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UP के बलरामपुर में भारी बारिश, 100 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में

तेज बारिश के कारण बलरामपुर जिले के कई नाले और नदी अपने उफान पर हैं. कई जगहों पर जलभराव की समस्या पैदा हो गई है जबकि जगहों पर सड़कें भी पानी के साथ बह गई हैं.

बलरामपुर में बाढ़
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Published : Jun 27, 2019, 9:49 PM IST

बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में पिछले शनिवार रात और रविवार पूरे दिन बारिश हुई. इसके कारण के कई नाले और नदी अपने उफान पर हैं. राप्ती नदी अपने निर्धारित क्षमता से ऊपर बह रही है. इसके कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं.

पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण हरैया सतघरवा, ललिया, तुलसीपुर, गैंसड़ी, गौरा व पचपेड़वा क्षेत्रों में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है. इस कारण कई जगहों पर सड़कें भी पानी से बह गई है.

हरिहरगंज, ललिया बलरामपुर तुलसीपुर बौद्ध परिपथ गौरा चौराहा तुलसीपुर मार्ग पर कई स्थानों पर पानी का बहाव तेज है.इस कारण आवागमन पूरी तरह से ठप चल रहा है.

राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण 100 से अधिक गांव पूरी तरह से चपेट में हैं. नालों की बाढ़ से भुसावल, लखनीपुर, पिट्ठा लौकहावा, खैरापुर, नारायणापुर, प्रतापपुर समेत 50 गांव बुरी तरह प्रभावित नजर आ रहे हैं. जिले में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में ललिया व हरैया थाना क्षेत्र के लोग नजर आते हैं.

बलरामपुर में बाढ़

ललिया थाना क्षेत्र के पिट्ठा निवासी सद्दाम खान बताते हैं कि किसी तरह की प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है.हम लोग के साथ भोजन की समस्या खड़ी हो गई है। लोग पलायन करने पर मजबूर हैं.लोग अब सड़कों पर रह रहे हैं क्योंकि घरों में पानी भर चुका है.

वहीं, रज्जाक बताते हैं कि इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ है। बाढ़ के कारण हर साल लाखों की फसलें बर्बाद होती है और बड़े पैमाने पर धन जन की हानि होती है. लेकिन, प्रशासन आंखें मूंदकर सो रहा है। किसी व्यवस्था को कोई देखने वाला नहीं है.

पढे़ं- उत्तराखंड में हाथियों ने पर्यटकों की कारों को निशाना बनाया, देखें वीडियो

वहीं, बाढ़ से जुड़े तमाम प्रशासनिक तैयारियों पर बात करते हुए जिलाधिकारी कृष्णा का कहना हैं कि हमने जिले में पढ़ने वाले सभी 16 बांधों को चेक करवा लिया है. बांधों में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। बाढ़ अचानक आई है.

इस कारण बहुत ज्यादा तैयारी का समय नहीं मिल सका है.फिर भी खाना इत्यादि के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है.

वहीं, फैजाबाद से बात करके एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को तमाम जगहों पर तैनात करने की कवायद शुरू कर दी गई है.इसके अतिरिक्त बाढ़ चौकियों का निर्माण कर दिया गया है और अगले 1 जुलाई से सभी बाढ़ चौकियां क्षमता से काम करना शुरू कर देंगी.

बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में पिछले शनिवार रात और रविवार पूरे दिन बारिश हुई. इसके कारण के कई नाले और नदी अपने उफान पर हैं. राप्ती नदी अपने निर्धारित क्षमता से ऊपर बह रही है. इसके कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं.

पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण हरैया सतघरवा, ललिया, तुलसीपुर, गैंसड़ी, गौरा व पचपेड़वा क्षेत्रों में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है. इस कारण कई जगहों पर सड़कें भी पानी से बह गई है.

हरिहरगंज, ललिया बलरामपुर तुलसीपुर बौद्ध परिपथ गौरा चौराहा तुलसीपुर मार्ग पर कई स्थानों पर पानी का बहाव तेज है.इस कारण आवागमन पूरी तरह से ठप चल रहा है.

राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण 100 से अधिक गांव पूरी तरह से चपेट में हैं. नालों की बाढ़ से भुसावल, लखनीपुर, पिट्ठा लौकहावा, खैरापुर, नारायणापुर, प्रतापपुर समेत 50 गांव बुरी तरह प्रभावित नजर आ रहे हैं. जिले में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में ललिया व हरैया थाना क्षेत्र के लोग नजर आते हैं.

बलरामपुर में बाढ़

ललिया थाना क्षेत्र के पिट्ठा निवासी सद्दाम खान बताते हैं कि किसी तरह की प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है.हम लोग के साथ भोजन की समस्या खड़ी हो गई है। लोग पलायन करने पर मजबूर हैं.लोग अब सड़कों पर रह रहे हैं क्योंकि घरों में पानी भर चुका है.

