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चौपट हुआ फूलों का व्यापार, किसान बोले- बर्बाद हो गई मेहनत - लॉकडाउन से बंद हुआ फूलों का व्यापार

फूलों की खेती करने वाले किसान लॉकडाउन की बड़ी कीमत चुका रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से सब कुछ बंद है, जिसका सीधा असर फूलों की खेती पर पड़ा और व्यापारियों और किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है.

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चौपट हुआ फूलों का व्यापार
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Published : Apr 7, 2020, 6:14 PM IST

भोपाल : कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है. लगातार बाजार बंद होने से छोटे-बड़े सभी उद्योग धंधों को नुकसान हो रहा है. फूलों के व्यापार में भी लॉकडाउन का असर हुआ, जिससे फूलों की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. क्योंकि इस महीने शादी समारोह के आयोजन के साथ-साथ कईं पर्व मनाए जाते हैं, जिसमें नवदुर्गा, महावीर जयंती, हनुमान जयंती शामिल हैं. लेकिन कोरोना के चलते यह सभी आयोजन रद्द हैं, जिसका सीधा असर व्यापार पर पड़ रहा है.

फूलों की खेती करने वाले किसानों को किस तरह नुकसान उठाना पड़ा. इसकी पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने फूलों की खेती करने वाले किसानों से चर्चा की. किसान प्रेम सिंह ने बताया कि इस समय हम पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. हमारी लहलहाती फूल की फसल पूरी तरह से मुरझा चुकी है. अब न तो हम इसको कहीं जाकर बेच सकते हैं और न हीं हम इसको तोड़कर रख सकते हैं, जिससे उन्हें हर दिन फूलों के तोड़कर फेंकना पड़ रहा है.

चौपट हुआ फूलों का व्यापार

किसान प्रेम सिंह 20 बीघा में गुलाब, गेंदा और सफेद फूलों की खेती करते हैं, लेकिन हालात यह है कि खेतों में ही फूल मुरझा कर नीचे गिर रहे हैं और पौधे सूखने की कगार पर हैं. सफेद फूल की हालत तो ऐसी हो गई है कि वह पूरी तरह से मुरझा कर काले पड़ गए हैं. किसान प्रेम सिंह का कहना है अब तक हमें लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है. अगर आगे भी यही हालात रहे, तो फूल की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी.

भोपाल : कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है. लगातार बाजार बंद होने से छोटे-बड़े सभी उद्योग धंधों को नुकसान हो रहा है. फूलों के व्यापार में भी लॉकडाउन का असर हुआ, जिससे फूलों की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. क्योंकि इस महीने शादी समारोह के आयोजन के साथ-साथ कईं पर्व मनाए जाते हैं, जिसमें नवदुर्गा, महावीर जयंती, हनुमान जयंती शामिल हैं. लेकिन कोरोना के चलते यह सभी आयोजन रद्द हैं, जिसका सीधा असर व्यापार पर पड़ रहा है.

फूलों की खेती करने वाले किसानों को किस तरह नुकसान उठाना पड़ा. इसकी पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने फूलों की खेती करने वाले किसानों से चर्चा की. किसान प्रेम सिंह ने बताया कि इस समय हम पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं. हमारी लहलहाती फूल की फसल पूरी तरह से मुरझा चुकी है. अब न तो हम इसको कहीं जाकर बेच सकते हैं और न हीं हम इसको तोड़कर रख सकते हैं, जिससे उन्हें हर दिन फूलों के तोड़कर फेंकना पड़ रहा है.

चौपट हुआ फूलों का व्यापार

किसान प्रेम सिंह 20 बीघा में गुलाब, गेंदा और सफेद फूलों की खेती करते हैं, लेकिन हालात यह है कि खेतों में ही फूल मुरझा कर नीचे गिर रहे हैं और पौधे सूखने की कगार पर हैं. सफेद फूल की हालत तो ऐसी हो गई है कि वह पूरी तरह से मुरझा कर काले पड़ गए हैं. किसान प्रेम सिंह का कहना है अब तक हमें लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है. अगर आगे भी यही हालात रहे, तो फूल की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी.

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