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आंध्र प्रदेश : बाढ़ पीड़ित किसानों की आखरी उम्मीद सरकार - Farmers Guarantee Fund

आंध्र प्रदेश में आई बाढ़ के कारण किसानों की फसल पानी में डूब गई. वहीं बाढ़ के पानी खेतों तक जा पहुंचा है. ग्रामीण बारिश से परेशान हो रहे हैं. ऐसी स्थिती में किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

Flood hit farmers in Andhra place
आंध्र प्रदेश में किसान परेशाना
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Published : Oct 20, 2020, 1:55 PM IST

अमरावती : आंध्र प्रदेश में भारी बारीश के बाद धान की फसल पर निर्भर किसानों ने मदद की उम्मीद छोड़ दी है. अब उनके लिए किसान गारंटी फंड के रूप में सरकार द्वारा राहत के रूप में प्रदान किया जाने वाला मुआवजा एकमात्र रास्ता बचा है.

कृष्णा जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र धीरे-धीरे पटरी पर आता दिख रहा है. हालांकि, लंका सहित पास के गांव अभी भी जलमग्न हैं. प्रकाशम बैराज से छह लाख 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नीचे के रिहायशी इलाके और खेत पानी में डूब गए हैं.

आंध्र प्रदेश में भारी बारिश के बाद बाढ़ से परेशान किसान

जग्गय्यपेता का जल स्तर लगभग 12 फीट तक गिर गया है. अवनीगड्डा और मोपीदेवी मंडल के कई गांव अभी भी डूबे हुए हैं. पुलीगड्डा एक्काडक्ट में बाढ़ का प्रवाह दो फीट घटकर 18 फीट हो गया है.

पढ़ें - सात माह बाद फिर पटरी पर दौड़ेगी कालका शिमला टॉय ट्रेन

इन सब विषयों के लेकर कलेक्टर सैमुअल आनंद ने कहा कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. अधिकारियों को बाढ़ग्रस्त गांवों में पीने के पानी, सफाई और मच्छरों पर नियंत्रण के काम के लिए निर्देश दिए गए हैं.

अमरावती : आंध्र प्रदेश में भारी बारीश के बाद धान की फसल पर निर्भर किसानों ने मदद की उम्मीद छोड़ दी है. अब उनके लिए किसान गारंटी फंड के रूप में सरकार द्वारा राहत के रूप में प्रदान किया जाने वाला मुआवजा एकमात्र रास्ता बचा है.

कृष्णा जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र धीरे-धीरे पटरी पर आता दिख रहा है. हालांकि, लंका सहित पास के गांव अभी भी जलमग्न हैं. प्रकाशम बैराज से छह लाख 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नीचे के रिहायशी इलाके और खेत पानी में डूब गए हैं.

आंध्र प्रदेश में भारी बारिश के बाद बाढ़ से परेशान किसान

जग्गय्यपेता का जल स्तर लगभग 12 फीट तक गिर गया है. अवनीगड्डा और मोपीदेवी मंडल के कई गांव अभी भी डूबे हुए हैं. पुलीगड्डा एक्काडक्ट में बाढ़ का प्रवाह दो फीट घटकर 18 फीट हो गया है.

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इन सब विषयों के लेकर कलेक्टर सैमुअल आनंद ने कहा कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. अधिकारियों को बाढ़ग्रस्त गांवों में पीने के पानी, सफाई और मच्छरों पर नियंत्रण के काम के लिए निर्देश दिए गए हैं.

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