वहीं, रज्जाक बताते हैं कि इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ है। बाढ़ के कारण हर साल लाखों की फसलें बर्बाद होती है और बड़े पैमाने पर धन जन की हानि होती है. लेकिन, प्रशासन आंखें मूंदकर सो रहा है। किसी व्यवस्था को कोई देखने वाला नहीं है.

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वहीं, बाढ़ से जुड़े तमाम प्रशासनिक तैयारियों पर बात करते हुए जिलाधिकारी कृष्णा का कहना हैं कि हमने जिले में पढ़ने वाले सभी 16 बांधों को चेक करवा लिया है. बांधों में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। बाढ़ अचानक आई है.

इस कारण बहुत ज्यादा तैयारी का समय नहीं मिल सका है.फिर भी खाना इत्यादि के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है.

वहीं, फैजाबाद से बात करके एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को तमाम जगहों पर तैनात करने की कवायद शुरू कर दी गई है.इसके अतिरिक्त बाढ़ चौकियों का निर्माण कर दिया गया है और अगले 1 जुलाई से सभी बाढ़ चौकियां क्षमता से काम करना शुरू कर देंगी.

Intro:बलरामपुर जिला इस समय भीषण बाढ़ की समस्या से दो-चार हो रहा है। पिछले शनिवार रात और रविवार पूरे दिन हुई बारिश के कारण जिले के कई नाले और नदी अपने उफान पर हैं। राप्ती नदी अपने निर्धारित क्षमता से ऊपर बह रही है। पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण हरैया सतघरवा, ललिया, तुलसीपुर, गैंसड़ी, गौरा व पचपेड़वा क्षेत्रों में जलभराव की समस्या है। इस कारण कई जगहों पर सड़कें भी पानी से बह गई है। हरिहरगंज, ललिया बलरामपुर तुलसीपुर बौद्ध परिपथ गौरा चौराहा तुलसीपुर मार्ग पर कई स्थानों पर पानी का बहाव तेज है। इस कारण आवागमन पूरी तरह से ठप चल रहा है। राप्ती नदी अपने चेतावनी बिंदु से तकरीबन 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।Body:राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण 100 से अधिक गांव पूरी तरह से चपेट में हैं। नालों की बाढ़ से भुसावल, लखनीपुर, पिट्ठा लौकहावा, खैरापुर, नारायणापुर, प्रतापपुर समेत 50 गांव बुरी तरह प्रभावित नजर आ रहे हैं। वहीं, राप्ती नदी की बाढ़ के कारण परसा, सेवरहा, थारुवा, थारुनी, सिंघवापुर, गोदहना, नेवरी दात रंगवा जंबू दीप घुसल बा हर हटा गोदाना खजूरिया राजाजोत व अन्य तमाम गांव प्रभावित नजर आ रहे हैं।
जिले में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में ललिया व हरैया थाना क्षेत्र के लोग नजर आते हैं। Conclusion:ललिया थाना क्षेत्र के पिट्ठा निवासी सद्दाम खान बताते हैं कि किसी तरह की प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। हम लोग के साथ भोजन की समस्या खड़ी हो गई है। लोग पलायन करने पर मजबूर हैं। लोग अब सड़कों पर रह रहे हैं क्योंकि घरों में पानी भर चुका है।
वहीं, रज्जाक बताते हैं कि इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ है। बाढ़ के कारण हर साल लाखों की फसलें बर्बाद होती है और बड़े पैमाने पर धन जन की हानि होती है। लेकिन प्रशासन आंखें मूंदकर सो रहा है। किसी व्यवस्था को कोई देखने वाला नहीं है।
एक बार के कारण चपेट में आए लोगों के प्रति प्रशासनिक व सरकार की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त न होने पर तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक कैलाश नाथ शुक्ला कहते हैं कि या बाद 2 दिन के बारिश के बाद अचानक आ गई। इस कारण सरकार व प्रशासन को बहुत ज्यादा तैयारी का समय नहीं मिल सकता। फिर भी हम लोग प्रयासरत हैं कि जल्द से जल्द तमाम व्यवस्थाएं सुचारू रूप से शुरू करवाई जाए।
वहीं, बाढ़ से जुड़े तमाम प्रशासनिक तैयारियों पर बात करते हुए जिलाधिकारी कृष्णा करने बताते हैं कि हमने जिले में पढ़ने वाले सभी 16 बांधों को चेक करवा लिया है। बांधों में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। बाढ़ अचानक आई है। इस कारण बहुत ज्यादा तैयारी का समय नहीं मिल सका है। फिर भी खाना इत्यादि के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। वहीं, फैजाबाद से बात करके एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को तमाम जगहों पर तैनात करने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके अतिरिक्त बाढ़ चौकियों का निर्माण कर दिया गया है और अगले 1 जुलाई से सभी बाढ़ चौकियां क्षमता से काम करना शुरू कर देंगी।
वह कहते हैं कि तुलसीपुर बलरामपुर मार्ग सहित कई मार्ग पूरी तरह से ठप पड़े हैं जिनको फिर से शुरू करने की कवायद तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। वह विस्थापित हुए लोगों के लिए प्रशासन द्वारा व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने का काम शुरू किया जा चुका है।
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