधी को PAK ने बलि का बकरा बनाया : पूर्व राजदूत

विष्णु ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा अपने भाषणों में बदलाव की बातें करता है लेकिन उस पर यकीन नहीं किया जा सकता. जिस देश के नेता पीएम मोदी के खिलाफ भाषण देते रहते हैं और उन पर आरोप लगाते हैं, वह देश विश्वास के लायक नहीं है.

उन्होंने कहा कि इमरान खान डूबते हुए जहाज के एक नाकाम कप्तान हैं, जिन्हें ये नहीं पता कि उन्हें करना क्या है. उन्होंने कहा कि इमरान जितना अपने आप को उजागर करेंगे, उतना ही उनका असली चेहरा दुनिया के सामने आएगा.

नई दिल्लीः पाकिस्तान इस बात का साक्षी है कि इमरान खान के सत्ता में आने के बाद से भारत के प्रति उसके कूटनीतिक संबंधों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं. हालात तब और भी बदत्तर हो गए, जब पठनाकोट एयरबेस पर आतंकी हमला हुआ. उसके बाद से भारत और पाक के बीच बैठकर कोई वार्ता नहीं हो सकी. ये बात पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश ने कही है.

उन्होंने आगे कहा कि आतंकी हमला और वार्ता दोनों एक साथ नहीं हो सकते. पुलावामा हमले ने दोनों देशों के रिश्तों को और भी कमजोर किया है. यह उसी तरह है जिस तरह 1971 में हुए युद्ध के दौरान दोनों देशों के लड़ाकू विमानों ने पहली बार सीमा रेखा पार कर युद्ध किया था.

उन्होंने कहा कि जब भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया. उसके बाद पाकिस्तान के नेताओं ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था और उन पर आरोप लगाए.

विदेश मंत्रालय के पूर्व प्रवक्ता और पूर्व राजदूत विष्णु प्रकाश ने कहा कि पाक अपने यहां पनप रहे आतंक को रोकने में नकाम रहा है. उन्होंने कहा कि भारत का विकास करने का एजेंडे है और पाकिस्तान अपने देश में ये करने में असफल रहा है और वह ठीक इसके विपरीत करने की कोशिश करता है.

पूर्व प्रवक्ता ने कहा कि हम ऐसे देश के साथ कैसे संबंध बना सकते हैं, जो शांति भंग और आतंकवाद को बढ़ाव देता हो. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान एक समान्य पड़ोसी देश नहीं है. पाक हमेशा से बड़े स्तर पर हाथियारों का प्रसार करता रहा है और भारत के खिलाफ आतंकवाद को खड़ा करता है.

उन्होंने कहा कि भारत ने जब भी अतीत की बातें भूलाकर पाकिस्तान के साथा वार्ता करने की कोशिश की है, तब-तब पाकिस्तान ने आतंकवाद को और बढ़ावा दिया है.

पढ़ेंः मलीहा लोधी को PAK ने बलि का बकरा बनाया : पूर्व राजदूत

विष्णु ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा अपने भाषणों में बदलाव की बातें करता है लेकिन उस पर यकीन नहीं किया जा सकता. जिस देश के नेता पीएम मोदी के खिलाफ भाषण देते रहते हैं और उन पर आरोप लगाते हैं, वह देश विश्वास के लायक नहीं है.

उन्होंने कहा कि इमरान खान डूबते हुए जहाज के एक नाकाम कप्तान हैं, जिन्हें ये नहीं पता कि उन्हें करना क्या है. उन्होंने कहा कि इमरान जितना अपने आप को उजागर करेंगे, उतना ही उनका असली चेहरा दुनिया के सामने आएगा.

Intro:New Delhi: Pakistan's diplomatic position towards India has witnessed many flip flops since the arrival of Imran Khan administration in 2018. His extension of the olive branch after coming to office didn't receive any heed from New Delhi as it maintained its position since Pathankot air force base attack that terror and talks can't go together.


Body:Pulwama attack only soared the relationship further. Resulting in a war like situation as fighter jets of both countries crossed the Line of Control for the first time since 1971 war.

Since government of India's decision to abrogate Article 370 from Jammu and Kashmir, Pakistan leadership has gone berserk in their attacks on Modi administration.

When approached former envoy Vishnu Prakash in this regard, he took a swipe at Pakistan for failing to stop terror emanating from its soil. He blamed Pakistan for failing to respond to India's developmental agenda all the time.

'How can we have relationship with a country which responds to overtures of peace and cooperation with terrorism, said former Ministry of External Affairs Spokerson.





Conclusion:Taking line from government of India's current stand that Pakistan is not a normal neighbour, he even accused it of being the massive proliferator for keeping the weapons of mass destruction.

Recalling India's past initiatives for starting a dialogue, he blamed Pakistan for ruining it every time with an act of terror from their side.

On what world will think of their changed narrative where its entire leadership is accusing PM Modi and his government for right wing extremism, he said, 'he is the rudderless captain of the sinking ship. The more he exposes himself the more the world will get to see his real face.'
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