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पश्चिम बंगाल में मंदिरों को जबरन खोलना उचित नहीं : दिलीप घोष

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Published : Jun 1, 2020, 10:12 AM IST

कोरोना के चलते देश के अलग-अलग राज्यों में मंदिरों को बंद कर दिया गया था. लेकिन अब उसे खोला जा रहा है. ममता सरकार ने मंदिरों को खोलने के आदेश दिए हैं. लेकिन भाजपा इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि मंदिर को जबरन खुलवाया जाना ठीक नहीं है.

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पश्चिम बंगाल में मंदिरों को जबरन खोलना उचित नहीं

कोलकाता : पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि राज्य में जबरन मंदिरों को खोलना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि पुजारियों को भी कोरोना का खतरा है.

घोष ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि मंदिरों को जबरन क्यों खोला जा रहा है ? उन्होंने कहा कि हमें कालीघाट मंदिर से जानकारी मिली है, जहां खुद पुजारी कोरोना फैलने से डरे हुए थे. इसकी क्या जरूरत है?

श्रमिकों की घर वापसी को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ली है लेकिन राज्य सरकार उन्हें वापस लेने को तैयार नहीं है, तो क्या इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है ? राज्य सरकार ने मुस्लिम श्रमिकों को उनके घर आने का मौका भी नहीं दिया.

यह भी पढ़ें : पश्चिम बंगाल में एक जून से खोले जाएंगे धार्मिक स्थल : ममता

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में कोई भी लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहा है. इस वजह से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ेंगे. यह केवल भाजपा के लोगों के लिए था. राज्य सरकार ने राज्यपाल और केंद्र सरकार पर आरोप लगाने में ही दो महीने बर्बाद कर दिए हैं.

घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शारीरिक और मानसिक रूप से थक गई हैं इसलिए उन्हें क्वारंटाइन होना चाहिए. इसलिए उन्होंने कोरोना को पिलो बनाने की सलाह दी है.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि राज्य में जबरन मंदिरों को खोलना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि पुजारियों को भी कोरोना का खतरा है.

घोष ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि मंदिरों को जबरन क्यों खोला जा रहा है ? उन्होंने कहा कि हमें कालीघाट मंदिर से जानकारी मिली है, जहां खुद पुजारी कोरोना फैलने से डरे हुए थे. इसकी क्या जरूरत है?

श्रमिकों की घर वापसी को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ली है लेकिन राज्य सरकार उन्हें वापस लेने को तैयार नहीं है, तो क्या इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है ? राज्य सरकार ने मुस्लिम श्रमिकों को उनके घर आने का मौका भी नहीं दिया.

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उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में कोई भी लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहा है. इस वजह से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ेंगे. यह केवल भाजपा के लोगों के लिए था. राज्य सरकार ने राज्यपाल और केंद्र सरकार पर आरोप लगाने में ही दो महीने बर्बाद कर दिए हैं.

घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शारीरिक और मानसिक रूप से थक गई हैं इसलिए उन्हें क्वारंटाइन होना चाहिए. इसलिए उन्होंने कोरोना को पिलो बनाने की सलाह दी है.

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