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शोपियां मुठभेड़ मामले में पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने किए कई खुलासे - उमर अब्दुल्ला

18 जुलाई को शोपियां में हुए एनकाउंटर में तीन आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया था. दूसरी ओर स्‍थानीय लोगों और परिजनों ने आरोप लगाया था कि कथित एनकाउंटर में मारे गए तीनों लोग कजिन थे और शोपियां में श्रमिक के तौर पर काम कर रहे थे. इसी संबंध में जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपी वैद एसपी वैद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की.

एसपी वैद
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Published : Sep 20, 2020, 4:33 PM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में 18 जुलाई को हुई मुठभेड़ के मामले में भारतीय सेना ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है. प्रथम दृष्ट्या में मिले साक्ष्य के मद्देनजर शोपियां जिले में हुई एक मुठभेड़ में जवानों द्वारा सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया गया है. अब इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसी संबंध में ईटीवी भारत ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद से खास बातचीत की है.

अमाशीपोरा में मारे गए लोगों के आतंकवादी ना होने का दावा किया गया था और मारे गए लोगों के परिवार ने कहा था कि ये सभी लोग राजौरी के मजदूर थे. इस मामले पर विवाद होने के बाद सेना ने जांच के आदेश दिए थे. आर्मी ने शोपियां एनकाउंटर की जांच पर कहा कि एम्फीपुरा शोपियां एनकाउंटर की जांच पूरी हो चुकी थी और यह पाया गया कि ऑपरेशन के दौरान नियमों का उल्लंघन किया गया है. जिसके बाद पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर सेना की आलोचना करते हुए लिखा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद उन्हें आतंकवादी कहना एक जघन्य अपराध है. इसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

ईटीवी भारत से खास बातचीत.

'कसूरवार के खिलाफ हो कानूनी कार्रवाई'
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने शोपियां में तीन युवकों की हत्या और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और मौजूदा स्थिति के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना एक बहुत ही पेशेवर सेना है और अगर किसी ने भी ऐसी कोई गलती की है तो भारतीय सेना उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी और उम्मीद है कि इस बार भी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: पूर्व आईपीएस अनिल धस्माना एनटीआरओ प्रमुख बने, बालाकोट में रही उल्लेखनीय भूमिका

'कश्मीर के युवाओं को किया गया गुमराह'
एसपी वैद ने आगे कहा कि पुलिस और सेना के बीच अच्छे संबंध हैं और अगर कोई शिकायत है तो इसकी बड़े पैमाने पर जांच की जाती है. जम्मू-कश्मीर में सोशल मीडिया के माध्यम से कश्मीर के युवाओं को गुमराह किया गया है. ऐसे गुमराह युवाओं के माता-पिता से बात करना और उन्हें मुख्यधारा में लाना मुश्किल है. बेरोजगारी मिटानी है.

दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग
सेना ने एक बयान में कहा कि अमाशीपोरा ऑपरेशन की जांच पूरी हो चुकी थी और एएफएसपीए के तहत नियमों का अत्यधिक उपयोग करने के सबूत मिले थे. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी बयान पर प्रतिक्रिया दी है और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में 18 जुलाई को हुई मुठभेड़ के मामले में भारतीय सेना ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए कार्रवाई का आदेश दिया है. प्रथम दृष्ट्या में मिले साक्ष्य के मद्देनजर शोपियां जिले में हुई एक मुठभेड़ में जवानों द्वारा सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के तहत मिली शक्तियों का उल्लंघन किया गया है. अब इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसी संबंध में ईटीवी भारत ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद से खास बातचीत की है.

अमाशीपोरा में मारे गए लोगों के आतंकवादी ना होने का दावा किया गया था और मारे गए लोगों के परिवार ने कहा था कि ये सभी लोग राजौरी के मजदूर थे. इस मामले पर विवाद होने के बाद सेना ने जांच के आदेश दिए थे. आर्मी ने शोपियां एनकाउंटर की जांच पर कहा कि एम्फीपुरा शोपियां एनकाउंटर की जांच पूरी हो चुकी थी और यह पाया गया कि ऑपरेशन के दौरान नियमों का उल्लंघन किया गया है. जिसके बाद पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर सेना की आलोचना करते हुए लिखा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद उन्हें आतंकवादी कहना एक जघन्य अपराध है. इसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

ईटीवी भारत से खास बातचीत.

'कसूरवार के खिलाफ हो कानूनी कार्रवाई'
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने शोपियां में तीन युवकों की हत्या और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और मौजूदा स्थिति के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना एक बहुत ही पेशेवर सेना है और अगर किसी ने भी ऐसी कोई गलती की है तो भारतीय सेना उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी और उम्मीद है कि इस बार भी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें: पूर्व आईपीएस अनिल धस्माना एनटीआरओ प्रमुख बने, बालाकोट में रही उल्लेखनीय भूमिका

'कश्मीर के युवाओं को किया गया गुमराह'
एसपी वैद ने आगे कहा कि पुलिस और सेना के बीच अच्छे संबंध हैं और अगर कोई शिकायत है तो इसकी बड़े पैमाने पर जांच की जाती है. जम्मू-कश्मीर में सोशल मीडिया के माध्यम से कश्मीर के युवाओं को गुमराह किया गया है. ऐसे गुमराह युवाओं के माता-पिता से बात करना और उन्हें मुख्यधारा में लाना मुश्किल है. बेरोजगारी मिटानी है.

दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग
सेना ने एक बयान में कहा कि अमाशीपोरा ऑपरेशन की जांच पूरी हो चुकी थी और एएफएसपीए के तहत नियमों का अत्यधिक उपयोग करने के सबूत मिले थे. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी बयान पर प्रतिक्रिया दी है और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है.

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