मुंबई : हर साल हजारों की तदाद में राजहंस पक्षी गुजरात के कच्छ से उड़कर मुंबई के तटीय क्षेत्रों में आते हैं. मानसून के कारण इस बार इनकी टोली कुछ विलंब से आई है. हालांकि अब तक हजारों राजहंस पक्षी आ चुके है. इन प्रवासी पक्षियों का आगमन दिसंबर के अंत तक जारी रहेगा.
राजहंसों का प्रवास मुंबई के ऐरोली के तटीय और समुद्री जैव विविधता के लिए लाभदायक साबित हो रहा है. ऐरोली वन विभाग के अनुसार राजहंस सफारी की शुरुआत 15 नवंबर से की गई है और नौका विहार के जरिए 300 से अधिक पर्यटकों ने अब तक इसका आनंद लिया.
भारतीय पर्यटक के साथ से विदेशी छात्र भी राजहंस पक्षी के इस प्रवास मौसम और सफारी के मनोरम दृश्य को देखने आते हैं. स्थानीय प्रशासन के अनुसार वे सरकारी स्कूलों के छात्रों को मुफ्त प्रवेश दे रहे हैं और समुद्री जैव विविधता के बारे में जानकारी देते हैं.
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वन विभाग ने बताया कि आने वाले छात्रों को मुफ्त बस की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है. ऐरोली करीब 20 किलोमीटर का तटीय क्षेत्र है और यहां हर साल लगभग 200 से अधिक राजहंस विस्थापित हो जाते हैं.
इसके अलावा इस मनोहारी स्थान पर मुंडुख, पश्चिमी रीफ-एर्गेट, वेस्टर्न रीफ-एग्रेट, रिवर टर्न, सैंडपाइपर, ग्रीन शंक, हेरोन्स, एग्रेस, क्रेन्स, वागटेल, स्वैलोज सहित कुछ अन्य पक्षी भी देखे जा सकते हैं.