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असम NRC : BSF जवान और पत्नी विदेशी नागरिक घोषित, पंजाब में है पोस्टिंग

असम में एनआरसी की फाइनल सूची तैयार की जा रही है. गोलघाट में विदेशी अधिकरण द्वारा दो लोगों को विदेशी नागरिक घोषित करने का मामला सामने आया है. जानें क्या है पूरा मामला

BSF जवान मोजिबुर रहमान
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Published : Aug 23, 2019, 9:06 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 1:00 AM IST

गुवाहाटी : असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के संबंध में विदेश अधिकरण द्वारा एक बार फिर लापरवाही सामने आई है. विदेश अधिकरण द्वारा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान को समेत दो लोगों को विदेशी नागरिक घोषित करने का मामला सामने आया है.

इससे पहले भी विदेशी अधिकरण सेना के अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी नागरिक घोषित कर चुका है. इस बार बीएसएफ एसआई मोजिबुर रहमान और उनकी पत्नी को विदेशी नागरिक बताया गया है.

गौरतलब है कि जिसका अंतिम संस्करण 31 अगस्त को प्रकाशित किया जाएगा. इसी बीच गोलाघाट जिले के मेरापानी के रहने वाले मोजिबुर रहमान 32 सालों से बीएसएफ में सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. फिलहाल वे पंजाब में तैनात हैं.

रहमान के पिता बपधान अली ने कहा कि दोनों को छोड़कर, उनके परिवार में सभी सदस्यों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में शामिल किया गया है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाए. उन्होंने दावा किया कि उनके परिवार के सदस्यों के पास भारतीय नागरिकता बताने वाले सभी जरूरी और पुराने कागजात हैं.

बपधान अली ने कहा, 'हम भारतीय हैं, मेरे परिवार के हर सदस्य का नाम एनआरसी में है, लेकिन मोजिबुर और उनकी पत्नी का नाम नहीं है.'

वकील का दावा- समन नहीं मिला
रहमान के परिवार के वकील ने बताया कि रहमान को जुलाई 2018 में 'डी' वोटर (संदिग्ध मतदाता) घोषित किया गया था. इसके बाद विदेश अधिकरण ने दिसंबर में उन्हें 'विदेशी' घोषित कर दिया. वकील ने दावा किया की सुनवाई के लिए उपस्थित होने के लिए उन्हें कोई समन नहीं मिला, इसलिए वह अपना पक्ष नहीं रख सके.

परिवार ने कहा कि उनके गांव के मुखिया ने उन्हें सूचित किया कि 29 जुलाई को रहमान और उनकी पत्नी को जोरहाट सर्किट हाउस में पेश होने के लिए बुलाया गया था.

सरकारी अधिकारियों ने रहमान के पिता और बहनोई को बताया कि दोनों को दिसंबर, 2018 में ही विदेशी घोषित किया गया है.

पढ़ें-असम NRC: 10 दिन में आएगा अंतिम मसौदा, कई लोगों में बेघर होने की चिंता

वहीं, रहमान ने मीडिया को बताया कि एनआरसी अपडेट करने वाले ने ठीक से काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि वे बिना गलती वाली एनआरसी चाहते हैं और इस प्रक्रिया में हमेशा सहयोग करेंगे. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि किसी भी सच्चे भारतीय को परेशान नहीं किया जाए.

सेना प्रमुख दे चुके हैं आश्वासन
इससे पहले मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी नागरिक घोषित किए जाने के बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि किसी भी जवान को एनआरसी में नाम न होने के चलते परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. सेना जवान की हर संभव सहायता करेगी.

(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई)

गुवाहाटी : असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के संबंध में विदेश अधिकरण द्वारा एक बार फिर लापरवाही सामने आई है. विदेश अधिकरण द्वारा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान को समेत दो लोगों को विदेशी नागरिक घोषित करने का मामला सामने आया है.

इससे पहले भी विदेशी अधिकरण सेना के अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी नागरिक घोषित कर चुका है. इस बार बीएसएफ एसआई मोजिबुर रहमान और उनकी पत्नी को विदेशी नागरिक बताया गया है.

गौरतलब है कि जिसका अंतिम संस्करण 31 अगस्त को प्रकाशित किया जाएगा. इसी बीच गोलाघाट जिले के मेरापानी के रहने वाले मोजिबुर रहमान 32 सालों से बीएसएफ में सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. फिलहाल वे पंजाब में तैनात हैं.

रहमान के पिता बपधान अली ने कहा कि दोनों को छोड़कर, उनके परिवार में सभी सदस्यों को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में शामिल किया गया है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाए. उन्होंने दावा किया कि उनके परिवार के सदस्यों के पास भारतीय नागरिकता बताने वाले सभी जरूरी और पुराने कागजात हैं.

बपधान अली ने कहा, 'हम भारतीय हैं, मेरे परिवार के हर सदस्य का नाम एनआरसी में है, लेकिन मोजिबुर और उनकी पत्नी का नाम नहीं है.'

वकील का दावा- समन नहीं मिला
रहमान के परिवार के वकील ने बताया कि रहमान को जुलाई 2018 में 'डी' वोटर (संदिग्ध मतदाता) घोषित किया गया था. इसके बाद विदेश अधिकरण ने दिसंबर में उन्हें 'विदेशी' घोषित कर दिया. वकील ने दावा किया की सुनवाई के लिए उपस्थित होने के लिए उन्हें कोई समन नहीं मिला, इसलिए वह अपना पक्ष नहीं रख सके.

परिवार ने कहा कि उनके गांव के मुखिया ने उन्हें सूचित किया कि 29 जुलाई को रहमान और उनकी पत्नी को जोरहाट सर्किट हाउस में पेश होने के लिए बुलाया गया था.

सरकारी अधिकारियों ने रहमान के पिता और बहनोई को बताया कि दोनों को दिसंबर, 2018 में ही विदेशी घोषित किया गया है.

पढ़ें-असम NRC: 10 दिन में आएगा अंतिम मसौदा, कई लोगों में बेघर होने की चिंता

वहीं, रहमान ने मीडिया को बताया कि एनआरसी अपडेट करने वाले ने ठीक से काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि वे बिना गलती वाली एनआरसी चाहते हैं और इस प्रक्रिया में हमेशा सहयोग करेंगे. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि किसी भी सच्चे भारतीय को परेशान नहीं किया जाए.

सेना प्रमुख दे चुके हैं आश्वासन
इससे पहले मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी नागरिक घोषित किए जाने के बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि किसी भी जवान को एनआरसी में नाम न होने के चलते परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. सेना जवान की हर संभव सहायता करेगी.

(एक्सट्रा इनपुट- पीटीआई)

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Golaghat, 23 August : Two people have been declared foreigners by Foreigners Tribunal at Golaghat in Assam. The Foreigners Tribunal frequently declared several people with the tag of foreigner. But surprisingly after detaining army officer, Mohd Sanaullah on allegation raisesd against him as a foreigner, this time an another sensational news came into light as another BSF official along with his wife have been declared foreigners by Foreigner's Tribunal at Golaghat. Mojibur Rahman, who is an inhabitant of Merapani in Golaghat district, has been serving as a Sub-Inspector at Border Security Force for 32 years. The BSF officer now a days serving his duty for the motherland in Punjab 


Conclusion:
Last Updated : Sep 28, 2019, 1:00 AM IST

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